रांची: वेतनमान की मांग को लेकर मंगलवार 26 दिसंबर को राज्यभर के टेट सफल पारा शिक्षकों का गुस्सा सड़क पर दिखा. राजभवन के समक्ष जुटे इन पारा शिक्षकों ने न केवल सरकार विरोधी नारे लगाए, बल्कि मुख्यमंत्री आवास घेराव करने के लिए जिद पर अड़े रहे. हालांकि पुलिस प्रशासन की व्यापक तैयारी के आगे यह विवश दिखे.
पारा शिक्षकों का पुलिस प्रशासन के साथ नोंकझोंक भी हुआ. झारखंड राज्य टेट सफल सहायक अध्यापक समन्वय समिति के बैनर तले आंदोलन कर रहे पारा शिक्षकों ने सरकार से वार्ता करने का अनुरोध करते हुए वेतनमान की मांग को पूरा करने का अनुरोध किया है. समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष मिथिलेश उपाध्याय ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन शिक्षक को स्कूल में बच्चों को पढ़ना चाहिए, वह शिक्षक आज सड़क पर आंदोलन कर रहे हैं. प्रशासन हम लोगों के आंदोलन से डर गई है और बैरिकेडिंग कर रोकने का प्रयास कर रही है. लेकिन यह पारा शिक्षक डरने वाले नहीं हैं. मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर हम अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार को विवश कर देंगे.
महिला पारा शिक्षक आंदोलन में रहीं आगे: झारखंड राज्य स्टेट सफल सहायक अध्यापक समन्वय समिति के बैनर तले आयोजित मुख्यमंत्री आवास का घेराव कार्यक्रम के दरमियान महिला पारा शिक्षक सबसे आगे दिखी. बैरिकेडिंग के समक्ष पुलिस प्रशासन से कई बार उनके साथ नोकझोंक भी हुई. जिद पर अड़े पारा शिक्षक मुख्यमंत्री आवास जाना चाहते थे. हालांकि सुरक्षाबलों ने उन्हें पहले ही रोक लिया.
आंदोलन कर रही पारा शिक्षिका सुनीता कहती हैं कि चुनाव के वक्त सत्तारूढ़ दलों के द्वारा वेतनमान की बात कही गई थी. मगर सत्ता में आते ही इसे भुला दिया गया. अगर यही हाल रहा तो 2024 के चुनाव में सत्तारूढ़ दलों को पता चल जाएगा. आंदोलन कर रहे पारा शिक्षक मोहन मंडल कहते हैं कि सरकार ने हमें धोखा देने का काम किया है. महाधिवक्ता की राय और विशेष समिति की अनुशंसा भी यह सरकार मानने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में हम मजबूर होकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करना चाहते हैं.
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