रांचीः हरियाणा की तर्ज पर झारखंड में स्थिति निजी कंपनियों में स्थानीय को 75 प्रतिशत आरक्षण मिले. इसको लेकर पिछले बजट सत्र में राज्य सरकार की ओर से विधानसभा में बिल प्रस्तुत किया गया था, जिसपर एक दर्जन से अधिक संशोधन प्रस्ताव आया. इस संशोधन प्रस्ताव पर विधानसभा की ओर से गठित प्रवर समिति मंथन करना शुरू कर दी है. संभावना है कि आगामी विधानसभा सत्र में निजी कंपनी में 75 प्रतिशत आरक्षण बिल पर चर्चा हो.
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मंगलवार को विधानसभा परिसर में प्रवर समिति की पहली बैठक आयोजित की गई. माले विधायक विनोद कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण प्रवर समिति की बैठक नहीं हो रही थी. उन्होंने कहा कि जून में ही प्रवर समिति की कार्यकाल पूरा हो गया था, जिसे कोरोना के कारण कार्यकाल बढ़ाया गया. लेकिन समिति का कार्यकाल एक माह और बढ़ाने की जरूरत है. इसको लेकर विधानसभाध्यक्ष से आग्रह किया जाएगा, ताकि आरक्षण बिल में संशोधन कर मानसून सत्र के दौरान इस महत्वपूर्ण बिल को सदन में लाया जा सके.
आरक्षण बिल में प्रावधान
- 30,000 से कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों की रिक्तियों में स्थानीय लोगों के लिए 75 प्रतिशत सीट आरक्षित होगी
- 10 से अधिक कर्मचारियों वाली निजी कंपनी या संस्था पर बिल का प्रावधान लागू होगा
- केंद्र और राज्य सरकार की कंपनियों पर यह आरक्षण लागू नहीं होगा
- स्थानीय युवाओं को ही इसका लाभ मिलेगा जो वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराएंगे
- नियम का पालन नहीं करने वाली कंपनी को 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना देना होगा.