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PM मोदी और लालू का जबरा फैन है ये डिजिटल 'भिखारी', 'छुट्टे नहीं हैं' का नहीं चलता बहाना, QR CODE से मांगता है भीख

राजू का कहना है कि मंदबुद्धि होने के कारण कोई उसे नौकरी नहीं देता था. तब से उसने भीख मांगकर गुजारा करना शुरू किया. लेकिन अब जब से वो डिजिटल भिखारी (Digital Bhikhari Raju) बना है, उसकी कमाई भी बढ़ गई है. पढ़ें पूरी खबर

Digital Beggar Raju of Bettiah
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Published : Feb 7, 2022, 4:48 PM IST

पश्चिम चंपारण (बेतिया): देश और दुनियाभर में अब करेंसी का चलन कम हो रहा है. लोग कैशलेस (Cashless) हो रहे हैं और डिजिटली लेन-देन (Digital Transaction) कर रहे हैं. हालांकि कहा जाता है कि ये पढ़े-लिखे लोगों तक की सीमित है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे इंसान के बारे में बताते हैं, जो भीख मांगकर गुजारा करता है और ये भी डिजिटली होता है. राजू नाम का ये भिखारी (Digital Beggar Raju of Bettiah) अपने गले में QR CODE की तख्ती और TAB लेकर चलता है.

ये भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर में चलता है भिखारियों का अपना बैंक, जरूरत पड़ने पर मिलता है लोन

बताया जाता है कि पिछले 30 सालों से ऐसे ही लोगों से पैसे मांगकर गुजारा करने वाला ये भिखारी मंद बुद्धि है. उसका कहना है कि लोगों के पास हर वक्त छुट्टे पैसे नहीं होते, इसीलिए उसने डिजिटल तरीके से सहयोग लेना शुरू कर दिया. राजू पीएम मोदी का प्रशंसक है और उनके डिजिटल इंडिया के कैंपेन (PM Modi digital India) से प्रभावित होकर ही इस तरह से भीख मांगने का तरीका अपनाया. बेतिया रेलवे स्टेशन पर भीख मांगने वाले इस शख्स का दावा है कि वो बिहार का ही नहीं, बल्कि भारत का पहला डिजिटल भिखारी है.

देखें पूरी खबर

बड़ी मुश्किल से खुला खाता : राजू का कहना है कि पहले लोग मांगने पर कहते थे कि उनके पास खुल्ले पैसे नहीं हैं और आगे बढ़ जाते थे. इसके बाद उसने इस तरीके से लोगों से मदद मांगने की सोची और बैंक में खाता खुलवाने गया. उसे बैंक में खाते खुलवाने में बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ा. जहां बैंक कर्मी ने उससे पैन कार्ड और आधार कार्ड की मांग की. आधार कार्ड तो उसके पास पहले से था, लेकिन पैन कार्ड बनवाना पड़ा. इसके बाद पिछले महीने ही बेतिया के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य शाखा में उसने खाता खुलवाया और ई वॉलेट बनवा लिया.

ये भी पढ़ें- Corona-Lockdown Effect: लाचार-मजबूर भिखारी, बिना दान के दाल-रोटी पर आफत

अब बेतिया रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और काली बाग मंदिर के आसपास लोगों से वो डिजिटल भीख मांगता है. राजू की इस कहानी की हर तरफ चर्चा हो रही है. राजू का कहना है कि मंदबुद्धि होने के कारण कोई उसे नौकरी नहीं देता था. तबसे उसने भीख मांगकर गुजारा करना शुरू किया. लेकिन अब जब से वो डिजिटल भिखारी (India first digital beggar Raju) बना है, उसकी कमाई भी बढ़ गई है.

लालू यादव का दिवाना है राजू: राजू खुद को लालू यादव का बहुत बड़ा फैन (Lalu Yadav fan beggar) बताता है. एक वक्त वह लालू यादव की नकल भी करता था और आसपास जहां भी लालू यादव का कार्यक्रम होता था, राजू वहां पहुंच जाता था. उसने कहा कि लालू यादव ने उसके लिए दो वक्त के खाने का पास बनवा दिया था, जिससे उसको तब खाने की दिक्कत नहीं होती थी.

राजू गले में QR CODE लटकाकर मांगता है भीख : 2005 में लालू यादव के आदेश पर उसे सप्तक्रांति सुपरफास्ट एक्सप्रेस के पैंट्री कार से रोज भोजन मिलता था. लेकिन उनके रेल मंत्री पद से हटने के बाद वो पास भी कैंसिल हो गया और अब लोगों से मांगकर ही गुजारा करना पड़ता है. हालांकि, ई-वॉलेट बना कर गले में QR CODE वाली तख्ती टांग कर भीख (Raju begging by hanging QR code) मांगनी शुरू कर दी. अब लोग खुदरा पैसा नही है की बात कहते हैं तो वह अपना QR CODE वाली तख्ती आगे कर देता है. भीख मांगने के इस अनोखे तरीखे को देखकर लोग उसे स्कैन करके पैसे दे भी देते हैं.


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पश्चिम चंपारण (बेतिया): देश और दुनियाभर में अब करेंसी का चलन कम हो रहा है. लोग कैशलेस (Cashless) हो रहे हैं और डिजिटली लेन-देन (Digital Transaction) कर रहे हैं. हालांकि कहा जाता है कि ये पढ़े-लिखे लोगों तक की सीमित है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे इंसान के बारे में बताते हैं, जो भीख मांगकर गुजारा करता है और ये भी डिजिटली होता है. राजू नाम का ये भिखारी (Digital Beggar Raju of Bettiah) अपने गले में QR CODE की तख्ती और TAB लेकर चलता है.

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बताया जाता है कि पिछले 30 सालों से ऐसे ही लोगों से पैसे मांगकर गुजारा करने वाला ये भिखारी मंद बुद्धि है. उसका कहना है कि लोगों के पास हर वक्त छुट्टे पैसे नहीं होते, इसीलिए उसने डिजिटल तरीके से सहयोग लेना शुरू कर दिया. राजू पीएम मोदी का प्रशंसक है और उनके डिजिटल इंडिया के कैंपेन (PM Modi digital India) से प्रभावित होकर ही इस तरह से भीख मांगने का तरीका अपनाया. बेतिया रेलवे स्टेशन पर भीख मांगने वाले इस शख्स का दावा है कि वो बिहार का ही नहीं, बल्कि भारत का पहला डिजिटल भिखारी है.

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बड़ी मुश्किल से खुला खाता : राजू का कहना है कि पहले लोग मांगने पर कहते थे कि उनके पास खुल्ले पैसे नहीं हैं और आगे बढ़ जाते थे. इसके बाद उसने इस तरीके से लोगों से मदद मांगने की सोची और बैंक में खाता खुलवाने गया. उसे बैंक में खाते खुलवाने में बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ा. जहां बैंक कर्मी ने उससे पैन कार्ड और आधार कार्ड की मांग की. आधार कार्ड तो उसके पास पहले से था, लेकिन पैन कार्ड बनवाना पड़ा. इसके बाद पिछले महीने ही बेतिया के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य शाखा में उसने खाता खुलवाया और ई वॉलेट बनवा लिया.

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अब बेतिया रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और काली बाग मंदिर के आसपास लोगों से वो डिजिटल भीख मांगता है. राजू की इस कहानी की हर तरफ चर्चा हो रही है. राजू का कहना है कि मंदबुद्धि होने के कारण कोई उसे नौकरी नहीं देता था. तबसे उसने भीख मांगकर गुजारा करना शुरू किया. लेकिन अब जब से वो डिजिटल भिखारी (India first digital beggar Raju) बना है, उसकी कमाई भी बढ़ गई है.

लालू यादव का दिवाना है राजू: राजू खुद को लालू यादव का बहुत बड़ा फैन (Lalu Yadav fan beggar) बताता है. एक वक्त वह लालू यादव की नकल भी करता था और आसपास जहां भी लालू यादव का कार्यक्रम होता था, राजू वहां पहुंच जाता था. उसने कहा कि लालू यादव ने उसके लिए दो वक्त के खाने का पास बनवा दिया था, जिससे उसको तब खाने की दिक्कत नहीं होती थी.

राजू गले में QR CODE लटकाकर मांगता है भीख : 2005 में लालू यादव के आदेश पर उसे सप्तक्रांति सुपरफास्ट एक्सप्रेस के पैंट्री कार से रोज भोजन मिलता था. लेकिन उनके रेल मंत्री पद से हटने के बाद वो पास भी कैंसिल हो गया और अब लोगों से मांगकर ही गुजारा करना पड़ता है. हालांकि, ई-वॉलेट बना कर गले में QR CODE वाली तख्ती टांग कर भीख (Raju begging by hanging QR code) मांगनी शुरू कर दी. अब लोग खुदरा पैसा नही है की बात कहते हैं तो वह अपना QR CODE वाली तख्ती आगे कर देता है. भीख मांगने के इस अनोखे तरीखे को देखकर लोग उसे स्कैन करके पैसे दे भी देते हैं.


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