रांची: झारखंड में कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा खामियाजा रांची वासियों को उठाना पड़ीा है. मौत का आंकड़ा भी सबसे ज्यादा रांची में ही दर्ज किया गया है. ऐसे में अब थर्ड वेव के आने की संभावना है. जिससे सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को हो सकता है. थर्ड वेव की संभावनाओं को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री भी गंभीर हैं. इसलिए देश और राज्य के कई अस्पतालों के विशेषज्ञ डॉक्टरों और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ लगातार विचार-विमर्श कर बचाव के लिए निर्देश जारी कर रहे हैं.
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सीएम ने अस्पतालों और डॉक्टरों को दिए हैं निर्देश
कोरोना के थर्ड वेव आने की संभावना विशेषज्ञों ने बताई है. ऐसे में हालात ज्यादा न बिगड़े इस पर पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी गयी है. मुख्यमंत्री ने थर्ड वेव से निपटने के लिए पहले से ही स्वास्थ्य संसाधनों को चुस्त-दुरुस्त करने का निर्देश दिया है. राज्य के सभी जिला और प्रखंडस्तर के अस्पतालों में अलग से शिशु वार्ड तैयार करने और सभी अस्पतालों में चिल्ड्रेन केयर यूनिट बनाने का निर्देश दिया है. सभी जिला अस्पतालों में 20 बेड का आईसीयू बनाने का निर्देश सिविल सर्जनों को दिया गया है.
कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी में जुटा प्रशासन
ऐसे में रांची जिला प्रशासन की ओर से सरकार के निर्देश के बाद कोरोना के थर्ड वेव से निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इसके तहत मरीजों के इलाज की व्यवस्था को और पुख्ता करने का प्रयास किया जा रहा है. जिले में अब चाइल्ड डेडिकेटेड कोविड-19 अस्पताल बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है. इसको लेकर उपायुक्त ने रानी चिल्ड्रेन अस्पताल और सदर अस्पताल का निरीक्षण भी किया है और कई निर्देश पदाधिकारियों को दिए हैं.
डीसी ने चिकित्सीय उपकरणों का लिया जायजा
उपायुक्त ने रानी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में इलाजरत बच्चों के उपयोग में लाए जाने वाले चिकित्सीय उपकरणों और व्यवस्था के बारे में जानकारी ली है. ताकि सदर अस्पताल में भी उन उपकरणों और आधारभूत संरचना की व्यवस्था हो सके. बच्चों के इलाज में उपयोग होने वाली चिकित्सीय उपकरणों के इस्तेमाल और इंस्टॉलेशन को लेकर डॉक्टर से विचार विमर्श किया गया है और सदर अस्पताल में इसकी व्यवस्था करने के लिए सिविल सर्जन को उपायुक्त ने निर्देश भी दिया है.
अस्पताल में बेड तैयार रखने के आदेश
उपायुक्त ने सदर अस्पताल में बच्चों के लिए 40 से 60 बेड को लेकर कार्य योजना तैयार करने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया है. आने वाले दिनों में थर्ड वेव की वजह से बच्चों में कोरोना संक्रमण के खतरे की आशंका को देखते हुए सदर अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, आईसीयू, पाइपलाइन सपोर्टेड ऑक्सीजन बेड की तैयारी को लेकर कार्य योजना तैयार करने का भी निर्देश दिया गया है.
नर्सों को दी जा रही है ट्रेनिंग
इसके साथ ही चाइल्ड डेडीकेटेड कोविड-19 वार्ड और आईसीयू में कार्य करने के लिए स्किल्ड नर्सों की जरूरत होगी. इसे लेकर नर्सों को ट्रेनिंग दी जा रही है. साथ ही अलग अलग फेज में नर्सों को रानी चिल्ड्रेन अस्पताल के डॉक्टर से समन्वय स्थापित कर प्रशिक्षित किया जाएगा. साथ ही छोटे बच्चों के माता-पिता को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक किया जा रहा है. ताकि बच्चे के संक्रमित होने पर माता-पिता को खतरा ना हो और बच्चों के संक्रमण के दौरान जरूरी दवाइयों की कमी ना हो. इस पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है.