रांचीः राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में एक बार फिर मानवता को शर्मशार करने वाली तस्वीर सामने आई है. शनिवार को चिकित्सा व्यवस्था का लापरवाहपूर्ण रवैया देखने को मिला. इमरजेंसी में भर्ती मरीज खुद सलाइन की बोतल लेकर शौचालय जाने को मजबूर है. इतने बड़े अस्पताल में उसे देखने वाला और सुनने वाला कोई नहीं.
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शनिवार को रिम्स में ऐसी तस्वीर सामने आई, जिसने इंसानियत को शर्मिंदा होने पर मजबूर कर दिया. गंभीर अवस्था में एक मरीज खुद पर चढ़ाई सलाइन की बोतल लेकर इमरजेंसी वार्ड से निकलकर शौचालय का उपयोग करती दिखाई दी. ऐसे में उसकी मदद करने वाली सिर्फ उसकी मां साथ थी, जबकि किसी ने उस मरीज ना किसी ने देखा और ना ही उसकी सुध ली.
दरसअल हरमू से आई एक युवती को पेट में दर्द की शिकायत थी जिसे डॉक्टरों की सलाह पर रिम्स के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती करा दिया गया. डॉक्टर्स ने उसे सलाइन की एक बोतल चढ़ा दिया. उसके बाद मरीज को कोई भी डॉक्टर या नर्स देखने के लिए नहीं आया.
मरीज को सलाइन की बोतल चढ़ाने के बाद ना तो उसे यूरिनल पाइप लगाया गया ना ही उसका कोई सुध लेने वाला था. भर्ती मरीज को जब अचानक शौचालय जाना पड़ा तो उसे सलाइन की बोतल के साथ ही इमरजेंसी वार्ड से बाहर निकलना पड़ा. ये तस्वीर निश्चित रूप से पूरे रिम्स प्रबंधन की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है.
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भर्ती मरीज के परिजन ने बताया कि वह बार-बार इमरजेंसी के नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों से आग्रह कर रही थीं कि उसकी कोई मदद करे. लेकिन किसी ने उसकी एक ना सुनी, जिसके बाद वह परेशान होकर खुद ही सलाइन की बोतल हाथ में लेकर अपने मरीज को बाहर के शौचालय में ले जाना पड़ा.
जब कोई मरीज इमरजेंसी में भर्ती होता है और उसे सलाइन चढ़ाया जा रहा हो तो उसे यूरिनल पाइप (कैथिटर पाइप) लगाने की आवश्यकता पड़ती है ताकि यूरिन का डिस्चार्ज बेड पर लगी थैली में हो सके. लेकिन अस्पताल में ऐसा कुछ भी नहीं किया गया था. जिस वजह से मरीज को परेशानियों का सामना करना पड़ा और रिम्स में लापरवाही का आलम देखने को मिला.