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Ranchi News: 35 हजार का सोफा बेचने के दौरान फंसा साइबर अपराधियो के चुंगल में, खाते से गायब हुए दो लाख - रांची में साइबर अपराधी

रांची के गोंदा थाना क्षेत्र में एक शख्स साइबर ठगी का शिकार हो गया. साइबर अपराधियों ने सोफा खरीदने की बात कहकर दो लाख रुपए ठग लिए.

Cyber criminals cheated two lakh rupees in Ranchi
Cyber criminals cheated two lakh rupees in Ranchi
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Published : Mar 19, 2023, 9:00 AM IST

रांचीः राजधानी में साइबर क्राइम पर ब्रेक लगाना मुश्किल होता जा रहा है. किसी न किसी थाने में हर रोज कोई न कोई ठगी का मामला जरूर रिपोर्ट हो रहा है. इस बार तो रांची के गोंदा थाना क्षेत्र के रहने वाले शुभम से साइबर अपराधियों ने सोफा लेने के नाम पर ही दो लाख की ठगी कर डाली. मामले को लेकर गोंदा थाना में एफआईआर दर्ज करवाई गई है.

ये भी पढृ़ेंः Cyber Fraud In Ranchi:अब स्मार्ट मीटर लगवाने के नाम पर ठगी की कोशिश कर रहे हैं साइबर अपराधी, लोगों को सावधान रहने की जरूरत

कैसे की ठगीः शुभम ने पुलिस को दिए गए आवेदन में कहा गया है कि उनके मोबाइल पर एक व्यक्ति का फोन आया. उसने कहा कि आपके सोफा सेट बिक्री की बात आपके पिता से हो गयी है. फोन करने वाले ने कहा कि वो ही सोफा सेट खरीद रहा है. सोफे की कीमत 35 हजार रुपये तय हुई है. इतनी बात करने के बाद फोन करने वाले ने बताया कि उसे 35 हजार रुपए आपके खाते में भेजना है. इसके लिए वह एक क्यूआर कोड भेज रहा है. आप उसे स्कैन कर लें. ताकि उन्हें राशि भेजी जा सके. शुभम यही पर गलती कर बैठा. जैसे ही शुभम ने क्यूआर कोड स्कैन किया, उनके खाते से करीब दो लाख रुपए की अवैध निकासी हो गयी. इसकी जानकारी उन्हें बैंक स्टेटमेंट की जांच करने पर पता चला. शुभम ने पुलिस को बताया कि है कि जिस व्यक्ति के खाते में राशि ट्रांसफर की गई है, उसमें रांची के इस्लाम शेख और मुकेश कुमार का नाम बैंक विवरणी में दिख रहा है.

जांच में जुटी पुलिसः दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है. हालांकि अब तक पुलिस को अपराधियों का कोई सुराग हाथ नहीं लगा है. आए दिन हो रही साइबर्टएक्ज के मामलों को देखते हुए साइबर पुलिस हर दिन जागरुकता से जुड़े टिप्स सोशल मीडिया से लेकर हर जगह जारी कर रही है. ऐसे में जरूरी है कि आप भी उन जागरुकता मैसेज को गौर से अध्ययन करें ताकि साइबर ठगी से बच सकें.

साइबर क्राइम ब्रांच ने जारी किया है बचाव के टिप्सः साइबर अपराध का शिकार होने पर बिना देर किए हेल्पलाइन नंबर 1930 तथा ऑनलाइन www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें. अगर आप आधे घंटे के भीतर रिपोर्ट करते हैं तो संभव है कि आपके पैसे वापस मिल जाएंगे.

किसी भी अज्ञात मोबाइल नंबर से कॉल आने पर अपनी कोई भी निजी जानकारी साझा ना करें. किसी भी अज्ञात नंबर से आए एसएमएस में दिए गए अज्ञात संदिग्ध लिंक पर क्लिक ना करें. गूगल प्ले स्टोर का प्रयोग करने से पहले गूगल प्ले प्रोटेक्ट की सुविधा का प्रयोग करें तथा बैंक से संबंधित किसी भी एप्लीकेशन पर संदेह होने पर नजदीकी बैंक शाखा से संपर्क करें. इंटरनेट सर्च इंजन गूगल एवं अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिए कस्टमर केयर, हेल्पलाइन नंबर पर भरोसा न करें. कस्टमर केयर नंबर के लिए हमेशा ऑफिशियल वेबसाइट पर ही संपर्क करें. किसी भी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा भेजे गए अननोन लिंक या यूआरएल पर क्लिक ना करें, ना ही किसी नंबर पर फॉरवर्ड करें. बैंकों के यूपीआई एप्लीकेशन से संबंधित रजिस्ट्रेशन के लिए बैंकों की ऑफिशियल नंबर से ही मैसेज आता है, इसका सदा ध्यान रखें.

रांचीः राजधानी में साइबर क्राइम पर ब्रेक लगाना मुश्किल होता जा रहा है. किसी न किसी थाने में हर रोज कोई न कोई ठगी का मामला जरूर रिपोर्ट हो रहा है. इस बार तो रांची के गोंदा थाना क्षेत्र के रहने वाले शुभम से साइबर अपराधियों ने सोफा लेने के नाम पर ही दो लाख की ठगी कर डाली. मामले को लेकर गोंदा थाना में एफआईआर दर्ज करवाई गई है.

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कैसे की ठगीः शुभम ने पुलिस को दिए गए आवेदन में कहा गया है कि उनके मोबाइल पर एक व्यक्ति का फोन आया. उसने कहा कि आपके सोफा सेट बिक्री की बात आपके पिता से हो गयी है. फोन करने वाले ने कहा कि वो ही सोफा सेट खरीद रहा है. सोफे की कीमत 35 हजार रुपये तय हुई है. इतनी बात करने के बाद फोन करने वाले ने बताया कि उसे 35 हजार रुपए आपके खाते में भेजना है. इसके लिए वह एक क्यूआर कोड भेज रहा है. आप उसे स्कैन कर लें. ताकि उन्हें राशि भेजी जा सके. शुभम यही पर गलती कर बैठा. जैसे ही शुभम ने क्यूआर कोड स्कैन किया, उनके खाते से करीब दो लाख रुपए की अवैध निकासी हो गयी. इसकी जानकारी उन्हें बैंक स्टेटमेंट की जांच करने पर पता चला. शुभम ने पुलिस को बताया कि है कि जिस व्यक्ति के खाते में राशि ट्रांसफर की गई है, उसमें रांची के इस्लाम शेख और मुकेश कुमार का नाम बैंक विवरणी में दिख रहा है.

जांच में जुटी पुलिसः दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है. हालांकि अब तक पुलिस को अपराधियों का कोई सुराग हाथ नहीं लगा है. आए दिन हो रही साइबर्टएक्ज के मामलों को देखते हुए साइबर पुलिस हर दिन जागरुकता से जुड़े टिप्स सोशल मीडिया से लेकर हर जगह जारी कर रही है. ऐसे में जरूरी है कि आप भी उन जागरुकता मैसेज को गौर से अध्ययन करें ताकि साइबर ठगी से बच सकें.

साइबर क्राइम ब्रांच ने जारी किया है बचाव के टिप्सः साइबर अपराध का शिकार होने पर बिना देर किए हेल्पलाइन नंबर 1930 तथा ऑनलाइन www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें. अगर आप आधे घंटे के भीतर रिपोर्ट करते हैं तो संभव है कि आपके पैसे वापस मिल जाएंगे.

किसी भी अज्ञात मोबाइल नंबर से कॉल आने पर अपनी कोई भी निजी जानकारी साझा ना करें. किसी भी अज्ञात नंबर से आए एसएमएस में दिए गए अज्ञात संदिग्ध लिंक पर क्लिक ना करें. गूगल प्ले स्टोर का प्रयोग करने से पहले गूगल प्ले प्रोटेक्ट की सुविधा का प्रयोग करें तथा बैंक से संबंधित किसी भी एप्लीकेशन पर संदेह होने पर नजदीकी बैंक शाखा से संपर्क करें. इंटरनेट सर्च इंजन गूगल एवं अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिए कस्टमर केयर, हेल्पलाइन नंबर पर भरोसा न करें. कस्टमर केयर नंबर के लिए हमेशा ऑफिशियल वेबसाइट पर ही संपर्क करें. किसी भी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा भेजे गए अननोन लिंक या यूआरएल पर क्लिक ना करें, ना ही किसी नंबर पर फॉरवर्ड करें. बैंकों के यूपीआई एप्लीकेशन से संबंधित रजिस्ट्रेशन के लिए बैंकों की ऑफिशियल नंबर से ही मैसेज आता है, इसका सदा ध्यान रखें.

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