रांचीः 75 करोड़ के बैंक घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है. बुधवार को ईडी की टीम ने एक साथ सरावगी ब्रदर्स एंड डेवलपर्स से जुड़े मामले में रांची के अलग-अलग बिल्डर और चार्टर्ड अकाउंटेंट के नौ ठिकानों पर छापेमारी की. कार्रवाई के दौरान ईडी ने रांची के इलिका इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक संतोष जैन के फ्लैट से 3 करोड़, जबकि बिल्डर गौतम मोदी के फ्लैट से 41 लाख रुपये बरामद किए.
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नगद को लेकर हुई पूछताछ
प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने जब्त नगदी के संबंध में बिल्डर्स से पूछताछ भी की है. लेकिन इस संबंध में कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया है. ईडी के अधिकारियों के मुताबिक दोनों बिल्डर के यहां मिले नगदी के संबंध में आयकर विभाग को पत्र लिखा जाएगा, आयकर विभाग अलग से इस मामले में कार्रवाई करेगा.
ईडी के अधिकारियों के मुताबिक टीम ने कांके रोड में स्वाई विला में बिल्डर ज्ञान सरावगी के यहां भी छापेमारी की. ईडी ने मौके से बैंक खातों से जुड़े कागजात, निवेश से जुड़े पेपर समेत कई महत्वपूर्ण कागजात जब्त किए हैं. ईडी की टीम ने इलिका इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक संतोष जैन और आकाश अडुकिया के यहां से भी महत्वपूर्ण कागजात जब्त किए हैं.
सरागवगी बिल्डर के अलग-अलग ठिकानों पर छापा
ईडी की टीम ने किशोरगंज चौक में समृद्धि अपार्टमेंट में सरावगी बिल्डर्स एंड डेवलपर्स के कार्यालय में भी छापा मारा. ईडी की टीम एसजी एक्सोटिका के संचालक गौतम मोदी और सुभाष मोदी के ब्लेयर अपार्टमेंट और पलाश अपार्टमेंट स्थित ठिकानों पर भी कार्रवाई की गई. वहां से भी पुलिस ने कागजात बरामद किया. बैंक लोन घोटाले में ईडी ने चार्टर्ड अकाउंटेंट अनीश अग्रवाल के एसजी एक्सोटिका स्थित आवास पर भी छापा मारा. ईडी के अधिकारियों के मुताबिक पूरे मामले में कई महत्वपूर्ण कागजात मिले हैं. करोड़ों के निवेश के सबूत भी मिले हैं. जब्त सारे कागजातों का सूक्ष्मता से अध्ययन किया जा रहा है.
शेल कंपनी बनाकर किया था निवेश, सीबीआई कर चुकी है चार्जशीट
रांची में बैंक ऑफ इंडिया की लालपुर शाखा समेत अलग अलग बैंकों से सरावगी बिल्डर्स एंड डेवलपर्स ने 75 करोड़ से अधिक लोन की निकासी की थी. इसके बाद सीए अनीश अग्रवाल की मदद से बिल्डर्स ने लोन के पैसों को अलग अलग खातों में ट्रांसफर कर दिया था. इस मामले में सीबीआई ने पूर्व में केस दर्ज कर चार्जशीट दायर की थी. सीबीआई की चार्जशीट के आधार पर ईडी ने इस केस में अलग से मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था, जिसके बाद ईडी ने इस केस में नौ ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की.