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स्कूल खोलो तब क्रिकेट खेलो... JSCA स्टेडियम के बाहर अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने किया विरोध प्रदर्शन, जानें क्यों - रांची समाचार

भारत और न्यूजीलैंड के बीच रांची के जेएससीए स्टेडियम (JSCA Stadium) में टी20 का दूसरा मुकाबला खेला जा रहा है. लेकिन इस दौरान स्टेडियम के बाहर एक अलग नजारा देखने को मिला. मशहूर एक्टिविस्ट अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज के नेतृत्व में कई लोग हाथों में तख्तियां लिए स्कूल खोलो तब क्रिकेट खेलो नारे लगा रहे थे.

Economist Jean Dreze demands to open school
अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने किया विरोध प्रदर्शन
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Published : Nov 19, 2021, 7:54 PM IST

रांची: जेएससीए स्टेडियम (JSCA Stadium) में जहां एक तरफ भारत और न्यूजीलैंड के बीच दूसरा टी20 मुकाबला चल रहा है. वहीं स्टेडियम के पास प्रभात तारा मैदान में मशहूर एक्टिविस्ट अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज के नेतृत्व में लोग स्कूल खोलो तब क्रिकेट खेलो नारे लगा रहे थे.

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सीधे मांग करते हुए मशहूर एक्टिविस्ट अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने कहा कि क्रिकेट देखने के लिए सरकार ने 40,000 लोगों को एक साथ स्टेडियम में जाने की अनुमति दे दी है. लेकिन प्राथमिक विद्यालय अभी भी बंद है. जिसका कारण कोविड-19 बताया जा रहा है. अधिकांश राज्यों में प्राथमिक विद्यालय खुल गए हैं. डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने देशभर में विद्यालय खोलने की सलाह दी है.

बच्चों में कोविड-19 के कारण गंभीर बीमारी का खतरा नहीं

ज्यां द्रेज ने कहा कि विशेषज्ञों ने बच्चों में कोविड-19 के कारण गंभीर बीमारी की बहुत कम संभावना जताई है. अगर बच्चे संक्रमित होते भी हैं तो उनमें से अधिकांश को कोविड का लक्षण नहीं होते हैं. लेकिन फिर भी झारखंड के प्राथमिक विद्यालय अभी भी बंद है और तो और विद्यालयों को खोलने के लिए कोई ठोस कदम भी नहीं उठाए जा रहे हैं. बच्चों के नामांकन, शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम में बदलाव, विद्यालयों की मरम्मती के सारे काम ठप पड़े हैं. इतने लंबे समय के लिए विद्यालयों और आंगनबाड़ियों को बंद रखने से झारखंड के बच्चों का भविष्य बिगड़ गया है. कई बच्चे तो भूल गए हैं कि उन्होंने क्या पढ़ा था. कई ने तो विद्यालय ही छोड़ दिया है या वो बाल मजदूर बन गए हैं. यह सब कोविड-19 से बचाव के नाम पर हो रहा है.

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तख्तियां लेकर विरोध

अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने कहा कि झारखंड सरकार ने विशाल स्टेडियम की सभी सीट भरने की अनुमति दे दी है और इसके लिए जोर-जोर से प्रशासन भी लगा रहा. यह दोहरापन है. उनके साथ आए लोगों का कहना है कि वो लोग क्रिकेट का विरोध नहीं कर रहे हैं. पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी जरूरी है. लेकिन पढ़ाई को एकदम ठप कर देना यह कहां का न्याय है. सभी लोग जेएससीए स्टेडियम के पास हाथों में तख्तियां लिए विरोध कर रहे थे.

रांची: जेएससीए स्टेडियम (JSCA Stadium) में जहां एक तरफ भारत और न्यूजीलैंड के बीच दूसरा टी20 मुकाबला चल रहा है. वहीं स्टेडियम के पास प्रभात तारा मैदान में मशहूर एक्टिविस्ट अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज के नेतृत्व में लोग स्कूल खोलो तब क्रिकेट खेलो नारे लगा रहे थे.

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सीधे मांग करते हुए मशहूर एक्टिविस्ट अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने कहा कि क्रिकेट देखने के लिए सरकार ने 40,000 लोगों को एक साथ स्टेडियम में जाने की अनुमति दे दी है. लेकिन प्राथमिक विद्यालय अभी भी बंद है. जिसका कारण कोविड-19 बताया जा रहा है. अधिकांश राज्यों में प्राथमिक विद्यालय खुल गए हैं. डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने देशभर में विद्यालय खोलने की सलाह दी है.

बच्चों में कोविड-19 के कारण गंभीर बीमारी का खतरा नहीं

ज्यां द्रेज ने कहा कि विशेषज्ञों ने बच्चों में कोविड-19 के कारण गंभीर बीमारी की बहुत कम संभावना जताई है. अगर बच्चे संक्रमित होते भी हैं तो उनमें से अधिकांश को कोविड का लक्षण नहीं होते हैं. लेकिन फिर भी झारखंड के प्राथमिक विद्यालय अभी भी बंद है और तो और विद्यालयों को खोलने के लिए कोई ठोस कदम भी नहीं उठाए जा रहे हैं. बच्चों के नामांकन, शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम में बदलाव, विद्यालयों की मरम्मती के सारे काम ठप पड़े हैं. इतने लंबे समय के लिए विद्यालयों और आंगनबाड़ियों को बंद रखने से झारखंड के बच्चों का भविष्य बिगड़ गया है. कई बच्चे तो भूल गए हैं कि उन्होंने क्या पढ़ा था. कई ने तो विद्यालय ही छोड़ दिया है या वो बाल मजदूर बन गए हैं. यह सब कोविड-19 से बचाव के नाम पर हो रहा है.

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तख्तियां लेकर विरोध

अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने कहा कि झारखंड सरकार ने विशाल स्टेडियम की सभी सीट भरने की अनुमति दे दी है और इसके लिए जोर-जोर से प्रशासन भी लगा रहा. यह दोहरापन है. उनके साथ आए लोगों का कहना है कि वो लोग क्रिकेट का विरोध नहीं कर रहे हैं. पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी जरूरी है. लेकिन पढ़ाई को एकदम ठप कर देना यह कहां का न्याय है. सभी लोग जेएससीए स्टेडियम के पास हाथों में तख्तियां लिए विरोध कर रहे थे.

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