रांची: झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को श्री जगदीशप्रसाद झाबरमल टिबड़ेवाला विश्वविद्यालय, झुंझुनू की ओर से डी-लिट की मानद उपाधि से नवाजा गया है. इसके लिए राजभवन में विशेष दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. राज्यपाल ने इस मौके पर आशा जतायी कि यह विश्वविद्यालय अपनी उपलब्धियों से अन्य शिक्षण संस्थानों के लिए प्रेरणा का कार्य करेगा. साथ ही किसी की भी गरीबी को उसके उच्च शिक्षा हासिल करने में बाधक नहीं बनने देगा.
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा से ही किसी भी देश और समाज की उन्नति संभव है. शिक्षा ही एक विकसित समाज की नींव होती है. उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय अपनी कार्यशैली से देश के अन्य निजी विश्वविद्यालयों को यह भी संदेश देता है कि शिक्षण संस्थान का उद्देश्य विद्यार्थियों को शिक्षा सुलभ कराने के प्रति पूर्णतः समर्पित रहना है. उन्हें विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान कराने की दिशा में सचेष्ट रहने के साथ-साथ प्रोत्साहित भी करना चाहिए.
राज्यपाल ने कहा कि इस विश्वविद्यालय द्वारा डी-लिट की मानद उपाधि प्रदान करना विश्वविद्यालय का मेरे प्रति स्नेह को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि वह विश्वविद्यालय में जाकर डी-लिट की उपाधि ग्रहण करना चाहते थे. लेकिन पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों व व्यस्तताओं के कारण विश्वविद्यालय में नहीं जा सके.
राज्यपाल ने कहा कि झुंझुनू के ग्रामीण क्षेत्र में इस विश्वविद्यालय को खोलने की अवधारणा सराहनीय है. विश्वविद्यालय द्वारा मेधावी छात्राओं के लिए शैक्षणिक शुल्क में शत-प्रतिशत और प्रत्येक छात्रा को 75% शुल्क में छूट देना बहुत ही प्रशंसनीय काम है. यह महिला शिक्षा व महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक नेक पहल है. उन्होंने राजस्थानी सेवा संघ ट्रस्ट को झुंझुनू जिले में विभिन्न सामाजिक गतिविधियों का संचालन करने के लिए बधाई दी.