रांचीः वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का प्रकोप पूरे देश में लगातार जारी है और इस महामारी से बचाव के लिए शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता का होना सबसे आवश्यक माना जाता है. ऐसे में कोरोना काल में शहर की फूल पौधों की नर्सरी में औषधीय गुणों से भरपूर पौधों की मांग अचानक बढ़ गई है सबसे ज्यादा मांग तुलसी, गिलोय, एलोवेरा, अश्वगंधा, हरसिंगार की है.
कोरोना महामारी से पहले इन पौधों की मांग बहुत कम थी. पौधे बेचने वाले इन औषधीय गुणों से भरपूर पौधों की बिक्री महीने में 10 से 12 ही करते थे, लेकिन कोरोना महामारी से बचाव के लिए लोग रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए सबसे ज्यादा गिलोय तुलसी अश्वगंधा का ले रहे हैं.
औषधीय गुणों से भरपूर इन पौधों की मांग को देखते हुए नर्सरी के मालिकों ने पौधों की उपज बढ़ा दी है कई किस्म के पौधे बंगाल से भी मंगाया जा रहे हैं.
झारखंड के नर्सरी में हर दिन करीब 50 से ज्यादा लोग गिलोय और अन्य औषधि की खरीदारी करने पहुंचते हैं मांग इतना बढ़ गई है कि लोगों की डिमांड को पूरा नहीं किया जा सकता है.
अधिक दाम देने पर भी हम लोगों को औषधि पौधे नहीं मिल रहे हैं और सबसे ज्यादा लोगों की डिमांड गिलोय के पौधे के हैं इसके साथ ही तुलसी, पराजित गुड मार एलोवेरा और अश्वगंधा की भी खूब मांग की जा रही है क्योंकि इस कोरोना काल में लोग इन औषधीय गुणों से भरपूर पौधों के पत्तों और जड़ों का काढ़ा बनाकर पी रहे है.
औषधीय गुणों से भरपूर पौधों की खरीदारी नर्सरी में पहुंचे नूतन कुशवाहा बताती है कि आयुर्वेद में उन्हें पहले से ही भरोसा है ऐसे में इस महामारी के समय में इन पौधों का काढ़ा बनाकर पीने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
स्टीविया नामक औषधीय गुणों से भरपूर पौधों की खरीदारी करने पहुंची थी लेकिन पूरी नर्सरी में ढूंढने के बावजूद उन्हें नहीं मिल पा रहा है.
उन्होंने कहा कि तुलसी गिलोय एलोवेरा जैसे पौधे वे अपने गार्डन में रखे हैं. इन पौधों का इस्तेमाल शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाता है और जो कोरोना काल के समय में सबसे कारगर माना जा रहा है.
जानिए औषधीय पौधों की कीमत
1. एलोवेरा 40 रुपये प्रति फीस
2. तुलसी 20-25 रुपये प्रति पीस
3. अश्वगंधा 50 रुपये प्रति पीस
4. गिलोय 50 -60 रुपये प्रति पीस
5. हरसिंगार 50-60 रुपये प्रति पीस
6. सतावर 50 रुपये प्रति पीस
7. गुडमार 40 रुपये प्रति पीस
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कोरोना काल में शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता होना सबसे अधिक जरूरी है तभी इस महामारी को पराजित किया जा सकता है. रिम्स की डायटीशियन डॉक्टर कुमारी मीनाक्षी बताते हैं कि औषधीय गुणों से भरे तुलसी एलोवेरा गिलोय जैसे पौधों का इस्तेमाल काढ़ा बनाकर किया जा सकता है लेकिन ज्यादा प्रयोग भी सेहत के लिए हानिकारक है.
नियमित रूप से सुबह अगर सही मात्रा में इन औषधि गुणों से भरपूर पौधों का इस्तेमाल किया जाए तो शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है.