रांचीः माकपा नेता सुभाष मुंडा की हत्या के बाद रांची पुलिस की कार्यशैली को लेकर हजार सवाल उठे, विधानसभा तक हंगामा हुआ. साथ ही हत्या की रात नगड़ी में भीड़ ने भी जमकर उपद्रव मचाया. इस दौरान पुलिस के वाहन तोड़े गए. यहां तक की भीड़ ने पुलिस अफसरों को भी निशाना बनाने की कोशिश की, नतीजतन रांची पुलिस सहित पूरा पुलिस मुख्यालय भारी दबाव में था, लेकिन इस हत्याकांड की गुत्थी को रांची एसएसपी की अगुआई में युवा सब इंस्पेक्टर्स ने सुलझा लिया.
नगड़ी थाना प्रभारी ने अहले सुबह जॉइन किया था थानाः 2018 बैच के सब इंस्पेक्टर रोहित कुमार को नगड़ी थाने का इंचार्ज उस समय बनाया गया, जब एक तरफ भीड़ सड़कों पर उत्पात मचा रही थी, वहीं दूसरी तरफ पुलिस के खिलाफ लोगों में जबरदस्त आक्रोश था. आक्रोश को देखते हुए नगड़ी थाने के तत्कालीन प्रभारी ओम प्रकाश को निलंबित कर दिया गया था और रोहित कुमार को थाना की कमान सौंप दी गई थी. दूसरी तरफ सुभाष हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने के लिए पुलिस कब क्या कर रही है इसकी पल-पल की रिपोर्टिंग सीएमओ और पुलिस मुख्यालय की तरफ से ली जा रही थी.
रांची के एसएसपी ने गठित की थी एसआईटीः मामले की गंभीरता को देखते हुए रांची एसएसपी ने एसआईटी का गठन किया. जिसमें दो युवा आईपीएस सिटी एसपी सुधांशु जैन और ट्रैफिक से ग्रामीण एसपी हारिश बिन जमां के साथ-साथ 2018 बैच के तेजतर्रार सब इंस्पेक्टर पुंदाग ओपी प्रभारी विवेक कुमार, रजनी कुमार के साथ-साथ डीएसपी प्रवीण, सीनियर इंस्पेक्टर सपन कुमार महता और राजकुमार यादव को भी एसआईटी में शामिल कर मामले को जल्द से जल्द सुलझाने का टास्क दिया गया. टेक्निकल स्पोर्ट के लिए रांची पुलिस की टेक्निकल टीम भी काम कर रही थी. वहीं एसएसपी की क्यूआरटी भी टीम में शामिल थी.
टीम ने भरोसा नही तोड़ा ,सुलझाई मर्डर मिस्ट्रीः भारी दबाव के बीच एसआईटी ने हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने के लिए सुराग ढूंढना शुरू किया. सीसीटीवी खंगालने के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गईं. वहीं घटनास्थल का कॉल डंप सहित सीडीआर निकालने की जिम्मेवारी टेक्निकल सेल के मिली. सुभाष हत्याकांड में पुलिस को पहला सुराग सीसीटीवी से ही मिला. सीसीटीवी से पुलिस को विनोद के बारे में जानकारी मिली. जिसके बाद मुख्य साजिशकर्ता छोटू खलखो तक पुलिस पहुंची और कांड का खुलासा हुआ. जांच के दौरान पुलिस ने छोटू खलखो के पास से नागालैंड से निर्गत दो आर्म्स भी जब्त किया है. दोनों आर्म्स के लाइसेंस की भी जांच की जा रही है कि कही वे फर्जी तो नहीं हैं.
पुलिस की पूछताछ में सबसे पहले ड्राइवर टूटाः पुलिस की टीम ने टेक्निकल और सीसीटीवी के साक्ष्यों के आधार पर छोटू खलखो, विनोद और अभिजीत पाड़ी को उठा तो लिया, लेकिन तीनों इतने शातिर थे कि पुलिस की पूछताछ में कुछ भी बताने से इनकार कर रहे थे. आखिरकार तीन अलग-अलग टीम बनाकर तीनों से अलग-अलग पूछताछ शुरू हुई. इसी में छोटू का ड्राइवर कम पार्टनर और हर जुर्म में भागीदार अभिजीत पाड़ी टूट गया. जिसके बाद उसने पूरी हत्याकांड की कहानी पुलिस के सामने बयां कर दी.
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बेहतरीन टीम वर्क से मिली सफलताः मामले में रांची के सीनियर एसपी किशोर कौशल ने बताया कि सुभाष मुंडा हत्याकांड की गुत्थी को सुलझाने में 2018 बैच के सब इंस्पेक्टर्स ने अहम भूमिका निभाई. खासकर नगड़ी थाना प्रभारी रोहित, पुंदाग ओपी प्रभारी विवेक और रजनी कुमार ने बेहतरीन काम किया. रांची पुलिस की एसआईटी ने भारी दबाव के बीच बेहतरीन काम करते हुए सुभाष मुंडा हत्याकांड की गुत्थी सुलझा ली है. इस हत्याकांड में अन्य तीन अन्य लोगों की गिरफ्तारी बाकी है, उसके लिए भी टीम काम कर रही है. उम्मीद है कि जल्द ही तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.