रांची: झारखंड में कोरोना के कम होते रफ्तार को देखते हुए एक ओर जहां सामाजिक संगठनों के साथ-साथ बुद्धिजीवी वर्ग और अभिभावकों की ओर से भी स्कूल खोलने की मांग उठाई जा रही है. वहीं विभिन्न खेल एसोसिएशन ने खिलाड़ियों के भविष्य को देखते हुए सरकार से जल्द से जल्द सामूहिक रूप से खेल आयोजनों को शुरू करने की मांग की है. एसोसिएशन की माने तो आने वाले कई खेल आयोजन के मद्देनजर यह जरूरी है.
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पूरे देश के साथ-साथ जिस तरह झारखंड में कोरोना की तीसरी लहर की रफ्तार जिस तेजी से बढ़ी है, उसी तरह धीरे-धीरे अब कोरोना का कहर कम हो रहा है. इसके मद्देनजर राज्य के विभिन्न निजी और सरकारी स्कूलों को खोलने की मांग उठाई जा रही है. वहीं दूसरी ओर विभिन्न खेल एसोसिएशन की ओर से कोरोना के कारण अव्यवस्थित हुए खेल जगत को भी सुचारू करने की मांग उठाई जा रही है. कोरोना का खासा असर खेल जगत पर भी पड़ा है. खिलाड़ी कई परेशानियों से जूझ रहे हैं. कोच ऑनलाइन तरीके से खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं. लेकिन खिलाड़ियों के लिए यह ट्रेनिंग नाकाफी साबित हो रही है. जब तक खिलाड़ी ओपन ग्राउंड में प्रैक्टिस नहीं करते हैं तो उनका समुचित लाभ उन्हें नहीं मिल पाता है. प्रैक्टिस के अभाव में खिलाड़ियों का वजन बढ़ रहा है. डाइट के अभाव में खिलाड़ी अपने आप को संतुलित नहीं रख पा रहे हैं. इस तरह वे कई परेशानियों से जूझ रहे हैं. झारखंड में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी स्टेडियम ओपन करने की आस में बैठे हैं.
एसोसिएशन की मांगः एथलेटिक्स एसोसिएशन, हॉकी झारखंड, क्रिकेट एसोसिएशन और फुटबॉल एसोसिएशन के अलावा विभिन्न एसोसिएशन की ओर से राज्य सरकार से जल्द से जल्द स्टेडियम ओपन करने की मांग की जा रही है. इनका कहना है आने वाले राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के लिए झारखंड के खिलाड़ियों को फिट करना जरूरी है, जो फिलहाल नहीं हो पा रहा है. आने वाले समय में ऐसे कई खेल आयोजन हैं, जिसमें झारखंड के खिलाड़ी भी हिस्सा लेंगे. अगर उनकी प्रैक्टिस और सेहत सही नहीं रही तो वह अन्य राज्यों के खिलाड़ियों से पिछड़ जाएंगे और जो प्रदर्शन देखने को मिल रहा था, वह देखने को नहीं मिलेगा. मेडल जीतने के लिए खिलाड़ियों को ओपन ग्राउंड में प्रैक्टिस करना ज्यादा जरूरी है. इस ओर राज्य सरकार जल्द से जल्द ध्यान दें, नहीं तो खिलाड़ियों का भविष्य अधर में लटक जाएगा.
सामान्य हो रही है गतिविधियां: कोरोना के कम होते प्रभाव के साथ धीरे-धीरे चीजें सामान्य हो रही हैं. ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि खेल स्टेडियम को भी ओपन कर दिया जाएगा. आपदा प्रबंधन की बैठक में इस दिशा में भी निर्णय आ सकता है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद इस क्षेत्र में भी छूट दी जा सकती है.