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झारखंड में दिखा बंगाल का असर, गुस्साए डॉक्टरों ने बंद की स्वास्थ्य सेवाएं

बंगाल में डॉक्टरों पर हुए हमले को लेकर रिम्स में भी जूनियर डॉक्टरों ने संगठित होकर विरोध जताया. डॉक्टरों ने समाज के लोगों से मांग की है कि डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर अपने जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाएं, क्योंकि डॉक्टर सुरक्षित होंगे तभी राज्य की जनता स्वस्थ रहेगी.

प्रदर्शन करते डॉक्टर.
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Published : Jun 14, 2019, 11:41 PM IST

रांची: पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की चेतावनी के बाद बंगाल सहित पूरे देश के कई राज्यों में डॉक्टरों का विरोध लगातार जारी है. इसी को लेकर रिम्स में भी जूनियर डॉक्टरों ने संगठित होकर बंगाल में डॉक्टरों पर हुए हमले को लेकर विरोध जताया.

जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत कुमार ने बताया कि यह विरोध ऑल इंडिया रेजिडेंट डॉक्टर्स के आह्वान पर किया जा रहा है. जिस प्रकार से बंगाल में सरकार द्वारा सुरक्षा को लेकर दमनकारी रवैया दिखाया जा रहा है, इससे हम सभी डॉक्टर समाज के लोगों से मांग करते हैं कि हम डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर अपने जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाएं, क्योंकि डॉक्टर सुरक्षित होंगे तभी राज्य की जनता स्वस्थ रहेगी.

प्रदर्शन करते डॉक्टर.

वहीं, देर शाम रिम्स में रेजिडेंट और जूनियर डॉक्टर ने अपनी सुरक्षा को लेकर मेडिकल चौक से रिम्स के निदेशक कार्यालय तक मार्च निकाला और सीनियर डॉक्टरों ने भी उनका समर्थन किया. वहीं, डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार के बाद ओपीडी सेवा बंद कर दी गई है. मरीज ओपीडी के बाहर बैठे रहे, लेकिन किसी ने उनका इलाज नहीं किया और मरीजों को वापस मायूस लौटना पड़ा. गिरिडीह के बगोदर से आए मरीज़ बताते हैं कि वह अपने बच्चे की आंख का इलाज कराने अपने गांव से रांची आए हुए हैं, लेकिन यहां डॉक्टरों द्वारा कार्य बहिष्कार किए जाने को लेकर बच्चे का इलाज नहीं हो पाया. मार्च के दौरान डॉक्टरों ने अपनी सुरक्षा के लिये झारखंड सरकार से मेडिकल प्रोटेक्शन बिल को भी लागू करने की अपील की.

रांची: पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की चेतावनी के बाद बंगाल सहित पूरे देश के कई राज्यों में डॉक्टरों का विरोध लगातार जारी है. इसी को लेकर रिम्स में भी जूनियर डॉक्टरों ने संगठित होकर बंगाल में डॉक्टरों पर हुए हमले को लेकर विरोध जताया.

जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत कुमार ने बताया कि यह विरोध ऑल इंडिया रेजिडेंट डॉक्टर्स के आह्वान पर किया जा रहा है. जिस प्रकार से बंगाल में सरकार द्वारा सुरक्षा को लेकर दमनकारी रवैया दिखाया जा रहा है, इससे हम सभी डॉक्टर समाज के लोगों से मांग करते हैं कि हम डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर अपने जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाएं, क्योंकि डॉक्टर सुरक्षित होंगे तभी राज्य की जनता स्वस्थ रहेगी.

प्रदर्शन करते डॉक्टर.

वहीं, देर शाम रिम्स में रेजिडेंट और जूनियर डॉक्टर ने अपनी सुरक्षा को लेकर मेडिकल चौक से रिम्स के निदेशक कार्यालय तक मार्च निकाला और सीनियर डॉक्टरों ने भी उनका समर्थन किया. वहीं, डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार के बाद ओपीडी सेवा बंद कर दी गई है. मरीज ओपीडी के बाहर बैठे रहे, लेकिन किसी ने उनका इलाज नहीं किया और मरीजों को वापस मायूस लौटना पड़ा. गिरिडीह के बगोदर से आए मरीज़ बताते हैं कि वह अपने बच्चे की आंख का इलाज कराने अपने गांव से रांची आए हुए हैं, लेकिन यहां डॉक्टरों द्वारा कार्य बहिष्कार किए जाने को लेकर बच्चे का इलाज नहीं हो पाया. मार्च के दौरान डॉक्टरों ने अपनी सुरक्षा के लिये झारखंड सरकार से मेडिकल प्रोटेक्शन बिल को भी लागू करने की अपील की.

Intro:रांची
हितेश
नोट-एक विज़ुअल व्हाट्सएप और रिपोर्टर एप पर है कृपया कर देख लें।

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के चेतावनी के बाद बंगाल सहित पूरे देश के कई राज्यों में डॉक्टरों का विरोध लगातार जारी है।इसी को लेकर रिम्स में भी जूनियर डॉक्टर संगठित होकर बंगाल में डॉक्टरों पर हुए हमले को लेकर इमरजेंसी और आकस्मिक सेवा के अलावा सभी विभागों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने कार्य बहिष्कार और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से अपना विरोध जताया।

जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत कुमार ने बताया कि यह विरोध ऑल इंडिया रेजिडेंट डॉक्टर्स के आवाहन पर किया जा रहा है जिस प्रकार से बंगाल में सरकार द्वारा हमारी सुरक्षा को लेकर दमनकारी रवैया दिखाया जा रहा है इससे हम सभी डॉक्टर समाज के लोगों से मांग करते हैं कि हम डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर अपने जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाये क्योंकि डॉक्टर सुरक्षित होंगे तभी राज्य की जनता स्वस्थ रहेंगे।

वहीं देर शाम रिम्स में रेजिडेंट व जूनियर डॉक्टर ने अपनी सुरक्षा को लेकर मेडिकल चौक से रिम्स के निदेशक कार्यालय तक प्रोटेस्ट मार्च निकाला और उनके साथ सीनियर डॉक्टर ने भी उनका समर्थन किया।



















Body:डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार के बाद ओपीडी सेवा बंद कर दी गई है मरीज ओपीडी के बाहर बैठे रहे लेकिन किसी ने उनका इलाज नहीं किया और मरीजों को इलाज के बगैर वापस मायूस लौटना पड़ा।

गिरिडीह के बगोदर से आये मरीज़ बताते हैं कि हम अपने बच्चे का आंख का इलाज कराने आज अपने गांव से रांची आए हुए हैं लेकिन यहां डॉक्टरों द्वारा कार्य बहिष्कार किए जाने को लेकर हमारे बच्चे का इलाज नहीं हो पाया है जो हमारे लिए बड़ी समस्या हो गई है क्योंकि अब कल इलाज कराने के लिए हमें आज रात रांची में ही रुकना पड़ेगा।

वहीं लोहरदगा से आए मरीज दुर्गा साहू ने बताया कि हम यहां जैसे ही पहुंचे हमें यह पता चला कि आज डॉक्टरों द्वारा कार्य बहिष्कार किया गया है इससे हमें काफी निराशा हुई।


Conclusion:वही विरोध मार्च के दौरान डॉक्टरों ने अपनी सुरक्षा के लिये झारखंड सरकार से मेडिकल प्रोटेक्शन बिल को भी लागू करने की अपील की।

जाहिर है कोलकाता में सुलगी आग रांची के रिम्स के अलावा राज्य के अन्य अस्पतालों में भी पहुंच गई है, जहां पर रेजीडेंट डॉक्टर के द्वारा कार्य बहिष्कार किया गया हैं जिससे मरीज़ो को भी काफी परेशानी और दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

बाइट- डॉ अजीत,अध्यक्ष जेडीए
बाइट-मरीज़
बाइट-मरीज़
बाइट-मरीज़

नोट- सबसे पहले डॉक्टर अजीत की बाइट है उसके बाद लगातार मरीज की बाइट हैं।कृपया कर देख लें।

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