रांची: पिछले 4 सालों से प्रदेश कांग्रेस कमेटी का गठन नहीं हो पाया है. हालांकि अब चर्चा है कि शीर्ष नेतृत्व को कमेटी की सूची भेज दी गई है, लेकिन सूची भेजे जाने की जानकारी कार्यकारी अध्यक्षों के पास नहीं है.
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प्रदेश कांग्रेस कमेटी के गठन की सूची आलाकमान को भेजने की चर्चा के बाद संगठन में एक बार फिर मनमुटाव की स्थिति बन सकती है. प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्षों को कमेटी की सूची भेजे जाने की कोई जानकारी नहीं है. ऐसे में जहां हॉर्स ट्रेडिंग मामले में पार्टी विधायकों के नाम आने के बाद पार्टी की फजीहत हो रही है, वहीं बिना कार्यकारी अध्यक्ष, विधायकों, जोनल को-ऑर्डिनेटर, जिला अध्यक्ष से चर्चा किए बगैर कमेटी की सूची भेजे जाने से संगठन में आपसी विवाद पैदा हो सकता है.
कार्यसमिति का विस्तार के लिए गंभीर- राजेश ठाकुर
प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बुधवार को कहा कि इस तरह की चर्चा लगातार होती रही है. प्रदेश अध्यक्ष कार्यसमिति का विस्तार करने के लिए गंभीर है, लेकिन कमेटी की सूची भेजे जाने को लेकर जो खबरें आ रही है. इस संदर्भ में कोई जानकारी नहीं है. इस तरह की जब भी बात होगी, तो प्रदेश अध्यक्ष सभी से चर्चा और विचार-विमर्श करके ही निर्णय लेंगे. उन्होंने कहा कि परंपरा रही है कि अध्यक्ष कोई सूची पर विचार विमर्श करते हैं और आलाकमान उस पर सहमति देते हैं. तभी प्रदेश कांग्रेस कमेटी की घोषणा होती है.
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सूची भेजे जाने की जानकारी नहीं
वहीं, कार्यकारी अध्यक्ष मानस सिन्हा को भी इसकी जानकारी नहीं है कि सूची भेजी गई है. उनका भी मानना है कि अगर कमेटी की सूची भेजी जाएगी, तो कार्यकारी अध्यक्षों के साथ चर्चा की जाएगी. साथ ही कार्यकारी अध्यक्ष संजय लाल पासवान ने कहा कि उनके संज्ञान में नहीं आया है कि कमेटी को लेकर सूची भेजी गई है. पहले चर्चा हुई थी, लेकिन अभी चर्चा नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि यह पक्का नहीं हुआ है कि पीसीसी की सूची तैयार की जा रही है. इस मामले पर कार्यकारी अध्यक्ष से कोई बात नहीं हुई है. ना ही जोनल कोऑर्डिनेटर, विधायक, जिला अध्यक्ष से कोई चर्चा हुई है. उन्होंने कहा कि ऐसी सूची की कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं लगता कि ऐसी कोई सूची बनी है और दिल्ली भेजी गई है.