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सीआईडी का खुलासाः अफीम-ब्राउन सुगर से ज्यादा नशीले दवाइयों का उपयोग, चपेट में आ रहे हैं युवा

झारखंड में बड़े पैमाने पर नशीली दवाइयों का कारोबार फल-फूल रहा है. यह खुलासा सीआईडी ने किया है. सीआईडी की रिपोर्ट में बताया गया है कि एक दर्जन से अधिक दवाइयां नशे के रूप में उपयोग की जा रही है. इसकी चपेट में युवा आ रहे हैं.

Drug business flourishing in Jharkhand
अफीम-ब्राउन सुगर से ज्यादा नशीले दवाइयों का उपयोग
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Published : Oct 20, 2021, 7:01 AM IST

रांचीः झारखंड के युवा नशे के आदी हो रहे हैं. आलम यह है कि अफीम और गांजे से ज्यादा नशीली दवाइयों का सेवन नशे के रूप में किया जा रहा है. यह खुलासा सीआईडी की ओर से जुटाए आंकड़ों से हुआ है. सीआईडी की जांच में यह पता चला है कि झारखंड में बड़े पैमाने पर नशीली दवाइयों का कारोबार फल-फूल रहा है.

यह भी पढ़ेंःDrugs: 'नशा'- ना आदत छूटी और ना कारोबार! जेल से निकलने के बाद ड्रग्स के साथ फिर पकड़ी गई महिला

क्या है सीआईडी की रिपोर्ट
झारखंड के अलग-अलग थानों में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर सीआईडी ने एक आंकड़ा तैयार किया है. आंकड़ों के मुताबिक झारखंड में एक दर्जन से अधिक दवाइयों का इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ नशे के लिए किया जा रहा है. इन दवाइयों में कफ सिरप से लेकर कई इंजेक्शन और टैबलेट शामिल हैं. इन दवाइयों को बिना डॉक्टर की सलाह या डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन के बगैर बेचा नहीं जा सकता है, लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के बेचा जा रहा है. सीआईडी की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि ऐसी सभी दवाइयां बड़े पैमाने पर राज्य के अलग-अलग थाना क्षेत्रों से बरामद किए गए हैं.

भारी मात्रा में बरामद हुई हैं दवाइयां

नशे के लिए इस्तेमाल किए जा रहे 3715 बोतल ऑनरेक्श कफ सिरफ, 22 बोतल विनकोरेक्श, 12 बोतल कोको कफ सिरफ, 864 आरसी कफ सिरफ, 1601 नाइट्रोसन टैबलेट, 18 बॉक्स रीडॉफ, 4500 पीस नाइट्रोहैंप टैबलेट, 1808 डायलेक्स डीसी टैबलेट, 70 पीस नाइट्राजेप्म टैबलेट, 15 बोतल कोफिन कफ सिरफ, 14 बोतल रेक्सस कफ सिरफ, फियरमिन मालेट इंजेक्शन, पेंटाजोसिन इंजेक्शन और 30 अल्प्राजोलम टैबलेट विभिन्न थानों में जब्त है.

गांजा-अफीम पर लगातार की जा रही कार्रवाई

झारखंड पुलिस ने वर्ष 2021 में अब तक 1052 किलोग्राम गांजा बरामद किया है. पुलिस की ओर से विभिन्न जिलों में चलाए गए अभियान के दौरान 21687.320 किलोग्राम डोडा, 256 किलोग्राम अफीम, 4 ग्राम ब्राउन सुगर, 32 ग्राम हेरोइन जब्त किया गया है. पुलिस ने इस दौरान नारकोटिक्स एक्ट में 304 मुकदमें दर्ज किए और 463 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही वर्ष 2020 में पुलिस की ओर से चलाए गए अभियान के दौरान 21 अलग-अलग ब्रांड की दवाइयां जब्त की गई थी, जिसका इस्तेमाल नशे के लिए किया जा रहा था. वहीं, पुलिस ने नारकोटिक्स एक्ट में 382 मुकदमें और 524 लोगों को जेल भेजा था. वर्ष 2019 में पुलिस ने नारकोटिक्स से जुड़े 256 केस में 328 और वर्ष 2018 में पुलिस ने 237 मुकदमें में 301 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था.

रांचीः झारखंड के युवा नशे के आदी हो रहे हैं. आलम यह है कि अफीम और गांजे से ज्यादा नशीली दवाइयों का सेवन नशे के रूप में किया जा रहा है. यह खुलासा सीआईडी की ओर से जुटाए आंकड़ों से हुआ है. सीआईडी की जांच में यह पता चला है कि झारखंड में बड़े पैमाने पर नशीली दवाइयों का कारोबार फल-फूल रहा है.

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क्या है सीआईडी की रिपोर्ट
झारखंड के अलग-अलग थानों में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर सीआईडी ने एक आंकड़ा तैयार किया है. आंकड़ों के मुताबिक झारखंड में एक दर्जन से अधिक दवाइयों का इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ नशे के लिए किया जा रहा है. इन दवाइयों में कफ सिरप से लेकर कई इंजेक्शन और टैबलेट शामिल हैं. इन दवाइयों को बिना डॉक्टर की सलाह या डॉक्टर के प्रिसक्रिप्शन के बगैर बेचा नहीं जा सकता है, लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के बेचा जा रहा है. सीआईडी की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि ऐसी सभी दवाइयां बड़े पैमाने पर राज्य के अलग-अलग थाना क्षेत्रों से बरामद किए गए हैं.

भारी मात्रा में बरामद हुई हैं दवाइयां

नशे के लिए इस्तेमाल किए जा रहे 3715 बोतल ऑनरेक्श कफ सिरफ, 22 बोतल विनकोरेक्श, 12 बोतल कोको कफ सिरफ, 864 आरसी कफ सिरफ, 1601 नाइट्रोसन टैबलेट, 18 बॉक्स रीडॉफ, 4500 पीस नाइट्रोहैंप टैबलेट, 1808 डायलेक्स डीसी टैबलेट, 70 पीस नाइट्राजेप्म टैबलेट, 15 बोतल कोफिन कफ सिरफ, 14 बोतल रेक्सस कफ सिरफ, फियरमिन मालेट इंजेक्शन, पेंटाजोसिन इंजेक्शन और 30 अल्प्राजोलम टैबलेट विभिन्न थानों में जब्त है.

गांजा-अफीम पर लगातार की जा रही कार्रवाई

झारखंड पुलिस ने वर्ष 2021 में अब तक 1052 किलोग्राम गांजा बरामद किया है. पुलिस की ओर से विभिन्न जिलों में चलाए गए अभियान के दौरान 21687.320 किलोग्राम डोडा, 256 किलोग्राम अफीम, 4 ग्राम ब्राउन सुगर, 32 ग्राम हेरोइन जब्त किया गया है. पुलिस ने इस दौरान नारकोटिक्स एक्ट में 304 मुकदमें दर्ज किए और 463 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही वर्ष 2020 में पुलिस की ओर से चलाए गए अभियान के दौरान 21 अलग-अलग ब्रांड की दवाइयां जब्त की गई थी, जिसका इस्तेमाल नशे के लिए किया जा रहा था. वहीं, पुलिस ने नारकोटिक्स एक्ट में 382 मुकदमें और 524 लोगों को जेल भेजा था. वर्ष 2019 में पुलिस ने नारकोटिक्स से जुड़े 256 केस में 328 और वर्ष 2018 में पुलिस ने 237 मुकदमें में 301 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था.

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