रांची: राज्य के पुलिस अधिकारी के कार्य प्रणाली पर झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने सख्त नाराजगी व्यक्त की है. धनबाद में एक ट्रक में रखे 32 टन कोयला को रिलीज करने से संबंधित एक क्रिमिनल रिवीजन की सुनवाई गुरुवार को हुई. मामले में अदालत ने धनबाद के सरायढेला थाना प्रभारी अवधेश कुमार यादव द्वारा देर से शपथ पत्र दाखिल करने. शपथ पत्र में पूरी जानकारी नहीं देने के कारण नाराजगी व्यक्त की.
शपथ पत्र में थाना इंचार्ज के द्वारा कोयला रिलीज किए जाने के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई, सिर्फ ट्रक रिलीज करने के बारे में बताया गया. जिस पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताते हुए अपने मौखिक टिप्पणी में कहा कि कोयला रिलीज के बारे में कोर्ट ने शपथ पत्र दाखिल करने को कहा था, लेकिन ट्रक रिलीज करने के बारे में पुलिस की ओर से जानकारी दी गई है. यह भी कहा कि कोर्ट ने इस संबंध में सरायढेला थाना इंचार्ज को 4 अगस्त को ही शपथ दाखिल करने को कहा था. लेकिन उनकी ओर से 23 सितंबर को शपथ पत्र दाखिल किया गया है. कोर्ट ने 19 अक्टूबर को धनबाद एसएसपी एवं सब इंस्पेक्टर सह थाना इंचार्ज सरायढेला थाना अवधेश कुमार यादव को कोर्ट में शरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया है.
बता दें कि मामला ट्रक में 32 टन रखे हुए कोयला को रिलीज करने से जुड़ा है. 2 मई 2012 को धनबाद में इसे अवैध कोयला बताते हुए पुलिस ने जब्त कर लिया था. मामले को लेकर सरायढेला थाना कांड संख्या 427/ 2012 दर्ज की गई थी. धनबाद के सीजेएम की अदालत ने 2 अप्रैल 2018 को प्रार्थी की रिहाई का आदेश दिया था. जिसके बाद प्रार्थी ने कोयला रिलीज के लिए अदालत में पिटीशन डाला गया था. जिसे धनबाद की निचली अदालत ने खारिज कर दिया था. जिसके बाद कोयला रिलीज को लेकर प्रार्थी राज चौहान ने हाई कोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन दाखिल की है. इस मामले में प्रार्थी की ओर से प्रत्यूष लाला और दीपक साहू ने पैरवी की.