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झारखंड में 3 जून तक बढ़ा लॉकडाउन, सरकारी कर्मचारियों को ई-पास से छूट

Disaster management meeting in Jharkhand
आपदा प्रबंधन की बैठक
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Published : May 25, 2021, 7:16 PM IST

Updated : May 25, 2021, 10:17 PM IST

20:42 May 25

रांचीः झारखंड सरकार ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर राज्य में लॉकडाउन बढ़ा दिया है. इससे प्रदेश में मनाए जा रहे स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत अभी एक सप्ताह तक और पाबंदियां जारी रहेंगी. हालांकि इस बार सरकारी कर्मचारियों को ई-पास से छूट दे दी गई है.

ये भी पढ़ें-चक्रवाती तूफान 'यास' का रेलवे पर असर, रांची रेल मंडल से चलने वाली 13 ट्रेनें रद्द

आपदा प्रबंधन की मंगलवार देर शाम हुई बैठक में राज्य में 3 जून तक स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह बढ़ाने का निर्णय लिया गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में हुई आपदा प्रबंधन की बैठक में कोरोना संक्रमण की स्थिति पर चर्चा हुई. जिसके बाद पूर्व की तरह पाबंदी के साथ स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह 27 मई से 3 जून तक जारी रखने का निर्णय लिया गया. इस बैठक में चक्रवातीय तूफान यास के झारखंड में पड़ने वाले संभावित असर और उससे निपटने की तैयारियों को लेकर भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए.

19:12 May 25

अब एक तिहाई कर्मचारियों के साथ खुलेगा सचिवालय

आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में सचिवालय को दोपहर दो बजे तक खोलने का निर्णय लिया गया . इस दौरान संयुक्त सचिव से ऊपर स्तर के सभी पदाधिकारियों को अनिवार्य रूप से सचिवालय आना होगा. वहीं 33 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ सचिवालय के विभिन्न विभाग कार्य करेंगे. इसके अतिरिक्त ई-पास की अनिवार्यता जारी रहेगी. लेकिन सरकारी कर्मियों, मीडियाकर्मियों तथा बड़ी कंपनियों अथवा फैक्ट्रियों में काम करने वालों का ड्यूटी पास मान्य होगा. इन्हें ई-पास की अनिवार्यता से छूट दी गई है. बिजली विभाग समेत कई विभाग ई-पास की अनिवार्यता में छूट की मांग कर रहे थे.

चक्रवातीय तूफान पर हुई चर्चा

आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉ. अमिताभ कौशल ने चक्रवात यास का झारखंड में पड़ने वाले असर, बचाव तथा राहत को लेकर की गई तैयारियों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया. उन्होंने बताया कि मौसम विभाग ने जो पूर्वानुमान जारी किया है उसके मुताबिक यह तूफान बुधवार को ओडिशा के तटीय इलाके से टकराएगा. इसका असर झारखंड में भी देखने को मिल सकता है. चक्रवात से पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसांवा, गुमला, खूंटी और सिमडेगा के ज्यादा प्रभावित होने की संभावना है. इन इलाकों में 90 किलोमीटर अथवा उससे ज्यादा रफ्तार से हवा चलने और कुछ इलाकों में भारी बारिश होने की आशंका है. यहां चक्रवात यास का असर 26-27 मई को ज्यादा पड़ेगा, जबकि 28 को इसके धीमा होने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें-जब ऑक्सीजन के लिए तड़प रहा था देश, झारखंड बना पालनहार, अकेले 35 फीसदी की ऑक्सीजन की सप्लाई

मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चक्रवाती तूफान को देखते हुए बैठक में अधिकारियों को कई निर्देश भी दिए. तैयारी की जानकारी देते हुए आपदा विभाग के सचिव ने कहा इसके लिए अस्पतालों में बिजली और ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित नहीं हो, इसके लिए पुख्ता व्यवस्था की गई है. वहीं, पेड़, खंभे और पोल आदि के गिरने से सड़कों पर आवागमन बाधित नहीं हो, इस बाबत सभी जिलों के उपायुक्त को गिरने वाले पेड़ों को हटाने के लिए पूरी व्यवस्था करने को कहा गया है. भारी बारिश के कारण कच्चे घरों को नुकसान पहुंचने की काफी आशंका है, ऐसे में लोगों को रखने के लिए शिविर की व्यवस्था की गई है.  

स्वर्णरेखा के पास निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका

आपदा विभाग के सचिव ने सीएम को बताया कि चक्रवात के कारण होने वाली भारी बारिश से स्वर्णरेखा नदी के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति भी पैदा हो सकती है. इससे अधिकारियों को इन इलाकों की लगातार निगरानी करने का निर्देश दिया गया है. वहीं तेज, हवा और बारिश से बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है. इस बाबत ऊर्जा विभाग को भी अलर्ट कर दिया गया है. इसके अलावा चक्रवातीय तूफान से होने वाले नुकसान और लोगों को राहत पहुंचाने के लिए अन्य सभी तैयारियां भी पूरी कर ली गईं हैं.  

ये रहे मौजूद

बैठक में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आय़ुक्त -सह -अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव अमिताभ कौशल और सचिव अबुबकर सिद्दीकी मौजूद थे.

20:42 May 25

रांचीः झारखंड सरकार ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर राज्य में लॉकडाउन बढ़ा दिया है. इससे प्रदेश में मनाए जा रहे स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत अभी एक सप्ताह तक और पाबंदियां जारी रहेंगी. हालांकि इस बार सरकारी कर्मचारियों को ई-पास से छूट दे दी गई है.

ये भी पढ़ें-चक्रवाती तूफान 'यास' का रेलवे पर असर, रांची रेल मंडल से चलने वाली 13 ट्रेनें रद्द

आपदा प्रबंधन की मंगलवार देर शाम हुई बैठक में राज्य में 3 जून तक स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह बढ़ाने का निर्णय लिया गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में हुई आपदा प्रबंधन की बैठक में कोरोना संक्रमण की स्थिति पर चर्चा हुई. जिसके बाद पूर्व की तरह पाबंदी के साथ स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह 27 मई से 3 जून तक जारी रखने का निर्णय लिया गया. इस बैठक में चक्रवातीय तूफान यास के झारखंड में पड़ने वाले संभावित असर और उससे निपटने की तैयारियों को लेकर भी मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए.

19:12 May 25

अब एक तिहाई कर्मचारियों के साथ खुलेगा सचिवालय

आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में सचिवालय को दोपहर दो बजे तक खोलने का निर्णय लिया गया . इस दौरान संयुक्त सचिव से ऊपर स्तर के सभी पदाधिकारियों को अनिवार्य रूप से सचिवालय आना होगा. वहीं 33 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ सचिवालय के विभिन्न विभाग कार्य करेंगे. इसके अतिरिक्त ई-पास की अनिवार्यता जारी रहेगी. लेकिन सरकारी कर्मियों, मीडियाकर्मियों तथा बड़ी कंपनियों अथवा फैक्ट्रियों में काम करने वालों का ड्यूटी पास मान्य होगा. इन्हें ई-पास की अनिवार्यता से छूट दी गई है. बिजली विभाग समेत कई विभाग ई-पास की अनिवार्यता में छूट की मांग कर रहे थे.

चक्रवातीय तूफान पर हुई चर्चा

आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉ. अमिताभ कौशल ने चक्रवात यास का झारखंड में पड़ने वाले असर, बचाव तथा राहत को लेकर की गई तैयारियों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया. उन्होंने बताया कि मौसम विभाग ने जो पूर्वानुमान जारी किया है उसके मुताबिक यह तूफान बुधवार को ओडिशा के तटीय इलाके से टकराएगा. इसका असर झारखंड में भी देखने को मिल सकता है. चक्रवात से पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसांवा, गुमला, खूंटी और सिमडेगा के ज्यादा प्रभावित होने की संभावना है. इन इलाकों में 90 किलोमीटर अथवा उससे ज्यादा रफ्तार से हवा चलने और कुछ इलाकों में भारी बारिश होने की आशंका है. यहां चक्रवात यास का असर 26-27 मई को ज्यादा पड़ेगा, जबकि 28 को इसके धीमा होने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें-जब ऑक्सीजन के लिए तड़प रहा था देश, झारखंड बना पालनहार, अकेले 35 फीसदी की ऑक्सीजन की सप्लाई

मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चक्रवाती तूफान को देखते हुए बैठक में अधिकारियों को कई निर्देश भी दिए. तैयारी की जानकारी देते हुए आपदा विभाग के सचिव ने कहा इसके लिए अस्पतालों में बिजली और ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित नहीं हो, इसके लिए पुख्ता व्यवस्था की गई है. वहीं, पेड़, खंभे और पोल आदि के गिरने से सड़कों पर आवागमन बाधित नहीं हो, इस बाबत सभी जिलों के उपायुक्त को गिरने वाले पेड़ों को हटाने के लिए पूरी व्यवस्था करने को कहा गया है. भारी बारिश के कारण कच्चे घरों को नुकसान पहुंचने की काफी आशंका है, ऐसे में लोगों को रखने के लिए शिविर की व्यवस्था की गई है.  

स्वर्णरेखा के पास निचले इलाकों में बाढ़ की आशंका

आपदा विभाग के सचिव ने सीएम को बताया कि चक्रवात के कारण होने वाली भारी बारिश से स्वर्णरेखा नदी के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति भी पैदा हो सकती है. इससे अधिकारियों को इन इलाकों की लगातार निगरानी करने का निर्देश दिया गया है. वहीं तेज, हवा और बारिश से बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है. इस बाबत ऊर्जा विभाग को भी अलर्ट कर दिया गया है. इसके अलावा चक्रवातीय तूफान से होने वाले नुकसान और लोगों को राहत पहुंचाने के लिए अन्य सभी तैयारियां भी पूरी कर ली गईं हैं.  

ये रहे मौजूद

बैठक में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आय़ुक्त -सह -अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव अमिताभ कौशल और सचिव अबुबकर सिद्दीकी मौजूद थे.

Last Updated : May 25, 2021, 10:17 PM IST
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