रांची: झारखंड में लगातार आदिवासी धर्म को मांग को लेकर स्वर उठते रहे हैं. इस बार एक बार फिर से यह स्वर तेज हो गए हैं, जनगणना प्रपत्र में आदिवासियों और जनजातियों के लिए अलग धर्मकोड कॉलम हो.
आदिवासियों के लिए अलग सरना धर्म कोड लागू हो, इसको लेकर आदिवासी संगठनों ने 18 फरवरी 2020 को दिल्ली के जंतर मंतर में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करेंगे और सरकार से अपनी मांगों को रखेंगे.
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दिल्ली के जंतर मंतर में होने वाले इस एक दिवसीय धरना प्रदर्शन राष्ट्रीय आदिवासी इंडिजीनस धर्म समन्वय समिति आयोजित करेगी. धर्म कोड की मांग को लेकर आयोजित यह कार्यक्रम दिल्ली के जंतर मंतर में सुबह 11:00 बजे से शाम के 5:00 बजे तक चलेगा.
जिसमें समिति के प्रतिनिधी देश के प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, आदिवासी मामलों के मंत्री, राष्ट्रपति रजिस्टार जनरल, जनगणना विभाग जनजातिया आयोग के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को ज्ञापन सोकर अपनी मांगों से अवगत कराएंगे.
इस एक दिवसीय धरना प्रदर्शन में देश के अलग-अलग राज्यों से कई आदिवासी संगठन के प्रतिनिधि शामिल होंगे. झारखंड से जय आदिवासी केंद्रीय परिषद, राजा पाड़ा सरना समिति राज्य के आदिवासी सामाजिक संगठन के प्रतिनिधि बुद्धिजीवी वर्ग छात्र-छात्रा जैसे कई संगठन हिस्सा लेंगे.
सरना धर्म कोड को लेकर पिछले 5 वर्षों से समिति मांग कर रही है. 19 जनवरी 2020 को अधिसूचना जारी कर दिया गया है, जिसके तहत 2021 में जनगणना होगा आदिवासियों का मांग है कि जनगणना रजिस्टर के कॉलम में अलग से सरना का कॉलम बना रहें है.
जिससे हम लोगों को अपना धर्म लिखने में सोहलिय हो साथ ही समिति ने कहा कि झारखंड में इस बार आदिवासी की सरकार बनी है. ऐसे में हम आदिवासियों की अपेक्षा काफी बढ़ गई है, सरकार से भी मांग है कि जल्द से जल्द सरना धर्म कोड को लागू किया जाए.