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अवैध खनन के सवालों में उलझे साहिबगंज डीएमओ विभूति, 11 घंटे तक हुई ईडी की पूछताछ - पूजा सिंघल प्रकरण

रांची में साहिबगंज डीएमओ से ईडी की पूछताछ हुई. अवैध खनन के सवालों में डीएमओ विभूति उलझ गए. ईडी के दफ्तर में करीब 11 घंटे तक उनसे पूछताछ की गई.

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साहिबगंज डीएमओ
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Published : May 24, 2022, 6:46 AM IST

Updated : May 24, 2022, 7:38 AM IST

रांचीः प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को साहिबगंज डीएमओ विभूति कुमार और रांची डीएमओ संजीव कुमार से लंबी पूछताछ की. विभूति से ईडी ने 11 घंटे तक पूछताछ की तो रांची डीएमओ संजीव से 13 घंटे तक सवाल जवाब किए गए. दोनों देर रात तक अपने घर लौटे.

इसे भी पढ़ें- पूजा सिंघल प्रकरणः साहिबगंज के डीएमओ पहुंचे ईडी ऑफिस, कई राज पर से पर्दा उठाने में जुटी एजेंसी


सवालों में उलझे डीएमओ विभूतिः ईडी से पिछले चार दिनों से छिपते रहे साहिबगंज डीएमओ विभूति कुमार आखिरकार सोमवार को ईडी के सामने हाजिर हुए. जिसके बाद ईडी ने उनसे सुबह के 10 बजे लेकर रात के 10 बजे तक लंबी पूछताछ की. ईडी के सवालों में डीएमओ विभूति उलझते नजर आए. मिली जानकारी के अनुसार साहिबगंज के डीएमओ विभूति कुमार जिला में अवैध खनन और स्टोन चिप्स की तस्करी व खान लीज आवंटन के मुद्दे पर पूछताछ के दौरान उलझ कर रह गए. वो ईडी की सवालों का सही से जवाब नहीं दे पा रहे थे.

वहीं रांची के डीएमओ संजीव कुमार से सीएम हेमंत सोरेन को खान लीज के आवंटन और फिर आवंटन सरेंडर के मुद्दे पर विभागीय पहलूओं पर सवाल जवाब किए गए. 16 मार्च को ही ईडी ने विभूति कुमार को नोटिस भेजा था. लेकिन तब 17 मार्च को बेटी की शादी का हवाला देते हुए वह ईडी के समक्ष हाजिर नहीं हुए थे. बाद में विभूति ने पंद्रह दिनों की मांग ईडी से की थी. लेकिन ईडी इस संबंध में कोई कार्रवाई करती इससे पहले विभूति कुमार ईडी के समक्ष हाजिर हो गए.

पूजा सिंघल लाभान्वित हुई या नहीं बताएंः सुबह तकरीबन दस बजे डीएमओ विभूति कुमार अपनी स्कूटर से ईडी कार्यालय पहुंचे थे. जबकि कैमरे की नजरों से बचने के लिए संजीव कुमार काफी पहले कार्यालय में प्रवेश कर गए थे. सूत्रों के मुताबिक, दोनों अधिकारियों के ईडी कार्यालय आने के बाद पूछताछ कर रहे अफसर उन्हें पूजा सिंघल के पास ले गए. इसके बाद उनसे पूछा कि वह उन्हें पहचानते हैं या नहीं. साथ ही उन्हें कब कब और कैसे लाभान्वित किया है यह भी बताएं.

डिजिटल डिवाइस से मिले सबूत दिखाकर पूछे सवालः ईडी के अधिकारियों ने विभूति कुमार को पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों, संदिग्धों व गवाहों के डिजिटल डिवाइस से मिले सबूतों को दिखाया व उससे जुड़े सवाल पूछे. ईडी ने राजनीतिज्ञों व नौकरशाहों से जुड़ी एक लिस्ट दिखाकर विभूति कुमार से पूछा कि साहिबगंज में पद पर रहते हुए इनमें से किस किस को उन्होंने लाभान्वित किया है. पैसों की लेनदेन से जुड़े साक्ष्य मिलने की बात कह ईडी ने सवाल किया कि वह यह बताएं कि उन्होंने कितने लोगों को कब कब पैसे दिए, साथ ही अवैध खनन के जरिए कितनी राशि अर्जित की है.

साहिबगंज में अवैध खनन रोकने के लिए क्या कियाः इडी के अधिकारियों ने साहिबगंज में डीएमओ रहते हुए पूरे कार्यकाल के विषय में जानकारी ली. इसके बाद उनसे पूछा कि अपने कार्यकाल में अवैध खनन रोकने के लिए उन्होंने क्या कार्रवाई की. साहिबगंज में स्टोन क्रशर के कितने अवैध व कितने वैध प्लांट हैं, अवैध प्लांट के खिलाफ कितने कार्रवाई पूरे कार्यकाल में हुई ये भी ईडी ने पूछा. गंगा नदी के रास्ते स्टोन चिप्स की तस्करी व रेलवे के जरिए बाहर स्टोन चिप्स भेजने के सवालों पर भी ईडी ने पूछा. ईडी ने विभूति कुमार से पूछा कि मार्च महीने में गंगा नदी में स्टोन चिप्स ले जा रही गाड़ियां गंगा नदी में डूब गईं थीं. इन हादसे में जो ट्रक डूबे थे, उसके ट्रांसपोर्टेशन के लिए चालान कहां से निर्गत हुआ था.

रांचीः प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को साहिबगंज डीएमओ विभूति कुमार और रांची डीएमओ संजीव कुमार से लंबी पूछताछ की. विभूति से ईडी ने 11 घंटे तक पूछताछ की तो रांची डीएमओ संजीव से 13 घंटे तक सवाल जवाब किए गए. दोनों देर रात तक अपने घर लौटे.

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सवालों में उलझे डीएमओ विभूतिः ईडी से पिछले चार दिनों से छिपते रहे साहिबगंज डीएमओ विभूति कुमार आखिरकार सोमवार को ईडी के सामने हाजिर हुए. जिसके बाद ईडी ने उनसे सुबह के 10 बजे लेकर रात के 10 बजे तक लंबी पूछताछ की. ईडी के सवालों में डीएमओ विभूति उलझते नजर आए. मिली जानकारी के अनुसार साहिबगंज के डीएमओ विभूति कुमार जिला में अवैध खनन और स्टोन चिप्स की तस्करी व खान लीज आवंटन के मुद्दे पर पूछताछ के दौरान उलझ कर रह गए. वो ईडी की सवालों का सही से जवाब नहीं दे पा रहे थे.

वहीं रांची के डीएमओ संजीव कुमार से सीएम हेमंत सोरेन को खान लीज के आवंटन और फिर आवंटन सरेंडर के मुद्दे पर विभागीय पहलूओं पर सवाल जवाब किए गए. 16 मार्च को ही ईडी ने विभूति कुमार को नोटिस भेजा था. लेकिन तब 17 मार्च को बेटी की शादी का हवाला देते हुए वह ईडी के समक्ष हाजिर नहीं हुए थे. बाद में विभूति ने पंद्रह दिनों की मांग ईडी से की थी. लेकिन ईडी इस संबंध में कोई कार्रवाई करती इससे पहले विभूति कुमार ईडी के समक्ष हाजिर हो गए.

पूजा सिंघल लाभान्वित हुई या नहीं बताएंः सुबह तकरीबन दस बजे डीएमओ विभूति कुमार अपनी स्कूटर से ईडी कार्यालय पहुंचे थे. जबकि कैमरे की नजरों से बचने के लिए संजीव कुमार काफी पहले कार्यालय में प्रवेश कर गए थे. सूत्रों के मुताबिक, दोनों अधिकारियों के ईडी कार्यालय आने के बाद पूछताछ कर रहे अफसर उन्हें पूजा सिंघल के पास ले गए. इसके बाद उनसे पूछा कि वह उन्हें पहचानते हैं या नहीं. साथ ही उन्हें कब कब और कैसे लाभान्वित किया है यह भी बताएं.

डिजिटल डिवाइस से मिले सबूत दिखाकर पूछे सवालः ईडी के अधिकारियों ने विभूति कुमार को पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों, संदिग्धों व गवाहों के डिजिटल डिवाइस से मिले सबूतों को दिखाया व उससे जुड़े सवाल पूछे. ईडी ने राजनीतिज्ञों व नौकरशाहों से जुड़ी एक लिस्ट दिखाकर विभूति कुमार से पूछा कि साहिबगंज में पद पर रहते हुए इनमें से किस किस को उन्होंने लाभान्वित किया है. पैसों की लेनदेन से जुड़े साक्ष्य मिलने की बात कह ईडी ने सवाल किया कि वह यह बताएं कि उन्होंने कितने लोगों को कब कब पैसे दिए, साथ ही अवैध खनन के जरिए कितनी राशि अर्जित की है.

साहिबगंज में अवैध खनन रोकने के लिए क्या कियाः इडी के अधिकारियों ने साहिबगंज में डीएमओ रहते हुए पूरे कार्यकाल के विषय में जानकारी ली. इसके बाद उनसे पूछा कि अपने कार्यकाल में अवैध खनन रोकने के लिए उन्होंने क्या कार्रवाई की. साहिबगंज में स्टोन क्रशर के कितने अवैध व कितने वैध प्लांट हैं, अवैध प्लांट के खिलाफ कितने कार्रवाई पूरे कार्यकाल में हुई ये भी ईडी ने पूछा. गंगा नदी के रास्ते स्टोन चिप्स की तस्करी व रेलवे के जरिए बाहर स्टोन चिप्स भेजने के सवालों पर भी ईडी ने पूछा. ईडी ने विभूति कुमार से पूछा कि मार्च महीने में गंगा नदी में स्टोन चिप्स ले जा रही गाड़ियां गंगा नदी में डूब गईं थीं. इन हादसे में जो ट्रक डूबे थे, उसके ट्रांसपोर्टेशन के लिए चालान कहां से निर्गत हुआ था.

Last Updated : May 24, 2022, 7:38 AM IST
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