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डीजेएन चिटफंड मामलाः मनी लाउंड्रिंग जांच में बड़ा खुलासा, जालसाजी कर 147 करोड़ का हुआ था निवेश

डीजेएन चिटफंड मामले की जांच में ईडी ने बड़े खुलासे किए हैं. कंपनी ने लगभग 16 सौ लोगों से जालसाजी की है. ईडी ने कोर्ट में हलफनामा देकर इसे बड़ा चिटफंड घोटाला बताया है. DJN chitfund scam case

ED filed affidavit in court in DJN chitfund scam case
डीजेएन चिटफंड मामले में ईडी की जांच
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 11, 2023, 6:50 AM IST

रांचीः ईडी की जांच में डीजेएन ग्रुप से जुड़े चिटफंड घोटाले में कई चौकाने वाले खुलासे सामने आए हैं. कंपनी के द्वारा बेहतर रिटर्न का भरोसा देकर करीब 1600 लोगों से जालसाजी के जरिए 147 करोड़ 47 लाख रुपये का निवेश करवाया गया था. ईडी ने इस मामले में सीबीआई में दर्ज केस के आधार पर ईसीआईआर 3/22 दर्ज किया था. मामले को लेकर ईडी ने कोर्ट में हलफनामा दायर किया है, हलफनामे में ईडी ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.

ये भी पढ़ेंः ED ने कसा शिकंजा, डीजेएन फाइनेंस कंपनी की 1 करोड़ से अधिक की अचल संपत्ति जब्त

क्या है पूरा मामलाः झारखंड में साल 2012-15 के बीच डीजेएन ग्रुप की कंपनियों में 1550 निवेशकों से जालसाजी कर 147 करोड़ 47 लाख रुपये का निवेश कराया गया था. कंपनी ने निवेशकों को यह सब्जबाग दिखाया था कि वे उन्हें बेहतर रिटर्न देंगे. लेकिन निवेश के बाद कंपनी ने पैसे लेकर राज्य से अपना काम समेट लिया. मामले की सीबीआई जांच शुरू हुई, मामला मनी लाउंड्रिंग का सामने आया तो ईडी ने सीबीआई में दर्ज केस के आधार पर ईसीआईआर 3/22 दर्ज मामले में तफ्तीश शुरू की. इस मामले में कई गिरफ्तारियां भी हुईं. जिसके बाद इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों ने ईडी की जांच में आए तथ्यों को चुनौती दी थी, ईडी ने कोर्ट में केस को लेकर हलफनामा दायर किया. हलफनामे में इसे एक बड़ा चिटफंड घोटाला बताया गया है.

प्रोसीड ऑफ क्राइम का मामलाः ईडी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि डीजेएन ने निवेशकों को 74 करोड़ 10 लाख 53 हजार 170 रुपये वापस भी किए, लेकिन बाकी 67 करोड़ 37 लाख 6 हजार 628 रुपये का प्रोसीड ऑफ क्राइम सामने आया है. ईडी ने अपनी जांच में यह भी पाया है कि आरोपियों ने न सिर्फ अवैध तरीके से करोड़ों की उगाही की है, बल्कि अवैध तरीके से उगाही के बाद प्रोसीड ऑफ क्राइम से अर्जित संपत्ति को भी कानूनी तौर पर अर्जित संपत्ति बताया गया था. ईडी ने बताया है कि मनी लाउंड्रिंग की धारा तीन, पीएमएलए 70 के तहत डीजेएन के प्रोप्राइटर ने सजा योग्य काम किया है.

पहली बार रांची के लालपुर में दर्ज हुई थी एफआईआरः गौरतलब है कि पहली बार रांची की लालपुर पुलिस ने चिटफंड के जरिए ठगी के मामले में डीजेएन के खिलाफ कार्रवाई की थी. इसके बाद डीजेएन के खिलाफ रांची, डालटेनगंज, लातेहार समेत कई जिलों में एफआईआर दर्ज की गई थी. बाद में सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज किया था. ईडी ने डीजेएन ग्रुप की कंपनियों के जरिए ठगी के मामले में इसके निदेशक विपिन कुमार को मास्टरमाइंड माना है. विपिन कुमार समेत अन्य के द्वारा अलग अलग कंपनियों में अवैध तरीके से अर्जित पैसों के निवेश के साक्ष्य मिले हैं.

करोड़ों की संपत्ति हो चुकी है जब्तः पूर्व में इस मामले में कार्रवाई करते हुए ईडी के द्वारा डीजेएन कंपनी की करोड़ों की संपत्ति जब्त की जा चुकी है. मामले में आधा दर्जन से ज्यादा गिरफ्तारियां भी की गई हैं.

रांचीः ईडी की जांच में डीजेएन ग्रुप से जुड़े चिटफंड घोटाले में कई चौकाने वाले खुलासे सामने आए हैं. कंपनी के द्वारा बेहतर रिटर्न का भरोसा देकर करीब 1600 लोगों से जालसाजी के जरिए 147 करोड़ 47 लाख रुपये का निवेश करवाया गया था. ईडी ने इस मामले में सीबीआई में दर्ज केस के आधार पर ईसीआईआर 3/22 दर्ज किया था. मामले को लेकर ईडी ने कोर्ट में हलफनामा दायर किया है, हलफनामे में ईडी ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.

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क्या है पूरा मामलाः झारखंड में साल 2012-15 के बीच डीजेएन ग्रुप की कंपनियों में 1550 निवेशकों से जालसाजी कर 147 करोड़ 47 लाख रुपये का निवेश कराया गया था. कंपनी ने निवेशकों को यह सब्जबाग दिखाया था कि वे उन्हें बेहतर रिटर्न देंगे. लेकिन निवेश के बाद कंपनी ने पैसे लेकर राज्य से अपना काम समेट लिया. मामले की सीबीआई जांच शुरू हुई, मामला मनी लाउंड्रिंग का सामने आया तो ईडी ने सीबीआई में दर्ज केस के आधार पर ईसीआईआर 3/22 दर्ज मामले में तफ्तीश शुरू की. इस मामले में कई गिरफ्तारियां भी हुईं. जिसके बाद इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों ने ईडी की जांच में आए तथ्यों को चुनौती दी थी, ईडी ने कोर्ट में केस को लेकर हलफनामा दायर किया. हलफनामे में इसे एक बड़ा चिटफंड घोटाला बताया गया है.

प्रोसीड ऑफ क्राइम का मामलाः ईडी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि डीजेएन ने निवेशकों को 74 करोड़ 10 लाख 53 हजार 170 रुपये वापस भी किए, लेकिन बाकी 67 करोड़ 37 लाख 6 हजार 628 रुपये का प्रोसीड ऑफ क्राइम सामने आया है. ईडी ने अपनी जांच में यह भी पाया है कि आरोपियों ने न सिर्फ अवैध तरीके से करोड़ों की उगाही की है, बल्कि अवैध तरीके से उगाही के बाद प्रोसीड ऑफ क्राइम से अर्जित संपत्ति को भी कानूनी तौर पर अर्जित संपत्ति बताया गया था. ईडी ने बताया है कि मनी लाउंड्रिंग की धारा तीन, पीएमएलए 70 के तहत डीजेएन के प्रोप्राइटर ने सजा योग्य काम किया है.

पहली बार रांची के लालपुर में दर्ज हुई थी एफआईआरः गौरतलब है कि पहली बार रांची की लालपुर पुलिस ने चिटफंड के जरिए ठगी के मामले में डीजेएन के खिलाफ कार्रवाई की थी. इसके बाद डीजेएन के खिलाफ रांची, डालटेनगंज, लातेहार समेत कई जिलों में एफआईआर दर्ज की गई थी. बाद में सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज किया था. ईडी ने डीजेएन ग्रुप की कंपनियों के जरिए ठगी के मामले में इसके निदेशक विपिन कुमार को मास्टरमाइंड माना है. विपिन कुमार समेत अन्य के द्वारा अलग अलग कंपनियों में अवैध तरीके से अर्जित पैसों के निवेश के साक्ष्य मिले हैं.

करोड़ों की संपत्ति हो चुकी है जब्तः पूर्व में इस मामले में कार्रवाई करते हुए ईडी के द्वारा डीजेएन कंपनी की करोड़ों की संपत्ति जब्त की जा चुकी है. मामले में आधा दर्जन से ज्यादा गिरफ्तारियां भी की गई हैं.

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