रांची: ICMR के 4th सीरो सर्वे पॉजिटिविटी रिपोर्ट (Sero Survey Positivity Report) के आधार पर कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona) की संभावना और बच्चों पर कोरोना का कम खतरा होने वाला बयान दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया (AIIMS Director Randeep Guleria) ने दिया है. उन्होंने यह भी कहा है कि अब स्कूल खोलने की तैयारी करनी चाहिए. डॉ गुलेरिया के इस बयान पर ईटीवी भारत की टीम ने रांची के ख्यातिप्राप्त शिशु रोग विशेषज्ञों की राय जानने की कोशिश की है.
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ईटीवी भारत के संवाददाता ने रांची के रानी हॉस्पिटल के सीएमडी और प्रख्यात शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश कुमार, रिम्स पीडियाट्रिक्स के वरीय डॉक्टर राजीव मिश्रा के साथ-साथ रांची के सिविल सर्जन से बात की, जिसमें उन्होंने कई अहम जानकारी दी.
ज्यादातर डॉक्टरों ने कहा - स्कूल खोलना अभी जल्दबाजी होगी
एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने भले ही अब सरकारी और गैर सरकारी स्कूल खोलने की तैयारी करने को कहा है, लेकिन रांची के शिशु रोग विशेषज्ञों ने कहा कि अभी स्कूल खोलने की कोशिश जल्दबाजी होगी. रांची हॉस्पिटल के डॉ राजेश कुमार ने बताया कि अभी भी 18 साल से कम उम्र के बच्चों का टीकाकरण नहीं हुआ है और इसका भी कोई आंकड़ा व्यापक रूप से नहीं है, कि कोरोना की दूसरी लहर में कितने बच्चे संक्रमित हो गए. डॉ राजेश कुमार ने कहा कि अभी स्कूल खोलने की जल्दबाजी नहीं करना चाहिए और कम से कम एक महीने और इंतजार करना चाहिए.
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रिम्स के शिशु रोग विभाग के डॉक्टर की राय
वहीं रिम्स के शिशु रोग विभाग के डॉ राजीव मिश्रा ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि स्कूल खोलने के बारे में सोचा जाए, लेकिन इसमें यह ध्यान रखना होगा कि पहले नर्सरी और प्राइमरी स्कूल खुले और स्कूल के सभी स्टाफ वैक्सीनेटेड हों. डॉ राजीव मिश्रा ने बताया कि ऐसा लगता है कि बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो गए हैं, ऐसे में हर्ड इम्युनिटी लोगों में डेवलप हो गया है और अब अगर तीसरी लहर आई भी तो वह दूसरी लहर जैसा मारक नहीं होगा.
क्या कहते हैं रांची के सिविल सर्जन
रांची के सिविल सर्जन जो खुद शिशु रोग विशेषज्ञ हैं. उन्होंने कहा कि स्कूल खोलने के लिए हमें अभी इंतजार करना होगा, क्योंकि बच्चों से हम स्कूल और बस अन्य जगहों पर कोविड अनुकूल व्यवहार नहीं करा सकते हैं, ऐसे में किसी नए वैरियंट के साथ संक्रमण फैला तो उसे संभालना मुश्किल होगा. रांची में कई बच्चों के डॉक्टर ऐसे मिले जिन्होंने ऑफ रिकॉर्ड डॉ रणदीप गुलेरिया के बयान को सही नहीं माना और अभी कम से कम 2-3 महीने तक पूरी सावधानी रखने की बात कही.