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रांची में 22 मार्च को सदन में होगी कृषि बिल और महंगाई पर विशेष चर्चा, बीजेपी विधायकों ने जताई आपत्ति

झारखंड विधानसभा में 22 मार्च को कृषि बिल और महंगाई पर विशेष चर्चा होगी. विधायक विनोद कुमार सिंह और प्रदीप यादव की तरफ से मिली जानकारी के आधार पर चर्चा के लिए समय निर्धारित कर दिया गया है. गुरुवार को बीजेपी विधायकों ने इस पर आपत्ति जताई. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि चर्चा से कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.

discussion on agriculture bill and inflation will be held on March 22, BJP MLAs objected
रांची में 22 मार्च को सदन में होगी कृषि बिल और महंगाई पर विशेष चर्चा
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Published : Mar 18, 2021, 3:25 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा में 22 मार्च को कृषि बिल और महंगाई पर विशेष चर्चा होगी. इस पर बीजेपी विधायकों ने सदन में आपत्ति जताई. विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी ने स्पीकर से पूछा कि किस नियम के तहत कृषि बिल पर वाद विवाद होगा. भानु प्रताप शाही ने भी कहा कि जब लोकसभा और राज्यसभा से दोनों बिल पास हो चुका है और जिस पर राष्ट्रपति की मुहर लग गई है फिर किस आधार पर चर्चा होगी. उधर, सीपी सिंह ने कहा कि तीनों बिल अब कानून का रूप ले चुके हैं लिहाजा स्पीकर को बताना चाहिए कि वह किस नियम के तहत इस पर सदन में चर्चा कराएंगे.

ये भी पढ़ें- किसानों को सब्सिडी पर मिलेगा कृषि यंत्र, राज्य में कस्टमाइज हियरिंग सेंटर की होगी स्थापना

विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने कहा कि जब भी किसी विषय को कार्यसूची में लिया जाता है, तो वो कार्य मंत्रणा से या सरकार की तरफ से आता है. ये मामला कार्य मंत्रणा की तरफ से आया था और इसी आधार पर कार्य सूची बनी है. इस पर बीजेपी विधायकों ने कहा कि जब लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद कृषि कानून बना है, तो फिर इस पर सदन में चर्चा करने का क्या औचित्य है. जवाब में विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि यह बात सही है कि दोनों सदन से बिल पास हो चुका है, लेकिन ये कहां लिखा है कि इस पर चर्चा नहीं की जा सकती है. सत्ता पक्ष के कई विधायकों ने प्रदीप यादव का समर्थन किया. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि चर्चा से कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.

रांची: झारखंड विधानसभा में 22 मार्च को कृषि बिल और महंगाई पर विशेष चर्चा होगी. इस पर बीजेपी विधायकों ने सदन में आपत्ति जताई. विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी ने स्पीकर से पूछा कि किस नियम के तहत कृषि बिल पर वाद विवाद होगा. भानु प्रताप शाही ने भी कहा कि जब लोकसभा और राज्यसभा से दोनों बिल पास हो चुका है और जिस पर राष्ट्रपति की मुहर लग गई है फिर किस आधार पर चर्चा होगी. उधर, सीपी सिंह ने कहा कि तीनों बिल अब कानून का रूप ले चुके हैं लिहाजा स्पीकर को बताना चाहिए कि वह किस नियम के तहत इस पर सदन में चर्चा कराएंगे.

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विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने कहा कि जब भी किसी विषय को कार्यसूची में लिया जाता है, तो वो कार्य मंत्रणा से या सरकार की तरफ से आता है. ये मामला कार्य मंत्रणा की तरफ से आया था और इसी आधार पर कार्य सूची बनी है. इस पर बीजेपी विधायकों ने कहा कि जब लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद कृषि कानून बना है, तो फिर इस पर सदन में चर्चा करने का क्या औचित्य है. जवाब में विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि यह बात सही है कि दोनों सदन से बिल पास हो चुका है, लेकिन ये कहां लिखा है कि इस पर चर्चा नहीं की जा सकती है. सत्ता पक्ष के कई विधायकों ने प्रदीप यादव का समर्थन किया. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि चर्चा से कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.

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