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सेवा समायोजन को लेकर डीआरडीए कर्मियों ने की ग्रामीण विकास मंत्री से मुलाकात, मिला आश्वासन

झारखंड के ग्रामीण विकास अभिकरण में कार्यरत कर्मियों ने मंत्री आलमगीर आलम से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा. इस दौरान मंत्री से समायोजन की मांग की गई. मंत्री ने भी समायोजन का आश्वासन दिया है.

DRDA personnel met Rural Development Minister
DRDA personnel met Rural Development Minister
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Published : Jul 22, 2023, 10:10 PM IST

देखें पूरी खबर

रांची: सेवा समायोजन को लेकर शनिवार को डीआरडीए यानी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण में कार्यरत कर्मियों ने ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से मुलाकात की. झारखंड राज्य जिला ग्रामीण विकास अभिकरण सेवा संघ के बैनर तले सभी मंत्री आवास पहुंचे थे. कर्मियों ने राज्य सरकार पर उनकी मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए अन्य राज्यों की तरह झारखंड में भी डीआरडीए के कर्मियों को दूसरे विभाग में समायोजित करने की मांग की.

यह भी पढ़ें: Memorandum to Governor: राज्यपाल के समक्ष उठा होल्डिंग टैक्स का मुद्दा, समस्याओं को लेकर ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन

संघ के प्रदेश सचिव माणिक चंद प्रजापति की अगुवाई में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से मुलाकात कर शिष्टमंडल ने उन्हें ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के जरिए राज्यभर के करीब 300 डीआरडीए कर्मियों को समायोजित करने का उन्होंने आग्रह किया.

समायोजन के अभाव में वेतन के पड़े लाले: 12 वर्षों से अधिक समय से राज्य के विभिन्न जिलों में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण कार्यालय में कार्यरत इन कर्मियों की परेशानी उस समय बढ़ गई, जब केंद्र सरकार के द्वारा डीआरडीए को बंद करने का निर्णय लिया गया. इन कर्मियों का वेतन भुगतान केंद्र सरकार के द्वारा 60% अंशदान और 40% राज्य सरकार के अंशदान के आधार पर किया जाता था. केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद करीब 2 वर्षों से राज्य में कार्यरत डीआरडीए कर्मियों की परेशानी बढ़ती चली गई और वेतन के लाले पड़ने लगे. काफी जद्दोजहद के बाद पिछले वर्ष इन्हें राज्य सरकार की ओर से आंशिक भुगतान किया गया, मगर इनकी परेशानी कम नहीं हुई.

मंत्री ने दिया आश्वासन: अपने भविष्य को लेकर चिंतित डीआरडीए कर्मी जानकी सिंह बताती हैं कि पिछले 1 वर्ष से वेतन मद की राशि लंबित है. ऐसे में सरकार अन्य राज्यों की तरह जल्द से जल्द यहां के भी कर्मचारियों को समायोजित कर समस्या का समाधान करें. ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से मुलाकात के दौरान सरकार के द्वारा उठाए जा रहे कदमों से डीआरडीए कर्मियों को जानकारी दी गई. मंत्री के द्वारा शिष्टमंडल को आश्वस्त किया गया कि सरकार जल्द निर्णय लेगी.

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रांची: सेवा समायोजन को लेकर शनिवार को डीआरडीए यानी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण में कार्यरत कर्मियों ने ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से मुलाकात की. झारखंड राज्य जिला ग्रामीण विकास अभिकरण सेवा संघ के बैनर तले सभी मंत्री आवास पहुंचे थे. कर्मियों ने राज्य सरकार पर उनकी मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए अन्य राज्यों की तरह झारखंड में भी डीआरडीए के कर्मियों को दूसरे विभाग में समायोजित करने की मांग की.

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संघ के प्रदेश सचिव माणिक चंद प्रजापति की अगुवाई में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से मुलाकात कर शिष्टमंडल ने उन्हें ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के जरिए राज्यभर के करीब 300 डीआरडीए कर्मियों को समायोजित करने का उन्होंने आग्रह किया.

समायोजन के अभाव में वेतन के पड़े लाले: 12 वर्षों से अधिक समय से राज्य के विभिन्न जिलों में जिला ग्रामीण विकास अभिकरण कार्यालय में कार्यरत इन कर्मियों की परेशानी उस समय बढ़ गई, जब केंद्र सरकार के द्वारा डीआरडीए को बंद करने का निर्णय लिया गया. इन कर्मियों का वेतन भुगतान केंद्र सरकार के द्वारा 60% अंशदान और 40% राज्य सरकार के अंशदान के आधार पर किया जाता था. केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद करीब 2 वर्षों से राज्य में कार्यरत डीआरडीए कर्मियों की परेशानी बढ़ती चली गई और वेतन के लाले पड़ने लगे. काफी जद्दोजहद के बाद पिछले वर्ष इन्हें राज्य सरकार की ओर से आंशिक भुगतान किया गया, मगर इनकी परेशानी कम नहीं हुई.

मंत्री ने दिया आश्वासन: अपने भविष्य को लेकर चिंतित डीआरडीए कर्मी जानकी सिंह बताती हैं कि पिछले 1 वर्ष से वेतन मद की राशि लंबित है. ऐसे में सरकार अन्य राज्यों की तरह जल्द से जल्द यहां के भी कर्मचारियों को समायोजित कर समस्या का समाधान करें. ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से मुलाकात के दौरान सरकार के द्वारा उठाए जा रहे कदमों से डीआरडीए कर्मियों को जानकारी दी गई. मंत्री के द्वारा शिष्टमंडल को आश्वस्त किया गया कि सरकार जल्द निर्णय लेगी.

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