ETV Bharat / state

साइबर क्राइम का नया जालः WhatsApp कॉलिंग को बनाया ठगी का जरिया, वीडियो कॉल में हनी ट्रैप में फंस रहे लोग - हनी ट्रैप

साइबर अपराधी हर रोज ठगी के नए-नए हथकंडे इस्तेमाल कर रहे हैं. आज ये शातिर अपराधी WhatsApp कॉलिंग को ठगी का नया जरिया बना लिया है. वीडियो कॉल के इस्तेमाल में लोग हनी ट्रैप का शिकार हो रहे हैं और ब्लैकमेलिंग के जाल में गहरे धंसते चले जा रहे हैं.

cyber-criminals-are-targeting-people-from-video-calls-in-ranchi
क्राइम
author img

By

Published : Mar 11, 2021, 12:17 PM IST

Updated : Mar 11, 2021, 2:59 PM IST

रांचीः व्हाट्स एप को बेहद गोपनीय समझने वाले लोगों के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है. अगर आप प्राइवेट बातें लीक ना हो ये सोचकर, इसके लिए धड़ल्ले से व्हाट्स एप पर वीडियो कॉल या वॉइस कॉल का इस्तेमाल कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं. एटीएम और खातों से रकम उड़ाने वाले साइबर अपराधियों ने जालसाजी का नया तरीका इजाद कर लिया है. साइबर अपराधी और जालसाजी के लिए वीडियो कॉल का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके लिए साइबर अपराधियों ने शातिर लड़कियों की टीम भी तैयार की है. जो पहले खुद अपने वस्त्र का त्याग करती हैं और फिर उसका वीडियो बनाकर लोगों को ब्लैकमेल करती हैं.

ठगी का नया तरीका
बड़े-बड़े हो रहे शिकार


रांची के साइबर थाने में रांची के एक जाना माना शख्स साइबर डीएसपी के सामने हाथ जोड़े मुद्रा में है. वह डीएसपी से गुहार लगा रहा है कि वह उनकी मदद करें, नहीं तो वह समाज में मुंह दिखाने के लायक नहीं रहेंगे. साइबर डीएसपी के सामने गिड़गिड़ा रहा ये व्यक्ति साइबर अपराधियों के बुने गए हुस्न के जाल में फंसा हुआ है. एक अनजान युवती ने व्हाट्स एप के जरिए इस शख्स से दोस्ती की और फिर अपने हुस्न के जाल में फंसा कर ब्लैकमेल कर रही है. आप सोच रहे हैं ना कि आखिर व्हाट्स एप के वीडियो कॉल से कोई अनजान लड़की कैसे किसी को ब्लैकमेल कर सकती है तो फिर हम आपको पूरा मामला विस्तार से समझाते हैं.

लॉकडाउन में बुना गया हुस्न का जाल


एटीएम और खातों से रकम उड़ाने वाले साइबर अपराधियों ने लॉकडाउन के दौरान ठगी का एक नया तरीका इजाद कर लिया. साइबर अपराधियों के इस गिरोह में कई युवतियां भी शामिल हैं जो किसी ना किसी वजह से लॉकडाउन के दौरान बेरोजगार हो गई थीं. इस गिरोह में शामिल युवतियां अनजान नंबर पर वीडियो कॉल या फिर कॉल करती हैं. पहली दफा गलती से नंबर लग गया कह कर सॉरी बोल कर निकल जाती हैं. लेकिन उसके बाद अपनी मजबूरी को लेकर व्हाट्स एप पर मैसेज करना शुरू कर देती हैं.

बीच-बीच में वीडियो कॉल कर अपनी तरफ से ही अश्लीलता की शुरुआत करती हैं, जब दूसरी तरफ से भी अश्लीलता की शुरुआत होती है तब उसकी रिकॉर्डिंग कर ली जाती है और फिर शुरू होता है ब्लैकमेलिंग का खेल. जिन लोगों की अश्लील तस्वीरें बना ली जाती है उन्हें यह धमकी दी जाती है कि अगर वह पैसे नहीं देंगे तो उनके वीडियो और फुटेज सोशल साइट पर डाल दिया जाएगा. समाज में बदनाम होने का डर से पीड़ित मुंह-मांगी रकम साइबर अपराधियों को दे देते हैं.

cyber-criminals-are-targeting-people-from-video-calls-in-ranchi
हुस्न का जाल
शातिराना है अंदाज


साइबर अपराधियों के गिरोह में शामिल युवतियां बेहद शातिर हैं. वह सुनियोजित तरीके से लोगों को झांसे में लेती है, सिलसिला मिस कॉल से शुरू होगा, रॉन्ग नंबर लगने की बात कह कर बताया जाएगा कि सामने कोई महिला बात कर रही है क्या. इसके बाद गिरोह के सदस्य अपने शिकार की गतिविधि चेक करेंगे, अगर उसकी तरफ से कॉल नहीं गई तो युवतियों की तरफ से व्हाट्स या फेसबुक पर चैटिंग की शुरुआत की जाएगी. घर, परिवार या पति से परेशान बताकर सहानुभूति बटोर जाएगी और फिर बातचीत का सिलसिला शुरू हो जाएगा. इसी बीच अश्लील वीडियो कॉल कर उसका स्क्रीन रिकॉर्डर एप्स रिकॉर्ड कर ब्लैकमेलिंग शुरू कर दी जाती है.

cyber-criminals-are-targeting-people-from-video-calls-in-ranchi
साइबर क्राइम का नया जाल
धंधे में जुड़ी हैं लॉकडाउन में बेरोजगार हुई लड़कियां


मामले की तफ्तीश में जुटी पुलिस को यह जानकारी मिली है कि जिस्म के कारोबार में लिप्त युवतियां साइबर अपराधियों के साथ मिलकर इस गिरोह का संचालन कर रही हैं. कोरोना संक्रमण की वजह से जब पूरे देश में लॉकडाउन लगा, उस दौरान जिस्म के कारोबार से जुड़ी लड़कियां बेरोजगार हो गईं. इसी दौरान ऐसी लड़कियां साइबर अपराधियों के संपर्क में आईं. जिसके बाद साइबर अपराधियों ने उन्हें लॉकडाउन के दौरान कमाई का नया तरीका बताया. जिस्म के कारोबार में शामिल लड़कियां तुरंत तैयार भी हो गईं. क्योंकि उन्हें यहां भी अपने शरीर की नुमाइश ही करनी थी. फिर धीरे-धीरे यह गिरोह ना सिर्फ झारखंड बल्कि पूरे देश में ठगी की वारदात को अंजाम देने लगा है.

लॉकडाउन के बाद भी जारी है धंधा


लॉकडाउन के दौरान शुरू हुआ साइबर अपराधियों का यह कारोबार लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी बदस्तूर जारी है. दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों से इस गैंग को ऑपरेट किया जा रहा है. ऐसा नहीं है कि इस गिरोह के शिकार सिर्फ युवा पीढ़ी हो रहे हैं. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस गिरोह ने सबसे ज्यादा 50 साल से लेकर 60 साल के उम्र के लोगों का शिकार किया है.

सावधानी बरतें
समाज के डर से सामने नहीं आ रहे पीड़ित


हुस्न के इस फरेबी जाल में फंसे लोग समाज में बदनामी के डर से सामने भी नहीं आ रहे हैं. ठगी के शिकार अधिकांश वैसे लोग हैं जिनका भरा पूरा परिवार है. परिवारिक जिंदगी तबाह होने के खौफ की वजह से पुलिस तक मामला नहीं पहुंच पा रहा है. कुछ लोगों ने हिम्मत जुटाई भी, वह सिर्फ पुलिस से पर्सनल मदद चाहते हैं ताकि मामला सामने ना आए.

एक आंकड़े के मुताबिक अकेले रांची से ही 40 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए हैं. जिनमें वीडियो कॉल के जरिए अश्लील वीडियो बनाकर लोगों को ब्लैकमेल किया गया. रांची के सिटी एसपी सौरभ ने बताया कि साइबर अपराधियों का यह तरीका लॉकडाउन के दौरान शुरू हुआ था. राजधानी रांची में मामले सामने आए हैं लेकिन उनकी रिपोर्ट नहीं हुई है.

cyber-criminals-are-targeting-people-from-video-calls-in-ranchi
अब तक सामने आए मामले
पुलिस नाम रखेगी गुप्त


साइबर अपराधियों के इसमें 4 से निपटने के लिए अब रांची पुलिस में आगे आई है. पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि वो खुलकर पुलिस के पास पहुंचे और अपनी समस्याएं बताएं. जो लोग भी अपनी शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचेंगे उनका नाम-पता गुप्त रखा जाएगा, गुप्त तरीके से मामले की जांच भी की जाएगी. इसलिए लोगों से आग्रह है कि वह वीडियो कॉल से ठगे जाने वाले जरूर पुलिस के बीच आकर कंप्लेन दर्ज करवाएं.

cyber-criminals-are-targeting-people-from-video-calls-in-ranchi
पुलिस की अपील


पुलिस की अपील-सावधानी बरतें


लोगों को साइबर अपराधियों की इस नई चाल को लेकर सावधान होना चाहिए
कभी-भी अनजान नंबर की वीडियो कॉल को रिसीव ना करें
अगर कॉल रिसीव कर ली गई है तो मोबाइल का कैमरा फ्रंट की बजाय रियल मोड पर कर दें
अगर आपकी वीडियो यूट्यूब पर अपलोड कर दी गई है तो उसे स्ट्राइक कर दें, ऐसा करने पर 24 घंटे में यूट्यूब उस वीडियो को यूट्यूब से हटा देगी
अगर झांसे में आकर आपने अश्लील वीडियो कॉल कर ली है तो ब्लैकमेल करने वाले गैंग को पैसे ना दें, इसके लिए तुरंत साइबर सेल को सूचित करें

रांचीः व्हाट्स एप को बेहद गोपनीय समझने वाले लोगों के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है. अगर आप प्राइवेट बातें लीक ना हो ये सोचकर, इसके लिए धड़ल्ले से व्हाट्स एप पर वीडियो कॉल या वॉइस कॉल का इस्तेमाल कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं. एटीएम और खातों से रकम उड़ाने वाले साइबर अपराधियों ने जालसाजी का नया तरीका इजाद कर लिया है. साइबर अपराधी और जालसाजी के लिए वीडियो कॉल का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके लिए साइबर अपराधियों ने शातिर लड़कियों की टीम भी तैयार की है. जो पहले खुद अपने वस्त्र का त्याग करती हैं और फिर उसका वीडियो बनाकर लोगों को ब्लैकमेल करती हैं.

ठगी का नया तरीका
बड़े-बड़े हो रहे शिकार


रांची के साइबर थाने में रांची के एक जाना माना शख्स साइबर डीएसपी के सामने हाथ जोड़े मुद्रा में है. वह डीएसपी से गुहार लगा रहा है कि वह उनकी मदद करें, नहीं तो वह समाज में मुंह दिखाने के लायक नहीं रहेंगे. साइबर डीएसपी के सामने गिड़गिड़ा रहा ये व्यक्ति साइबर अपराधियों के बुने गए हुस्न के जाल में फंसा हुआ है. एक अनजान युवती ने व्हाट्स एप के जरिए इस शख्स से दोस्ती की और फिर अपने हुस्न के जाल में फंसा कर ब्लैकमेल कर रही है. आप सोच रहे हैं ना कि आखिर व्हाट्स एप के वीडियो कॉल से कोई अनजान लड़की कैसे किसी को ब्लैकमेल कर सकती है तो फिर हम आपको पूरा मामला विस्तार से समझाते हैं.

लॉकडाउन में बुना गया हुस्न का जाल


एटीएम और खातों से रकम उड़ाने वाले साइबर अपराधियों ने लॉकडाउन के दौरान ठगी का एक नया तरीका इजाद कर लिया. साइबर अपराधियों के इस गिरोह में कई युवतियां भी शामिल हैं जो किसी ना किसी वजह से लॉकडाउन के दौरान बेरोजगार हो गई थीं. इस गिरोह में शामिल युवतियां अनजान नंबर पर वीडियो कॉल या फिर कॉल करती हैं. पहली दफा गलती से नंबर लग गया कह कर सॉरी बोल कर निकल जाती हैं. लेकिन उसके बाद अपनी मजबूरी को लेकर व्हाट्स एप पर मैसेज करना शुरू कर देती हैं.

बीच-बीच में वीडियो कॉल कर अपनी तरफ से ही अश्लीलता की शुरुआत करती हैं, जब दूसरी तरफ से भी अश्लीलता की शुरुआत होती है तब उसकी रिकॉर्डिंग कर ली जाती है और फिर शुरू होता है ब्लैकमेलिंग का खेल. जिन लोगों की अश्लील तस्वीरें बना ली जाती है उन्हें यह धमकी दी जाती है कि अगर वह पैसे नहीं देंगे तो उनके वीडियो और फुटेज सोशल साइट पर डाल दिया जाएगा. समाज में बदनाम होने का डर से पीड़ित मुंह-मांगी रकम साइबर अपराधियों को दे देते हैं.

cyber-criminals-are-targeting-people-from-video-calls-in-ranchi
हुस्न का जाल
शातिराना है अंदाज


साइबर अपराधियों के गिरोह में शामिल युवतियां बेहद शातिर हैं. वह सुनियोजित तरीके से लोगों को झांसे में लेती है, सिलसिला मिस कॉल से शुरू होगा, रॉन्ग नंबर लगने की बात कह कर बताया जाएगा कि सामने कोई महिला बात कर रही है क्या. इसके बाद गिरोह के सदस्य अपने शिकार की गतिविधि चेक करेंगे, अगर उसकी तरफ से कॉल नहीं गई तो युवतियों की तरफ से व्हाट्स या फेसबुक पर चैटिंग की शुरुआत की जाएगी. घर, परिवार या पति से परेशान बताकर सहानुभूति बटोर जाएगी और फिर बातचीत का सिलसिला शुरू हो जाएगा. इसी बीच अश्लील वीडियो कॉल कर उसका स्क्रीन रिकॉर्डर एप्स रिकॉर्ड कर ब्लैकमेलिंग शुरू कर दी जाती है.

cyber-criminals-are-targeting-people-from-video-calls-in-ranchi
साइबर क्राइम का नया जाल
धंधे में जुड़ी हैं लॉकडाउन में बेरोजगार हुई लड़कियां


मामले की तफ्तीश में जुटी पुलिस को यह जानकारी मिली है कि जिस्म के कारोबार में लिप्त युवतियां साइबर अपराधियों के साथ मिलकर इस गिरोह का संचालन कर रही हैं. कोरोना संक्रमण की वजह से जब पूरे देश में लॉकडाउन लगा, उस दौरान जिस्म के कारोबार से जुड़ी लड़कियां बेरोजगार हो गईं. इसी दौरान ऐसी लड़कियां साइबर अपराधियों के संपर्क में आईं. जिसके बाद साइबर अपराधियों ने उन्हें लॉकडाउन के दौरान कमाई का नया तरीका बताया. जिस्म के कारोबार में शामिल लड़कियां तुरंत तैयार भी हो गईं. क्योंकि उन्हें यहां भी अपने शरीर की नुमाइश ही करनी थी. फिर धीरे-धीरे यह गिरोह ना सिर्फ झारखंड बल्कि पूरे देश में ठगी की वारदात को अंजाम देने लगा है.

लॉकडाउन के बाद भी जारी है धंधा


लॉकडाउन के दौरान शुरू हुआ साइबर अपराधियों का यह कारोबार लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी बदस्तूर जारी है. दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों से इस गैंग को ऑपरेट किया जा रहा है. ऐसा नहीं है कि इस गिरोह के शिकार सिर्फ युवा पीढ़ी हो रहे हैं. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस गिरोह ने सबसे ज्यादा 50 साल से लेकर 60 साल के उम्र के लोगों का शिकार किया है.

सावधानी बरतें
समाज के डर से सामने नहीं आ रहे पीड़ित


हुस्न के इस फरेबी जाल में फंसे लोग समाज में बदनामी के डर से सामने भी नहीं आ रहे हैं. ठगी के शिकार अधिकांश वैसे लोग हैं जिनका भरा पूरा परिवार है. परिवारिक जिंदगी तबाह होने के खौफ की वजह से पुलिस तक मामला नहीं पहुंच पा रहा है. कुछ लोगों ने हिम्मत जुटाई भी, वह सिर्फ पुलिस से पर्सनल मदद चाहते हैं ताकि मामला सामने ना आए.

एक आंकड़े के मुताबिक अकेले रांची से ही 40 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए हैं. जिनमें वीडियो कॉल के जरिए अश्लील वीडियो बनाकर लोगों को ब्लैकमेल किया गया. रांची के सिटी एसपी सौरभ ने बताया कि साइबर अपराधियों का यह तरीका लॉकडाउन के दौरान शुरू हुआ था. राजधानी रांची में मामले सामने आए हैं लेकिन उनकी रिपोर्ट नहीं हुई है.

cyber-criminals-are-targeting-people-from-video-calls-in-ranchi
अब तक सामने आए मामले
पुलिस नाम रखेगी गुप्त


साइबर अपराधियों के इसमें 4 से निपटने के लिए अब रांची पुलिस में आगे आई है. पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि वो खुलकर पुलिस के पास पहुंचे और अपनी समस्याएं बताएं. जो लोग भी अपनी शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचेंगे उनका नाम-पता गुप्त रखा जाएगा, गुप्त तरीके से मामले की जांच भी की जाएगी. इसलिए लोगों से आग्रह है कि वह वीडियो कॉल से ठगे जाने वाले जरूर पुलिस के बीच आकर कंप्लेन दर्ज करवाएं.

cyber-criminals-are-targeting-people-from-video-calls-in-ranchi
पुलिस की अपील


पुलिस की अपील-सावधानी बरतें


लोगों को साइबर अपराधियों की इस नई चाल को लेकर सावधान होना चाहिए
कभी-भी अनजान नंबर की वीडियो कॉल को रिसीव ना करें
अगर कॉल रिसीव कर ली गई है तो मोबाइल का कैमरा फ्रंट की बजाय रियल मोड पर कर दें
अगर आपकी वीडियो यूट्यूब पर अपलोड कर दी गई है तो उसे स्ट्राइक कर दें, ऐसा करने पर 24 घंटे में यूट्यूब उस वीडियो को यूट्यूब से हटा देगी
अगर झांसे में आकर आपने अश्लील वीडियो कॉल कर ली है तो ब्लैकमेल करने वाले गैंग को पैसे ना दें, इसके लिए तुरंत साइबर सेल को सूचित करें

Last Updated : Mar 11, 2021, 2:59 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.