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झारखंड एटीएस का बड़ा खुलासा, श्रीवास्तव गिरोह ने कोयला कारोबारियों से वसूले थे 50 लाख रुपए

झारखंड एटीएस की जांच में अमन श्रीवास्तव गैंग को लेकर कई बड़े खुलासे हुए हैं. जांच में पता चला है कि श्रीवास्तव गैंग से जो 50 लाख रुपए बरामद किए गए थे, वे उन्होंने कोयला कारोबारियों से वसूले थे. Srivastava gang extorted from coal traders

Srivastava gang extorted from coal traders
Srivastava gang extorted from coal traders
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 12, 2023, 10:52 PM IST

रांची: एटीएस की जांच में अमन श्रीवास्तव गैंग की वसूली को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. 21 जुलाई 2023 को एटीएस ने रांची के कांके-पिठोरिया रोड से श्रीवास्तव गिरोह के अपराधियों के पास से 50 लाख रुपये बरामद किये थे. जांच में पता चला है कि गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव ने कोयला कारोबारियों से 50 लाख रुपये वसूले थे.

यह भी पढ़ें: झारखंड एटीएस ने आतंकियों के कब्जे से बंधकों को छुड़ाया! देखिए जांबाजी के ड्रिल का वीडियो

अमन श्रीवास्तव के करीबी तक पहुंचने थे पैसे: एटीएस ने जो 50 लाख रुपये जब्त किये थे, वह सुरेंद्र भुइंया नाम के शख्स ने अमन के गुर्गे मिंकू खान और एजाज अंसारी को दिये थे. दोनों के पास से यह रकम अमन श्रीवास्तव के किसी करीबी को पहुंचानी थी, लेकिन इसकी जानकारी एटीएस एसपी को मिल गई. जिसके बाद एटीएस ने स्कॉर्पियो से पतरातू से रांची आ रहे मिंकू खान और इजाज अंसारी को पकड़ लिया. इस स्कॉर्पियो में कोयला कारोबारियों से रंगदारी के तौर पर वसूले गये 49.83 लाख रुपये भी थे. पैसे बरामद करने के बाद एटीएस ने यूएपीए समेत अन्य संबंधित धाराओं के तहत मिंकू और एजाज को आरोपी बनाया था. बाद में जांच में सामने आए तथ्यों के बाद एटीएस ने सुरेंद्र भुइंया, रवि सरदार, फिरोज खान और जहीर अंसारी को आरोपी बनाया है.

जमानत के लिए एजाज ने कोर्ट में ये कहा: 21 जुलाई 2023 को गिरफ्तारी के बाद एजाज अंसारी ने कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी. याचिका में अंसारी ने दावा किया था कि एटीएस ने उसे मामले में गलत तरीके से फंसाया है. अपनी याचिका में एजाज ने कहा था कि जिस स्कॉर्पियो से पैसे और हथियार बरामद हुए थे, उसमें वह लिफ्ट लेकर बैठा था. हालांकि जांच के बाद एटीएस ने एजाज अंसारी के दावे को झूठा बताया है. इस संबंध में एटीएस ने कोर्ट को यह भी जानकारी दी है कि मिंकू खान और एजाज अंसारी दोनों एक-दूसरे को जानते थे. एटीएस ने इस संबंध में कोर्ट में तकनीकी साक्ष्य भी दिए, जिसके बाद कोर्ट ने एजाज अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी.

क्या है पूरा मामला: गौरतलब है कि संगठित आपराधिक गिरोहों के खिलाफ जोरदार कार्रवाई में जुटी एटीएस को 21 जुलाई 2023 को सूचना मिली थी कि जेल में बंद होने के बावजूद अमन श्रीवास्तव गिरोह रंगदारी के जरिये करोड़ों रुपये की उगाही कर रहा है. मामले की जानकारी मिलने के बाद एटीएस की टीम ने उन लोगों पर नजर रखनी शुरू कर दी, जिनसे अमन श्रीवास्तव गिरोह द्वारा रंगदारी मांगी जा रही थी. इसी बीच एटीएस को जानकारी मिली कि अमन श्रीवास्तव गिरोह के दो अपराधी एजाज और मिंकू सिंह लगातार रांची के एक बड़े कोयला कारोबारी से मिल रहे हैं. एटीएस की टीम ने जब जांच शुरू की तो जानकारी मिली कि रांची के एक बड़े कारोबारी को डर के कारण अमन श्रीवास्तव गिरोह को 50 लाख रुपये की रंगदारी दी जानी है. जिसके लिए गिरोह के दो कुख्यात अपराधी एजाज और मिंकू पैसा वसूलने के लिए रांची आयेंगे.

यह भी पढ़ें: अमन को गिरफ्तार करने के लिए एक महीने तक मुंबई की खाक छानती रही एटीएस, एडीजी लाटकर की भूमिका रही खास

जाल बिछाकर पुलिस ने पकड़ा: सूचना मिलने के बाद एटीएस की टीम ने दोनों अपराधियों पर नजर रखनी शुरू कर दी, आखिरकार दोनों अपराधी रांची के एक बड़े कारोबारी से पैसा लेने के लिए रांची के गुप्त स्थान पहुंचे और उनसे पैसा लेने के बाद कार से कांके रोड के रास्ते पिठोरिया की ओर जाने लगे. राजधानी से बाहर जाने वाले सभी रास्तों पर एटीएस की नजर थी. जब एटीएस अधिकारियों को सूचना मिली कि दोनों अपराधी पिठोरिया के रास्ते पतरातू या रामगढ़ जायेंगे, तो कांके पिठोरिया के बीच में उन्हें पकड़ने की तैयारी शुरू हो गयी. अंततः एटीएस की घेराबंदी काम आयी और काके-पिठोरिया रोड पर एक जगह बनावटी जाम लगाकर अपराधियों को एटीएस ने धर दबोचा.

रांची: एटीएस की जांच में अमन श्रीवास्तव गैंग की वसूली को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. 21 जुलाई 2023 को एटीएस ने रांची के कांके-पिठोरिया रोड से श्रीवास्तव गिरोह के अपराधियों के पास से 50 लाख रुपये बरामद किये थे. जांच में पता चला है कि गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव ने कोयला कारोबारियों से 50 लाख रुपये वसूले थे.

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अमन श्रीवास्तव के करीबी तक पहुंचने थे पैसे: एटीएस ने जो 50 लाख रुपये जब्त किये थे, वह सुरेंद्र भुइंया नाम के शख्स ने अमन के गुर्गे मिंकू खान और एजाज अंसारी को दिये थे. दोनों के पास से यह रकम अमन श्रीवास्तव के किसी करीबी को पहुंचानी थी, लेकिन इसकी जानकारी एटीएस एसपी को मिल गई. जिसके बाद एटीएस ने स्कॉर्पियो से पतरातू से रांची आ रहे मिंकू खान और इजाज अंसारी को पकड़ लिया. इस स्कॉर्पियो में कोयला कारोबारियों से रंगदारी के तौर पर वसूले गये 49.83 लाख रुपये भी थे. पैसे बरामद करने के बाद एटीएस ने यूएपीए समेत अन्य संबंधित धाराओं के तहत मिंकू और एजाज को आरोपी बनाया था. बाद में जांच में सामने आए तथ्यों के बाद एटीएस ने सुरेंद्र भुइंया, रवि सरदार, फिरोज खान और जहीर अंसारी को आरोपी बनाया है.

जमानत के लिए एजाज ने कोर्ट में ये कहा: 21 जुलाई 2023 को गिरफ्तारी के बाद एजाज अंसारी ने कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी. याचिका में अंसारी ने दावा किया था कि एटीएस ने उसे मामले में गलत तरीके से फंसाया है. अपनी याचिका में एजाज ने कहा था कि जिस स्कॉर्पियो से पैसे और हथियार बरामद हुए थे, उसमें वह लिफ्ट लेकर बैठा था. हालांकि जांच के बाद एटीएस ने एजाज अंसारी के दावे को झूठा बताया है. इस संबंध में एटीएस ने कोर्ट को यह भी जानकारी दी है कि मिंकू खान और एजाज अंसारी दोनों एक-दूसरे को जानते थे. एटीएस ने इस संबंध में कोर्ट में तकनीकी साक्ष्य भी दिए, जिसके बाद कोर्ट ने एजाज अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी.

क्या है पूरा मामला: गौरतलब है कि संगठित आपराधिक गिरोहों के खिलाफ जोरदार कार्रवाई में जुटी एटीएस को 21 जुलाई 2023 को सूचना मिली थी कि जेल में बंद होने के बावजूद अमन श्रीवास्तव गिरोह रंगदारी के जरिये करोड़ों रुपये की उगाही कर रहा है. मामले की जानकारी मिलने के बाद एटीएस की टीम ने उन लोगों पर नजर रखनी शुरू कर दी, जिनसे अमन श्रीवास्तव गिरोह द्वारा रंगदारी मांगी जा रही थी. इसी बीच एटीएस को जानकारी मिली कि अमन श्रीवास्तव गिरोह के दो अपराधी एजाज और मिंकू सिंह लगातार रांची के एक बड़े कोयला कारोबारी से मिल रहे हैं. एटीएस की टीम ने जब जांच शुरू की तो जानकारी मिली कि रांची के एक बड़े कारोबारी को डर के कारण अमन श्रीवास्तव गिरोह को 50 लाख रुपये की रंगदारी दी जानी है. जिसके लिए गिरोह के दो कुख्यात अपराधी एजाज और मिंकू पैसा वसूलने के लिए रांची आयेंगे.

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जाल बिछाकर पुलिस ने पकड़ा: सूचना मिलने के बाद एटीएस की टीम ने दोनों अपराधियों पर नजर रखनी शुरू कर दी, आखिरकार दोनों अपराधी रांची के एक बड़े कारोबारी से पैसा लेने के लिए रांची के गुप्त स्थान पहुंचे और उनसे पैसा लेने के बाद कार से कांके रोड के रास्ते पिठोरिया की ओर जाने लगे. राजधानी से बाहर जाने वाले सभी रास्तों पर एटीएस की नजर थी. जब एटीएस अधिकारियों को सूचना मिली कि दोनों अपराधी पिठोरिया के रास्ते पतरातू या रामगढ़ जायेंगे, तो कांके पिठोरिया के बीच में उन्हें पकड़ने की तैयारी शुरू हो गयी. अंततः एटीएस की घेराबंदी काम आयी और काके-पिठोरिया रोड पर एक जगह बनावटी जाम लगाकर अपराधियों को एटीएस ने धर दबोचा.

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