रांची: राज्य में हाल के दिनों में बढ़े आपराधिक घटनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को राज्य के वरीय पुलिस अधिकारियों को तलब किया. मुख्यमंत्री के इस तलब के बाद आनन-फानन में वरीय पुलिस पदाधिकारी झारखंड मंत्रालय पहुंचे. जहां बैठक कर मुख्यमंत्री ने अपराध नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए. बैठक में डीजीपी अजय कुमार सिंह, एडीजी ऑपरेशन संजय आनंद राव लाटकर, आईजी ऑपरेशन अमोल वेणुकांत होमकर और एसपी एटीएस सुरेंद्र झा सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे.
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मुख्यमंत्री ने डीजीपी को साफ लहजे में कहा कि आपको अपराध पर नियंत्रण के लिए मेरे द्वारा खुली छूट दी गई है. लेकिन, अपराध नियंत्रण पर सफलता क्यों नहीं मिल रही है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग के वरीय अधिकारियों से वर्तमान समय में राज्य के भीतर हो रही आपराधिक घटनाओं और अपराध नियंत्रण के लिए कानून व्यवस्था की स्थिति की पूरी जानकारी ली और अपराध नियंत्रण को लेकर पुलिस अधिकारियों को कई महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश भी दिए.
'अपराध नियंत्रण में कोताही बर्दाश्त नहीं': हाल के दिनों में राज्य के भीतर हो रही छोटी-बड़ी आपराधिक घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने पुलिस के वरीय पदाधिकारियों को कहा कि अगले 15 दिनों के अंदर राज्य में विधि व्यवस्था को दुरुस्त की जाए. साथ ही अपराध नियंत्रण में कोताही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए.
उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि पुलिस अपनी कार्यशैली में सुधार करते हुए आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाए. अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो संबंधित पुलिस अधिकारी बख्से नहीं जाएंगे. पिछले कुछ दिनों से राज्य में अपराध के चेहरे हर दिन बदल रहे हैं. नए-नए अपराध को अंजाम दिया जा रहा है, कई अपराध सुनियोजित ढंग से किए जा रहे हैं, कुछ लोग राज्य सरकार की छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस विभाग राज्य में सुनियोजित आपराधिक गतिविधियों और नए-नए अपराधियों पर शिकंजा क्यों नहीं कस पा रही है.
बिना किसी दबाव के करें काम: मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पुलिस अधिकारियों को सूचना तंत्र को मजबूत करना चाहिए. पुलिस प्रशासन के समक्ष नई-नई चुनौतियां आ रही हैं. पुलिस विभाग इन चुनौतियों से निपटने में किसी तरह की लापरवाही ना बरतें. अपराधी कितना भी बड़ा क्यों ना हो, अपराधियों पर किसी भी बड़े समुह का आश्रय क्यों ना प्राप्त हो, पुलिस बिना किसी दबाव के कार्रवाई करना सुनिश्चित करे.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा कि आने वाले समय में सुनियोजित अपराध की घटनाएं बढ़ेंगी. आपके सामने कई चुनौतियां भी आ सकती हैं. वर्तमान चुनौतियों से निपटने के साथ-साथ भविष्य की चुनौतियों से निपटने की रणनीति भी पुलिस विभाग तैयार करें. मुख्यमंत्री के इस बैठक के दौरान मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.