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छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की आंच झारखंड पहुंची, एक्साइज सेक्रेटरी और डायरेक्टर को ईडी का नोटिस

छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की आंच झारखंड तक पहुंच गई है. एक्साइज सेक्रेटरी विनय कुमार चौबे और डायरेक्टर करण सत्यार्थी को ईडी ने नोटिस भेजा है.

ED notice to two IAS officers of Jharkhand
झारखंड के अधिकारी विनय चौबे और करण सत्यार्थी
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Published : Apr 17, 2023, 6:30 PM IST

रांची: छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच कर रही ईडी ने झारखंड के एक्साइज डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी विनय कुमार चौबे और डायरेक्टर करण सत्यार्थी को नोटिस जारी किया है. दरअसल, झारखंड सरकार ने पिछले साल एक्साइज की नई पॉलिसी लागू की थी और इसे जमीन पर उतारने के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के साथ करार करते हुए उसे बतौर कंसल्टेंट नियुक्त किया था. ईडी की छत्तीसगढ़ इकाई ने झारखंड के अधिकारियों से इस करार के बारे में अपना पक्ष रखने को कहा है.

ये भी पढ़ें- CBI summons to Kejriwal: CBI ने साढ़े 9 घंटे में पूछे 56 सवाल, दोबारा भी हो सकती है पूछताछ

ईडी की छत्तीसगढ़ इकाई वहां हुए जिस शराब घोटाले की जांच कर रही है, उसमें छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के तत्कालीन एमडी अरुण पति त्रिपाठी और उनके सहयोगी सिद्धार्थ सिंघानिया की बड़ी भूमिका बताई जा रही है. ईडी झारखंड सरकार के एक्साइज सेक्रेटरी और डायरेक्टर से यह जानना चाहती है कि झारखंड में शराब बिक्री की पॉलिसी में इन दोनों शख्स की क्या भूमिका रही है?

चूंकि झारखंड सरकार ने छत्तीसगढ़ की तर्ज पर ही एक्साइज पॉलिसी लागू की थी, इसलिए यह संभावना जताई जा रही है कि ईडी की जांच की आंच यहां भी पहुंचेगी. झारखंड सरकार ने शराब की खुदरा बिक्री अपने हाथ में लेते हुए सरकार ने प्लेसमेंट एजेंसियों को दुकानें चलाने का जिम्मा सौंपा था. झारखंड में यह काम छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के तत्कालीन एमडी अरुण पति त्रिपाठी और उनके साझीदार सिद्धार्थ सिंघानिया की देखरेख में धरातल पर उतारा गया था.

माना जा रहा है कि झारखंड सरकार के एक्साइज सेक्रेटरी और डायरेक्टर की ओर से इस मामले में ईडी के समक्ष पक्ष रखे जाने के बाद यहां भी जांच शुरू हो सकती है.

इनपुट-आईएएनएस

रांची: छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच कर रही ईडी ने झारखंड के एक्साइज डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी विनय कुमार चौबे और डायरेक्टर करण सत्यार्थी को नोटिस जारी किया है. दरअसल, झारखंड सरकार ने पिछले साल एक्साइज की नई पॉलिसी लागू की थी और इसे जमीन पर उतारने के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के साथ करार करते हुए उसे बतौर कंसल्टेंट नियुक्त किया था. ईडी की छत्तीसगढ़ इकाई ने झारखंड के अधिकारियों से इस करार के बारे में अपना पक्ष रखने को कहा है.

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ईडी की छत्तीसगढ़ इकाई वहां हुए जिस शराब घोटाले की जांच कर रही है, उसमें छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के तत्कालीन एमडी अरुण पति त्रिपाठी और उनके सहयोगी सिद्धार्थ सिंघानिया की बड़ी भूमिका बताई जा रही है. ईडी झारखंड सरकार के एक्साइज सेक्रेटरी और डायरेक्टर से यह जानना चाहती है कि झारखंड में शराब बिक्री की पॉलिसी में इन दोनों शख्स की क्या भूमिका रही है?

चूंकि झारखंड सरकार ने छत्तीसगढ़ की तर्ज पर ही एक्साइज पॉलिसी लागू की थी, इसलिए यह संभावना जताई जा रही है कि ईडी की जांच की आंच यहां भी पहुंचेगी. झारखंड सरकार ने शराब की खुदरा बिक्री अपने हाथ में लेते हुए सरकार ने प्लेसमेंट एजेंसियों को दुकानें चलाने का जिम्मा सौंपा था. झारखंड में यह काम छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के तत्कालीन एमडी अरुण पति त्रिपाठी और उनके साझीदार सिद्धार्थ सिंघानिया की देखरेख में धरातल पर उतारा गया था.

माना जा रहा है कि झारखंड सरकार के एक्साइज सेक्रेटरी और डायरेक्टर की ओर से इस मामले में ईडी के समक्ष पक्ष रखे जाने के बाद यहां भी जांच शुरू हो सकती है.

इनपुट-आईएएनएस

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