रांची: पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने से जहां एक ओर आम लोग नाराज हैं वहीं, ट्रांसपोर्टर भी इस फैसले से नाराज दिख रहे हैं. उनका कहना है ऐसे में उनका मुनाफा कम हो जाएगा और नुकसान बढ़ेगा. प्रतिस्पर्धा के इस बाजार में सर्वाइव करना मुश्किल हो जाएगा.
पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने जहां एक ओर आम लोग परेशान हैं, वहीं ट्रांसपोर्टर के पास भी किराया बढ़ाने के अलावे कोई रास्ता नहीं दिख रहा है. सरकार ने पेट्रोल-डीजल के कीमत को कंट्रोल करने का वादा किया था लेकिन फैसला उसके उलट ही लिए गए हैं.
सरकार वर्तमान में ब्रांडेड और अन-ब्रांडेड पेट्रोल दोनों पर 7 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 1 रुपये प्रति लीटर शुल्क लेती है. इसके अलावा पेट्रोल और डीजल दोनों पर 8 रुपये प्रति लीटर का इंफ्रास्ट्रक्चर सेस वसूला जा रहा है. सीतारमण ने बजट घोषणा के परिणामस्वरूप सरकार को समग्र कर लाभ साझा नहीं किया. उन्होंने कहा, 'क्रूड की कीमतें नरम हो गई हैं, इससे पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क और उपकर की समीक्षा करने की गुंजाइश है. इसलिए सड़क और बुनियादी ढ़ाचा के विस्तार के लिए सेस लगाया जा रहा है.