रांचीः झारखंड के कोल्हान में पुलिस और नक्सलियों के बीच घमासान मचा हुआ है. इस लड़ाई में नक्सलियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है, कई नक्सलियों को हालिया हुए मुठभेड़ में गोलियां भी लगी हैं. जिसके बाद वे जंगलों में इलाज के लिए भटक रहे हैं. ऐसे में झारखंड पुलिस ने कोल्हान के नक्सलियों को यह ऑफर दिया है कि वे आत्मसमर्पण करें. जिसके बाद उन्हें बेहतर मेडिकल सुविधा के साथ साथ सरेंडर पॉलिसी का भी फायदा मिलेगा.
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10 अक्टूबर से चल रहा बड़ा अभियानः कोल्हान में 10 अक्टूबर से नक्सलियों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया गया है. इस इलाके में सुरक्षा बलों की नक्सलियों के साथ लगातार लड़ाई चल रही है. झारखंड पुलिस, झारखंड जगुआर, सीआरपीएफ, कोबरा बटालियन के संयुक्त बलों के द्वारा कोल्हान क्षेत्र को नक्सल मुक्त करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. आईजी अभियान अमोल वी होमकर के अनुसार नक्सली भी जानते हैं कि कोल्हान के बाद उनके लिए झारखंड में कोई जगह नहीं बचेगी जहां उन्हें पनाह मिलेगी. यही वजह है कि वे कोल्हान में करो या मरो की स्थिति में हैं. झारखंड पुलिस के लिए भी कोल्हान को नक्सल मुक्त करवाना वर्तमान समय मे सबसे बड़ा टास्क है, जिसे सुरक्षा बल हर हाल में पूरा करेंगे. कोल्हान में नक्सलियों के द्वारा अब तक न सिर्फ आम नागरिक बल्कि हमारे कई जवान शहीद हुए हैं. इसलिए अब कोल्हान से नक्सलियों का सफाया ही पुलिस का अंतिम टास्क है.
कई छोटे कैडर घायलः पिछले एक सफ्ताह के अभियान के दौरान कोल्हान के बीहड़ों में नक्सलियों के साथ कई बार मुठभेड़ हो चुकी है. इस मुठभेड़ में कई नक्सली घायल हुए हैं. जानकारी के अनुसार नक्सलियों के फ्रंट लाइन को इन मुठभेड़ में काफी नुकसान हुआ है, जो नक्सली घायल हुए हैं वे जंगलों में इलाज के लिए भटक रहे हैं. 13 अक्टूबर को सर्च अभियान के दौरान एक घायल नक्सली भी पुलिस को मिला. जिसे पुलिस के जवानों ने न सिर्फ जंगल से रेस्क्यू किया बल्कि उसे एयरलिफ्ट कर इलाज के लिए रांची भी भेजा गया.
मुख्यधारा से जुड़े नक्सलीः आईजी अभियान अमोल वी होमकर के अनुसार पुलिस हमने बेहद कठिन हालात में घायल नक्सली को रेस्क्यू किया था, घायल नक्सली को आईईडी बम से घिरे क्षेत्र से जवानों ने अपनी जान जोखिम में डाल कर बाहर निकला. कोल्हान में नक्सली चारों तरफ से घिर गए हैं. ऐसे में पुलिस उनसे ये लगातार अपील कर रही है कि वे सरेंडर कर मुख्यधारा से जुड़ जाएं. उन्हें आत्मसमर्पण नीति के तहत सभी लाभ दिए जाएंगे साथ ही जो नक्सली घायल हैं, उनका बेजतर इलाज भी करवाया जाएगा.
कोल्हान में जारी है अभियानः एक तरफ जहां पुलिस की तरफ से नक्सलियों को आत्मसमपर्ण कर मुख्यधारा में जुड़ने के लिए अपील की जा रही है. दूसरी तरफ पश्चिमी सिंहभूम जिले के टोंटो और गोइलकेरा सीमा को जोड़ने वाले जंगलों और बीहड़ों में सुरक्षा बलों ने 10 अक्टूबर से नक्सलियों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू हो चुका है. कोल्हान के जंगलों में 2000 से ज्यादा जवानों को एक साथ अभियान में लगाया गया है. जवानों के सपोर्ट के लिए बम निरोधक दस्ते को भी अभियान में भेजा गया है.
कोल्हान जंगल की घेराबंदी तो सुरक्षा बलों के द्वारा पिछले साल दिसंबर महीने से ही कर दी गई थी. लेकिन आईईडी के भरोसे नक्सलियों ने पुलिस को लगभग एक साल तक रोक रखा था. इस दौरान पुलिस को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा कई जवानों को अपनी जीवन की आहुति देनी पड़ी 16 से ज्यादा ग्रामीण अपनी जान गवां बैठे. पुलिस ने कोल्हान से लगभग 5000 से ज्यादा आईईडी बमों को निष्क्रिय किया है उसके बाद अब जोरदार तरीके से अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान में नक्सलियों का शीर्ष नेतृत्व ही पुलिस के घेराबंदी में फंस गया है.
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