रांची: राज्य में साइबर अपराध पर लगाम लगाने की कवायद तेज हो गई है. गुरुवार को डीजीपी एमवी राव की अध्यक्षता में सभी जिलों के एसपी और जोनल डीआईजी के साथ साइबर मामलों की समीक्षा बैठक हुई. बैठक में साइबर अपराधियों पर नकेल कसने की रणनीति पर विस्तृत चर्चा की गई.
साइबर अपरधियो की संपत्ति होगी जब्त
बैठक के दौरान यह तय किया गया कि जामताड़ा, गिरिडीह, देवघर समेत साइबर अपराध से प्रभावित सारे जिलों में साइबर अपराधियों की अर्जित संपत्ति जब्त की जाएगी. साइबर अपराध प्रभावित जिलों में काम कर रहे साइबर थानों को भी मजबूत किया जाएगा. बैठक के बाद डीजीपी ने ट्वीट कर बताया कि साइबर अपराध रोकने के लिए जल्द ही एडवाइजरी जारी की जाएगी. साथ ही साइबर अपराधियों की सूचना पर तत्काल कार्रवाई हो सके, इसके लिए अगल से सभी जिलों में हेल्पलाइन नंबर जारी किए जाएंगे.
सर्विस प्रोवाइडर पर भी कार्रवाई होगी
राज्य में साइबर अपराध के हॉटस्पॉट चिन्हित किए जाएंगे. साइबर अपराध के सर्वाधिक मामले जामताड़ा, देवघर, गिरिडीह, दुमका, धनबाद जैसे जिलों से आए हैं. ऐसे में इन जिलों में सक्रिय साइबर अपराधियों के बाहर के राज्यों मसलन दिल्ली, नोएडा लिंक की पड़ताल की जाएगी. वहीं फर्जी सिम का इस्तेमाल कर लोगों को ठगी का शिकार बनाया जाता है. ऐसे में सर्विस प्रोवाइडर पर भी कार्रवाई होगी.
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सिमकार्ड विक्रेताओं और सर्विस प्रोवाइडरों पर हुई कार्रवाई की जानकारी ली
डीजीपी ने वर्षवार गिरफ्तार साइबर अपराधियों, विभिन्न कांडों में दर्ज प्राथमिकी में वर्णित मोबाईल नंबर और गिरफ्तार साइबर अपराधियों से बरामद सिमकार्ड धारकों के नाम-पता का सत्यापन, फर्जी कागजातों के आधार पर निर्गत सिमकार्ड विक्रेताओं और सर्विस प्रोवाईडरों के विरूद्ध की गई. कार्रवाई के अतिरिक्त राज्य के बाहर घटित साइबर अपराधों में जिले के साइबर अपराधियों की संलिप्तता सहित झारखंड ऑनलाइन इंवेस्टिगेशन को-ऑपरेशन रिक्वेस्ट प्लेटफॉर्म में प्राप्त अनुरोधों की संख्या के विरूद्ध निष्पादित और लंबित कांडो और वर्ष 2016 से अब तक के सजा प्राप्त साइबर अपराधियों की संख्या के संदर्भ में जानकारी प्राप्त की. साथ ही साइबर अपराध को नियंत्रित करने और साइबर अपराधियों के विरूद्ध कार्रवाई करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.