रांची : राजधानी बनने के 22 साल बीत जाने के बाद भी ड्रेनेज सिस्टम (Ranchi drainage system) भगवान भरोसे है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि शहर के विभिन्न जगहों पर नाले का पानी सड़क पर बह (Dirty water of drain flowing on road) रहा है और नगर निगम इसको लेकर बेफिक्र है. ईटीवी भारत ने जब इसकी पड़ताल की तो हमने देखा कि शहर के कई मोहल्लों के साथ साथ बड़े-बड़े अस्पतालों और स्कूलों के सामने नाले का गंदा पानी बह रहे है और लोग उसी गंदे पानी पर चलने को मजबूर हैं.
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रांची नगर निगम (Ranchi Municipal Corporation) क्षेत्र में ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए अब तक करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं. लेकिन लोगों को जलजमाव की समस्या से निजात नहीं मिली है. स्थिति यह है कि रांची नगर निगम ने अहमदाबाद भी स्टडी टीम भेजी थी, ताकि वहां से कुछ सीखकर इसे रांची में उतारा जा सके. लेकिन आज भी समस्या जस की तस बनी हुई है.
राजधानी के सदर इलाके के पास छोटा नागपुर स्कूल के सामने नाले का गंदा पानी पिछले कई दिनों से लगातार बह रहा है. स्कूल में आने जाने वाले छोटे बच्चे गंदे पानी से गुजर रहे हैं. इससे बच्चे बीमार भी हो रहे हैं. बच्चों के पांव में घाव और अन्य समस्याएं हो रही है. इस समस्या की वजह से अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजना नहीं चाहते. स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि इसकी शिकायत स्थानीय प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों से की है.
ऐसी स्थिति सिर्फ स्कूल के सामने नहीं बल्कि राजधानी के बड़े स्वास्थ्य संस्था में शुमार मेडिका अस्पताल के सामने भी कुछ ऐसी ही हालत देखने को मिली.अस्पताल में आने जाने वाले मरीज और परिजन गंदे पानी के कारण परेशान हैं. अस्पताल के चिकित्सक बताते हैं कि कई बार परिजन गंदे पानी में भीग कर अस्पताल पहुंचते हैं, जिससे इंफेक्शन फैलनी की खतरा बढ़ जाता है.
रांची के न्यू नगर मोहल्ले, कोकर के सुभाष चौक और कई कॉलोनियों में इस तरह की स्थिति बनी हुई है. लेकिन नगर निगम और स्थानीय प्रशासन बेफिक्र है. स्थानीय लोगों ने कहा कि पिछले एक महीने से ज्यादा समय से नाली नहीं रहने के कारण गंदा पानी सड़क पर आ रहा है. इसकी सुध लेने वाला कोई भी नहीं है.
सड़क पर नाले का गंदा पानी बहने के कारण आती-जाती गाड़ियों के क्षेत्रों से भी लोगों के कपड़े गंदे हो रहे हैं. तो वहीं कई बार लोग गंदे नाले के पानी से बचने के लिए संकरा और उबर-खाबर रास्ते का सहारा लेते हैं. जो आए दिन हादसों का कारण बनता है. हमने जब इसको लेकर पूर्व नगर विकास मंत्री सीपी सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकार ने सभी ड्रेनेज सिस्टम को व्यवस्थित किया था. लेकिन नगर निगम और वर्तमान सरकार के लापरवाही की वजह से नाले का पानी सड़क पर देखने को मिल रहा है.
वही रांची के कई ऐसे निजी घर है जिनके घरों का गंदा पानी सीधा सड़क पर आता है. राजधानी के किशोरगंज, कोकर, बूटी मोर, कांटा टोली में कई ऐसे घर हैं, जिनके घर का गंदा पानी सड़क पर आता है. क्योंकि उनके घरों के गंदा पानी को निकालने के लिए मोहल्ले में नाली नहीं बनवाए गए हैं.
ईटीवी भारत ने लोगों की परेशानी को देखते हुए नगर निगम के उपमहापौर डिप्टी मेयर से बात की. उन्होंने बताया कि नगर निगम ने 3 साल पहले ही करीब डेढ़ सौ करोड़ का डीपीआर बनाकर सरकार को भेज दिया है. लेकिन सरकार की तरफ से समय पर फंडिंग नहीं की गई. जिस वजह से शहर के कई नाले खुले पड़े हैं, ड्रेनेज सिस्टम को व्यवस्थित नहीं किया जा पा रहा है. उन्होंने बताया कि फरवरी माह में विदेश से एक डेलिगेशन रांची शहर का निरीक्षण करने आने वाली है उससे पहले ही नगर निगम का यह प्रयास है कि जल्द से जल्द झारखंड का ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त कर दिया जाए.
गौरतलब है कि रांची को राजधानी बने कई वर्ष हो गए. लेकिन सबसे बुनियादी सुविधा में शुमार ड्रेनेज सिस्टम अभी तक व्यवस्थित नहीं हो पाया. जरुरत है नगर निगम और जिला प्रशासन इस पर ध्यान दें ताकि राजधानी का गंदा पानी नाले में ही बहे ना की सड़क पर.