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साइबर क्रिमिनल्स कारोबारियों के लिए बने आफत, जानिए कैसे मुश्किल का सामना कर रहे ये व्यापारी

रांची साइबर अपराधियों का नया ठिकाना बनता जा रहा है. यहां इनके आने से राजधानी के कारोबारी नई मुसीबत में फंस गए हैं.

Cyber criminals become disaster for businessman
Cyber criminals become disaster for businessman
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Published : Jun 20, 2023, 7:50 PM IST

Updated : Jun 20, 2023, 10:55 PM IST

रांची: राजधानी में साइबर अपराधियों की बढ़ती सक्रियता रांची के कारोबारियों के लिए मुसीबत बनती जा रही है. दरअसल साइबर अपराधी ठगी के पैसों का इस्तेमाल खरीदारी के लिये कर रहे हैं. ऐसे में जिन प्रतिष्ठानों से साइबर अपराधी मार्केटिंग कर रहे हैं उनके मर्चेंट खाते ही फ्रिज कर दिए जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: जामताड़ा गैंग्स का नया हथियार बना APK, अब साइबर अपराधी कॉल पर ओटीपी नहीं बल्कि इस हाई टेक तरीके से दे रहे ठगी को अंजाम

क्यों हो रहे खाते फ्रिज: दरअसल, अगर देश में कहीं भी किसी भी व्यक्ति से साइबर ठगी होती है और पीड़ित त्वरित राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करवाता है तो, मनी ट्रेल को ब्रेक करने के लिए जिस खाते में भी साइबर अपराधी पैसों का ट्रांसफर करते हैं उन्हें तत्काल फ्रीज कर दिया जाता है. ताकि उन पैसों की रिकवरी की जा सके. लेकिन साइबर अपराधियों के खिलाफ अब तक की सबसे सुरक्षित शिकायत पोर्टल ही कारोबारियों के लिए मुसीबत बनती जा रही है.

क्यों परेशान हैं कारोबारी: झारखंड की राजधानी रांची सहित विभिन्न शहरों से कारोबारियों के मर्चेंट खाते लगातार फ्रिज हो रहे हैं. ऐसे मामले साइबर थानों में मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं कि उनके मर्चेंट खाते बैंकों के द्वारा फ्रिज कर दिए गए हैं. साइबर क्राइम ब्रांच की टीम जब इस मामले की तफ्तीश में जुटी तब जानकारी मिली कि जिन जिन कारोबारियों के मर्चेंट खाते फ्रिज किए गए हैं उन सभी के खातों में साइबर अपराधियों के द्वारा पैसे ट्रांसफर किए गए थे. जांच में यह बात भी सामने आई कि जिन कारोबारियों के प्रतिष्ठान से साइबर अपराधियों ने ऑनलाइन पेमेंट कर खरीदारी की है, उन्हीं के खाते फ्रीज किए गए. जांच में यह बात भी सामने आई कि असल में जिन जिन कारोबारियों के खाते फ्रीज हुए उनके खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर से जो पैसे खरीदारी के एवज भुगतान हुए उन पैसों को साइबर अपराधियों ने ठगी कर अपने खाते में मंगवाए थे. राजधानी के बरियातू, सुखदेव नगर, हिन्दपीढ़ी जैसे थानों में खाते फ्रिज होने की शिकायत कारोबारियों ने दर्ज करवाई है.

12 रुपये से लेकर लाख रुपये तक के ऑनलाइन पेमेंट: साइबर क्राइम ब्रांच मिली जानकारी के अनुसार रांची में ऐसे ऐसे कारोबारियों के खाते भी फ्रीज हुए हैं जिनके यहां से मात्र 12 रुपये की खरीदारी साइबर अपराधियों के द्वारा की गई. बरियातू रोड स्थित एक बड़े मिठाई दुकान का मर्चेंट खाता सिर्फ इसलिए फ्रिज हो गया क्योंकि साइबर अपराधियों ने वहां मात्र 12 रुपये का ऑनलाइन पेमेंट किया था. वहीं, रांची के दो प्रसिद्ध मल्टीप्लेक्स सिनेमाघरों के खाते भी साइबर अपराधियों के फिल्म देखने की वजह से फ्रीज हुए है. कई जगहों पर तो साइबर अपराधियों ने नारियल पानी पीने के लिए भी ऑनलाइन पेमेंट का प्रयोग किया जिसके वजह से नारियल पानी वाले का भी अकाउंट फ्रीज कर दिया गया. ऐसे मामले न सिर्फ रांची से आ रहे हैं बल्कि झारखंड के विभिन्न शहरों से भी सामने आ रहे हैं. साइबर क्राइम ब्रांच के लिए अब यह चुनौती है.

राजधानी को बना रहे साइबर अपराधी ठिकाना: लगातार खाते फ्रिज के मामले रिपोर्ट होने की वजह से साइबर क्राइम ब्रांच भी हलकान है, क्योंकि ऐसे मामले यह साबित कर रहे हैं कि राजधानी रांची साइबर अपराधियों का नया ठिकाना बन रहा है. साइबर अपराधी ठगी की रकम को राजधानी रांची में खर्च कर रहे हैं. जिसकी वजह से कारोबारियों के मर्चेंट खाते फ्रीज हो जा रहे हैं.

क्या है उपाय: रांची की साइबर डीएसपी यशोधरा ने बताया कि मनी ट्रेल को रोकने के लिए खातों का फ्रिज होना बेहद जरूरी है. ऐसे में जिन कारोबारियों के खाते फ्रीज हो रहे हैं उनके लिए एकमात्र उपाय यही है कि जैसे ही उनके खाते फ्रीज हो रहे हैं वे तुरंत साइबर क्राइम ब्रांच से संपर्क करें. इस तरह से दो फायदे होंगे, एक तो उनके प्रतिष्ठान से खरीदारी करने वाला साइबर अपराधी गिरफ्तार हो सकता है, वहीं दूसरा साइबर क्राइम ब्रांच के द्वारा तुरंत राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा पोर्टल से सम्पर्क कर फ्रिज किए गए खाते के बारे में वास्तविक जानकारी दी जाएगी, जिसके बाद कारोबारियों के मर्चेंट खाते पर लगी रोक को हटा लिया जाएगा.

रांची: राजधानी में साइबर अपराधियों की बढ़ती सक्रियता रांची के कारोबारियों के लिए मुसीबत बनती जा रही है. दरअसल साइबर अपराधी ठगी के पैसों का इस्तेमाल खरीदारी के लिये कर रहे हैं. ऐसे में जिन प्रतिष्ठानों से साइबर अपराधी मार्केटिंग कर रहे हैं उनके मर्चेंट खाते ही फ्रिज कर दिए जा रहे हैं.

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क्यों हो रहे खाते फ्रिज: दरअसल, अगर देश में कहीं भी किसी भी व्यक्ति से साइबर ठगी होती है और पीड़ित त्वरित राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज करवाता है तो, मनी ट्रेल को ब्रेक करने के लिए जिस खाते में भी साइबर अपराधी पैसों का ट्रांसफर करते हैं उन्हें तत्काल फ्रीज कर दिया जाता है. ताकि उन पैसों की रिकवरी की जा सके. लेकिन साइबर अपराधियों के खिलाफ अब तक की सबसे सुरक्षित शिकायत पोर्टल ही कारोबारियों के लिए मुसीबत बनती जा रही है.

क्यों परेशान हैं कारोबारी: झारखंड की राजधानी रांची सहित विभिन्न शहरों से कारोबारियों के मर्चेंट खाते लगातार फ्रिज हो रहे हैं. ऐसे मामले साइबर थानों में मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं कि उनके मर्चेंट खाते बैंकों के द्वारा फ्रिज कर दिए गए हैं. साइबर क्राइम ब्रांच की टीम जब इस मामले की तफ्तीश में जुटी तब जानकारी मिली कि जिन जिन कारोबारियों के मर्चेंट खाते फ्रिज किए गए हैं उन सभी के खातों में साइबर अपराधियों के द्वारा पैसे ट्रांसफर किए गए थे. जांच में यह बात भी सामने आई कि जिन कारोबारियों के प्रतिष्ठान से साइबर अपराधियों ने ऑनलाइन पेमेंट कर खरीदारी की है, उन्हीं के खाते फ्रीज किए गए. जांच में यह बात भी सामने आई कि असल में जिन जिन कारोबारियों के खाते फ्रीज हुए उनके खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर से जो पैसे खरीदारी के एवज भुगतान हुए उन पैसों को साइबर अपराधियों ने ठगी कर अपने खाते में मंगवाए थे. राजधानी के बरियातू, सुखदेव नगर, हिन्दपीढ़ी जैसे थानों में खाते फ्रिज होने की शिकायत कारोबारियों ने दर्ज करवाई है.

12 रुपये से लेकर लाख रुपये तक के ऑनलाइन पेमेंट: साइबर क्राइम ब्रांच मिली जानकारी के अनुसार रांची में ऐसे ऐसे कारोबारियों के खाते भी फ्रीज हुए हैं जिनके यहां से मात्र 12 रुपये की खरीदारी साइबर अपराधियों के द्वारा की गई. बरियातू रोड स्थित एक बड़े मिठाई दुकान का मर्चेंट खाता सिर्फ इसलिए फ्रिज हो गया क्योंकि साइबर अपराधियों ने वहां मात्र 12 रुपये का ऑनलाइन पेमेंट किया था. वहीं, रांची के दो प्रसिद्ध मल्टीप्लेक्स सिनेमाघरों के खाते भी साइबर अपराधियों के फिल्म देखने की वजह से फ्रीज हुए है. कई जगहों पर तो साइबर अपराधियों ने नारियल पानी पीने के लिए भी ऑनलाइन पेमेंट का प्रयोग किया जिसके वजह से नारियल पानी वाले का भी अकाउंट फ्रीज कर दिया गया. ऐसे मामले न सिर्फ रांची से आ रहे हैं बल्कि झारखंड के विभिन्न शहरों से भी सामने आ रहे हैं. साइबर क्राइम ब्रांच के लिए अब यह चुनौती है.

राजधानी को बना रहे साइबर अपराधी ठिकाना: लगातार खाते फ्रिज के मामले रिपोर्ट होने की वजह से साइबर क्राइम ब्रांच भी हलकान है, क्योंकि ऐसे मामले यह साबित कर रहे हैं कि राजधानी रांची साइबर अपराधियों का नया ठिकाना बन रहा है. साइबर अपराधी ठगी की रकम को राजधानी रांची में खर्च कर रहे हैं. जिसकी वजह से कारोबारियों के मर्चेंट खाते फ्रीज हो जा रहे हैं.

क्या है उपाय: रांची की साइबर डीएसपी यशोधरा ने बताया कि मनी ट्रेल को रोकने के लिए खातों का फ्रिज होना बेहद जरूरी है. ऐसे में जिन कारोबारियों के खाते फ्रीज हो रहे हैं उनके लिए एकमात्र उपाय यही है कि जैसे ही उनके खाते फ्रीज हो रहे हैं वे तुरंत साइबर क्राइम ब्रांच से संपर्क करें. इस तरह से दो फायदे होंगे, एक तो उनके प्रतिष्ठान से खरीदारी करने वाला साइबर अपराधी गिरफ्तार हो सकता है, वहीं दूसरा साइबर क्राइम ब्रांच के द्वारा तुरंत राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा पोर्टल से सम्पर्क कर फ्रिज किए गए खाते के बारे में वास्तविक जानकारी दी जाएगी, जिसके बाद कारोबारियों के मर्चेंट खाते पर लगी रोक को हटा लिया जाएगा.

Last Updated : Jun 20, 2023, 10:55 PM IST
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