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मनरेगा कर्मियों की मांग पर सरकार लेगी निर्णय, 28 जुलाई को विकास आयुक्त की अध्यक्षता में होगी बैठक: आलमगीर आलम

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Published : Jul 27, 2020, 5:04 PM IST

राजधानी में मनरेगा कर्मियों ने स्थायीकरण की मांग को लेकर हड़ताल पर जाने की बात कही है. मामले में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि 28 जुलाई को विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बैठक की जाएगी और उचित मांग पर निर्णय लिए जाएंगे.

मनरेगाकर्मियों की मांगों पर सरकार लेगी निर्णय
Decision will be taken on demand of MNREGA workers in Ranchi

रांची: राजधानी में मनरेगा कर्मियों ने स्थायीकरण की मांग को लेकर हड़ताल पर जाने की बात कही है. मामले में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि 28 जुलाई को विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बैठक की जाएगी और उचित मांग पर निर्णय लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार मनरेगा कर्मियों की मांग को लेकर संवेदनशील है और मुख्यमंत्री ने भी इसे संज्ञान में लिया है.

मंत्री आलमगीर आलम का बयान

स्थायीकरण की मांग

रांची में मनरेगा कर्मियों ने स्थायीकरण की मांग को लेकर हड़ताल पर जाने की बात कही है. मनरेगा कर्मियों का कहना है कि 12-13 साल से वो लगातार काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी नौकरी को आज तक स्थाई नहीं किया गया है. इस वजह से अधिकारियों की ओर से मनमानी भी की जाती है और उन्हें कभी भी बर्खास्त कर दिया जाता है. उनका कहना है कि स्थाई नहीं होने की वजह से दुर्घटना होने पर उनके परिजनों को सहायता भी नहीं मिल पाती है.

ये भी पढ़ें-चाईबासा के मनोहरपुर में एमसीसी ने की जमकर पोस्टरबाजी, ग्रामीणों में दहशत

परेशानी बढा सकती है मनरेगाकर्मी की हड़ताल

इसके अलावा कोविड-19 के संक्रमण काल में भी उनकी सुरक्षा पर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है. उनके पास हेल्थ इंश्योरेंस भी नहीं है, जिसकी मांग सरकार से की जा रही है. बता दें कि कोरोना काल में मनरेगा के तहत ही प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराया गया है. वर्तमान में मनरेगा के तहत कई योजनाएं पूरे राज्य में चल रहे हैं और लगभग छह लाख मजदूरों को इससे रोजगार मिला है. ऐसे में मनरेगाकर्मी की हड़ताल परेशानी बढा सकती है.

रांची: राजधानी में मनरेगा कर्मियों ने स्थायीकरण की मांग को लेकर हड़ताल पर जाने की बात कही है. मामले में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि 28 जुलाई को विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बैठक की जाएगी और उचित मांग पर निर्णय लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार मनरेगा कर्मियों की मांग को लेकर संवेदनशील है और मुख्यमंत्री ने भी इसे संज्ञान में लिया है.

मंत्री आलमगीर आलम का बयान

स्थायीकरण की मांग

रांची में मनरेगा कर्मियों ने स्थायीकरण की मांग को लेकर हड़ताल पर जाने की बात कही है. मनरेगा कर्मियों का कहना है कि 12-13 साल से वो लगातार काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी नौकरी को आज तक स्थाई नहीं किया गया है. इस वजह से अधिकारियों की ओर से मनमानी भी की जाती है और उन्हें कभी भी बर्खास्त कर दिया जाता है. उनका कहना है कि स्थाई नहीं होने की वजह से दुर्घटना होने पर उनके परिजनों को सहायता भी नहीं मिल पाती है.

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परेशानी बढा सकती है मनरेगाकर्मी की हड़ताल

इसके अलावा कोविड-19 के संक्रमण काल में भी उनकी सुरक्षा पर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है. उनके पास हेल्थ इंश्योरेंस भी नहीं है, जिसकी मांग सरकार से की जा रही है. बता दें कि कोरोना काल में मनरेगा के तहत ही प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराया गया है. वर्तमान में मनरेगा के तहत कई योजनाएं पूरे राज्य में चल रहे हैं और लगभग छह लाख मजदूरों को इससे रोजगार मिला है. ऐसे में मनरेगाकर्मी की हड़ताल परेशानी बढा सकती है.

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