रांची: झारखंड के डीजीपी एमवी राव शनिवार को पत्रकारों के बीच पहुंचे. इस दौरान डीजीपी ने पत्रकारों को यह आश्वासन दिया कि झारखंड में एक ऐसा माहौल बनाया जाएगा. इसमें पत्रकार और पुलिस के बीच कोई टकराव नहीं हो और दोनों सहयोग पूर्ण वातावरण में काम कर सकें. पत्रकारों से चर्चा के दौरान डीजीपी ने कहा कि कोरोना काल में पुलिस की चुनौतियां बदली हैं. इन चुनौतियों से निपटने में पत्रकारों की भूमिका अहम होगी. डीजीपी राव हाल ही के दिनों में पुलिस और पत्रकारों के बीच बढ़े टकराव को कम करने और पत्रकारों के सवालों से रूबरू होने पहुंचे थे.
इस चर्चा में डीजीपी एमवी राव के साथ राजधानी के क्राइम रिपोर्टर और कई मीडिया हाउसेस के वरिष्ठ पत्रकार शामिल थे. बैठक में पत्रकारों ने एमवी राव से कई सवाल किए, जिसका उन्होंने खुलकर जवाब दिया. तकरीबन तीन घंटे तक चली इस चर्चा से कई सार्थक बातें निकलकर आई. एमवी राव ने पुलिस के कार्य करने के तरीकों पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि पुलिस और पत्रकार दोनों जनता के प्रति उतरदायी हैं. दोनों को अपना काम ईमानदारी और निष्पक्ष होकर करना चाहिए. कई बार एक दूसरे के काम करने के तौर-तरीकों पर मतभेद हो जाते हैं, लेकिन यह मतभेद भी सार्थक होना चाहिए. झारखंड के सरायकेला जिले में एक न्यूज़ चैनल के पत्रकार को झूठे मामले में फंसाकर जेल भेजे जाने के बाद पुलिस और पत्रकारों के बीच टकराव बढ़ा था.
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एमवी राव ने उसे भी जानने की कोशिश की. उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी मामले में बिना जांच के किसी पत्रकार को जेल नहीं भेजा जाएगा. राव ने कहा कि पत्रकार विषम परिस्थितियों में काम करते हैं. खबरों की पुष्टि के लिए अधिकारी से बात भी उन्हें करनी होती है. इसमें सक्षम अधिकारी को सहयोग करना चाहिए. उन्होंने आश्वस्त किया कि पुलिस मुख्यालय में सक्षम पदाधिकारी होंगे, जो पत्रकारों से बात कर उन्हें घटनाक्रम की जानकारी भी देंगे और पुलिस का पक्ष भी रखेंगे.