रांची: झारखंड में बिजली कनेक्शन काटने के नाम पर पूर्व में साइबर अपराधियों ने जमकर ठगी की वारदातों को अंजाम दिया था. साइबर टीम के एक्टिव होने के बाद ऐसे मामलों पर कुछ हद तक काबू पाया गया है, लेकिन अब स्मार्ट मीटर के नाम पर साइबर अपराधी ठगी की वारदातों को अंजाम देने लगे हैं. स्मार्ट मीटर के नाम पर साइबर ठगी के कुछ मामले थानों में रिपोर्ट भी किए गए हैं.
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स्मार्ट मीटर को लेकर अलर्ट हुआ साइबर क्राइम ब्रांचः सबसे राहत की बात यह है कि स्मार्ट मीटर को लेकर अभी तक इक्का-दुक्का मामले ही सामने आए हैं, जिनमें साइबर अपराधियों के द्वारा ठगी की वारदात को अंजाम देने की कोशिश की गई है. इससे भी बड़ी राहत की बात यह है कि जैसे ही साइबर अपराधियों ने स्मार्ट मीटर के जरिए साइबर ठगी की कोशिश की जागरूक उपभोक्ताओं ने तुरंत इसकी जानकारी साइबर क्राइम ब्रांच को हेल्पलाइन नंबर के जरिए दी. साइबर अपराधियों की इस नई चाल की जानकारी मिलने के बाद साइबर क्राइम ब्रांच अलर्ट हो गया है.
लोगों को जागरूक रहने की जरूरतः इस संबंध में सीआईडी एसपी एस कार्तिक ने बताया कि कुछ मामले रिपोर्ट किए गए हैं, उन पर साइबर टीम काम कर रही है. लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है. अगर वह जागरूक रहेंगे तो ठगी के शिकार होने से बच जाएंगे. आम उपभोक्ता को यह जान लेना चाहिए कि स्मार्ट मीटर लगाने के लिए उन्हें किसी भी तरह का ऐप डाउनलोड करने की जरूरत नहीं है, बिजली विभाग के द्वारा ही सारी प्रक्रिया घर जाकर की जा रही है. ऐसे में किसी भी तरह के मैसेज फोन कॉल से बचने की जरूरत है.
झारखंड के बाहर से आ रहे हैं कॉलः गौरतलब है कि बिजली विभाग के द्वारा अब हर घर में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू किया गया है. इसके तहत अब आप जितना बिजली खर्च करेंगे, उतने का आपको हर महीने रिचार्ज करना होगा. कुछ स्थानों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए गए हैं. साइबर अपराधी अलग-अलग जगहों से आम लोगों के फोन नंबर इकट्ठा कर उन्हें कॉल कर स्मार्ट मीटर लगाने और रिचार्ज करवाने के नाम पर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. अब तक की तफ्तीश में यह बात सामने आयी है कि स्मार्ट मीटर को लेकर जितने भी ठगी के प्रयास किए गए हैं, वे सभी झारखंड के बाहर से किए जा रहे हैं. जिन नंबरों से ठगी के प्रयास किए गए हैं, उन नंबरों की पड़ताल साइबर क्राइम ब्रांच के द्वारा की जा रही है.
100 से अधिक लोगों के साथ हुई थी बिजली कनेक्शन को लेकर ठगीः गौरतलब है कि पिछले साल बिजली कनेक्शन काटने के नाम पर 100 से ज्यादा लोगों से साइबर अपराधियों ने ठगी की वारदात को अंजाम दिया था. स्थिति इतनी भयावह हो गई थी कि बिजली विभाग और साइबर क्राइम ब्रांच को इसकी शिकायत और जानकारी के लिए लिए साइबर ब्रांच के नंबर, टोल फ्री नंबर के साथ-साथ लोगों के बीच जागरुकता अभियान तक चलाना पड़ा था. बिजली कनेक्शन काटने के नाम पर राजधानी रांची सहित झारखंड के दूसरे शहरों में लाखों रुपए की ठगी को साइबर अपराधियों ने अंजाम दिया था.
सावधानी ही साइबर ठगी से बचावः सीआईडी एसपी एस कार्तिक के अनुसार सावधानी ही साइबर क्राइम से बचाव है. कोई भी अनजान व्यक्ति अगर आपको कॉल कर के यह कहता है कि आप कोई ऐप डाउनलोड करें उसके जरिए आपका बिजली मीटर रिचार्ज होगा या फिर वह फोन पर यह कहता है कि वह बिजली विभाग से संबंध है और मीटर को रिचार्ज करने के लिए काम कर रहा है तो उसकी बातों पर विश्वास ना करें. कोई भी अगर मैसेज आता है तो आप नजदीकी बिजली ऑफिस में जाकर उसके बारे में पता करें. ज्यादा शक हो तो साइबर क्राइम ब्रांच के टोल फ्री नंबर पर इसकी सूचना दें, ताकि आप ठगी से बच सकें. बिजली विभाग के द्वारा भी अपने वेबसाइट पर आम लोगों को ठगी से बचने के लिए सर्कुलर जारी किया गया है.