रांची: जेल में बंद गैंगस्टर अमन साव गैंग के गुर्गे झारखंड पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं. झारखंड एटीएस ने अमन साव के सबसे खास और शार्प शूटर चंदन साव को रांची के ओरमांझी से गिरफ्तार किया है. चंदन के बारे में बताया जा रहा है कि वह अमन साव से भी ज्यादा खतरनाक है. चंदन की चाहत है कि वह झारखंड का सबसे बड़ा गैंगस्टर बने.
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जेल से हर आदेश चंदन तक ही पहुंचता है: रांची के सीनियर एसएसपी रहे और वर्तमान में एटीएस एसपी सुरेंद्र झा हमेशा साव गैंग पर भारी पड़े हैं. सुरेंद्र झा ने ही अमन साव को भी सलाखों के पीछे पहुंचाया था. अब चंदन साव को भी आईपीएस सुरेंद्र झा की टीम ने ही दबोचा है. एटीएस के पूछताछ में चंदन ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. चंदन अमन को बॉस बोलता है. जब से अमन जेल गया है तब से जेल के बाहर गैंग की कमान चंदन ही संभाल रहा था. हाल के दिनों में रंगदारी के लिए लगभग एक दर्जन स्थानों पर हुई गोलीबारी, हजारीबाग में रित्विक कंपनी के जीएम शरद बाबू की हत्या के साथ-साथ रंगदारी के लिए धमकी जैसी घटनाएं चंदन के द्वारा ही अंजाम दिए जा रहे थे. अमन के द्वारा चंदन को ही जेल से संदेश पहुंचाया जाता था, जिसके बाद चंदन उस पर अमल करते हुए आगे का काम करता था. चंदन के कहने पर ही रांची के अरगोड़ा में रहने वाले कोयला कारोबारी रंजीत गुप्ता पर साव गिरोह के शूटर वारिश अंसारी ने फायरिंग की थी.इस गोलीबारी को सिर्फ इसलिए अंजाम दिया गया था ताकि रंजीत गुप्ता से रंगदारी वसूली जा सके.
चंदन साव खुद का गैंग बनाना चाहता है: एटीएस के पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि चंदन साव खुद का एक गैंग बनाने की इच्छा रखता है. इसके लिए वह अपराधिक छवि के युवकों को जुटाने के काम मे भी लगा हुआ था. चंदन के पास हथियारों की भी कोई कमी नहीं है. एटीएस पूछताछ में उससे हथियारों का पता उगलवाने में लगी हुई है.
जेल जाने के बाद अमन साव के गुर्गे और एक्टिव हो रहे हैं: हालांकि सबसे बड़ी विडंबना यह है कि अमन साव और चंदन साव जैसे कुख्यातों को जेल भेजने के बाद भी उनपर नकेल नहीं कस पा रहा है. जेल पहुंचने के बाद गैंगस्टर वहीं से अपने गैंग की कमान को संभाल रहे हैं. जेल के बाहर रहते हुए गैंगस्टर्स पर कई तरह के खतरे होते हैं, लेकिन जेल के भीतर पहुंचते ही वे पूर्ण रूप से सुरक्षित हो जाते हैं और वहीं से आपराधिक वारदातों को अंजाम दिलवाने लगते हैं. जांच में यह भी खुलासा हो चुका है कि अमन साव जेल में भी मोबाइल का प्रयोग कर रहा है. मतलब साफ है जब तक जेल में बंद अपराधियों पर नकेल नहीं कस आ जाएगा पुलिस बाहर कितना भी कार्रवाई कर ले उससे कोई फायदा नहीं होगा.
सीआईडी ने मांगी है रिपोर्ट: झारखंड में कारोबारियों पर हुई फायरिंग, रंगदारी मांगे जाने के घटनाओं और संगठित आपराधिक गिरोहों के वारदातों पर पूरी रिपोर्ट सीआईडी ने मांगी है. सीआईडी ने मंगलवार को सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखकर एक जनवरी से लेकर 18 जुलाई तक की संगठित आपराधिक गिरोहों के द्वारा फायरिंग, मर्डर के वारदातों में दर्ज कांड की अद्यतन स्थिति मांगी है. सीआईडी ने सभी जिलों के एसपी को कांड और धाराओं, घटना का संक्षिप्त विवरण, आरोपितों की संख्या, गिरफ्तार आरोपितों की संख्या, कांड अनुसंधानरत है या अनुसंधान पूर्ण है, इसका विवरण मांगा गया है.