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रांची के चेशायर होम जमीन मामले में ईडी ने दायर की चार्जशीट, विष्णु अग्रवाल, छवि रंजन, प्रेम प्रकाश समेत 10 लोगों को बनाया गया मुख्य आरोपी - छवि रंजन

रांची जमीन घोटाला मामले के तहत चेशायर होम रोड डील केस में ईडी ने चार्जशीट दायर कर दी है. इस चार्जशीट में 10 लोगों को आरोपी बनाया गया है. इसमें विष्णु अग्रवाल, छवि रंजन और प्रेम प्रकाश का भी नाम शामिल है.

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 1, 2023, 11:10 PM IST

रांची: जमीन घोटाले से जुड़े चेशायर होम रोड डील केस में ईडी ने शुक्रवार को चार्जशीट दायर कर दी है. रांची के चेशायर होम रोड स्थित 1 एकड़ की जमीन खरीद बिक्री मामले में ईडी के विशेष न्यायाधीश दिनेश राय की अदालत में अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) दाखिल की गई है. रांची के न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल, रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, प्रेम प्रकाश, राजेश राय, भरत प्रसाद, इम्तियाज अहमद, अफसर अली, मोहम्मद सद्दाम, लखन सिंह, पुनीत भार्गव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. केस में पुनीत भार्गव को छोड़ सभी आरोपी जेल में बंद हैं.

यह भी पढ़ें: जमीन घोटाला: ईडी की बड़ी कार्रवाई, 161.64 करोड़ रुपये मूल्य के भूखंड किए गए अटैच

ईडी ने चेशायर होम रोड की जमीन कब्जाने में प्रेम और छवि की भूमिका विष्णु अग्रवाल के मददगार की मानी है. ईडी की जांच में आए तथ्यों के मुताबिक, चेशायर होम रोड की जमीन विष्णु अग्रवाल को दिलवाने में रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश, विष्णु अग्रवाल एक दूसरे के मददगार रहे हैं. ईडी ने अनुसंधान में पाया है कि विष्णु अग्रवाल, छवि रंजन एक दूसरे से फेसटाइम, व्हाट्सएप कॉल पर लगातार बातचीत करते थे. दोनों ने सरकारी ड्राफ्ट ऑर्डर, गोपनीय दस्तावेज का आदान प्रदान किया था. ईडी की जांच से जुड़े संदेश भी दोनों ने एक दूसरे से शेयर किए थे.

पुगडू जमीन का ड्राफ्ट विष्णु ने तैयार किया, छवि ने निकाला ऑर्डर: ईडी ने अनुसंधान जांच में पाया है कि पुगडू की 9.30 एकड़ जमीन को लेकर विष्णु अग्रवाल ने एक ड्राफ्ट तत्कालीन डीसी छवि रंजन को भेजा था. इसी ड्राफ्ट में मामूली बदलाव कर छवि रंजन ने राज्य सरकार के संयुक्त सचिव अंजनी कुमार मिश्रा को पत्र भेजा. इसके बाद हस्ताक्षर युक्त मूल कॉपी भी विष्णु अग्रवाल को भेजा गया था. दो बार इस गोपनीय पत्र को भेजा गया था, जिसमें लिखा गया था कि इस जमीन में एसआईटी ने प्रतिवेदन दिया है, डीसी के स्तर से इसकी समीक्षा का कोई औचित्य प्रतीत नहीं होता. सिरम टोली की सेना की जमीन में लाभ पहुंचाने के उदेश्य से भी एक पत्र उपसमाहर्ता विधि शाखा द्वारा प्रभारी उपसमाहर्ता, जिला अभिलेखागार, जिला भू अर्जन पदाधिकारी को भेजी गई थी. जिसमें पूछा गया था कि अगर सेना ने जमीन का भू अर्जन किया था तो इसके बदले में मुआवजा किन व्यक्तियों को दिया गया था. डीसी के लीगल सेक्शन द्वारा जारी यह पत्र भी छवि रंजन ने विष्णु अग्रवाल को भेजा था. ईडी ने लिखा है कि विष्णु अग्रवाल के पक्ष में ऑर्डर निकलवा कर उन्हें फायदा पहुंचवाया.

चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन का पूरा फर्जीवाड़ा जानते थे अग्रवाल: चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन की डील 1948 के फर्जी डीड के जरिए की गई थी. विष्णु अग्रवाल को इस जमीन के फर्जीवाड़े की पूरी सच्चाई पता थी, बावजूद इसके प्रेम प्रकाश के साथ मिलकर उन्होंने इस जमीन को हथियाने की साजिश की. ईडी ने पाया है कि प्रेम प्रकाश और विष्णु अग्रवाल में अच्छे कारोबारी रिश्ते थे. दोनों अवैध तरीके से जमीन हथियाने में लगे थे. प्रेम के करीबी पुनीत भार्गव ने दो डीड के जरिए इस जमीन की रजिस्ट्री विष्णु अग्रवाल को की थी. पैसों को बाद में प्रेम प्रकाश से जुड़ी कंपनी में ट्रांसफर किए गए थे.

रांची: जमीन घोटाले से जुड़े चेशायर होम रोड डील केस में ईडी ने शुक्रवार को चार्जशीट दायर कर दी है. रांची के चेशायर होम रोड स्थित 1 एकड़ की जमीन खरीद बिक्री मामले में ईडी के विशेष न्यायाधीश दिनेश राय की अदालत में अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) दाखिल की गई है. रांची के न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल, रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, प्रेम प्रकाश, राजेश राय, भरत प्रसाद, इम्तियाज अहमद, अफसर अली, मोहम्मद सद्दाम, लखन सिंह, पुनीत भार्गव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. केस में पुनीत भार्गव को छोड़ सभी आरोपी जेल में बंद हैं.

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ईडी ने चेशायर होम रोड की जमीन कब्जाने में प्रेम और छवि की भूमिका विष्णु अग्रवाल के मददगार की मानी है. ईडी की जांच में आए तथ्यों के मुताबिक, चेशायर होम रोड की जमीन विष्णु अग्रवाल को दिलवाने में रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन, पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश, विष्णु अग्रवाल एक दूसरे के मददगार रहे हैं. ईडी ने अनुसंधान में पाया है कि विष्णु अग्रवाल, छवि रंजन एक दूसरे से फेसटाइम, व्हाट्सएप कॉल पर लगातार बातचीत करते थे. दोनों ने सरकारी ड्राफ्ट ऑर्डर, गोपनीय दस्तावेज का आदान प्रदान किया था. ईडी की जांच से जुड़े संदेश भी दोनों ने एक दूसरे से शेयर किए थे.

पुगडू जमीन का ड्राफ्ट विष्णु ने तैयार किया, छवि ने निकाला ऑर्डर: ईडी ने अनुसंधान जांच में पाया है कि पुगडू की 9.30 एकड़ जमीन को लेकर विष्णु अग्रवाल ने एक ड्राफ्ट तत्कालीन डीसी छवि रंजन को भेजा था. इसी ड्राफ्ट में मामूली बदलाव कर छवि रंजन ने राज्य सरकार के संयुक्त सचिव अंजनी कुमार मिश्रा को पत्र भेजा. इसके बाद हस्ताक्षर युक्त मूल कॉपी भी विष्णु अग्रवाल को भेजा गया था. दो बार इस गोपनीय पत्र को भेजा गया था, जिसमें लिखा गया था कि इस जमीन में एसआईटी ने प्रतिवेदन दिया है, डीसी के स्तर से इसकी समीक्षा का कोई औचित्य प्रतीत नहीं होता. सिरम टोली की सेना की जमीन में लाभ पहुंचाने के उदेश्य से भी एक पत्र उपसमाहर्ता विधि शाखा द्वारा प्रभारी उपसमाहर्ता, जिला अभिलेखागार, जिला भू अर्जन पदाधिकारी को भेजी गई थी. जिसमें पूछा गया था कि अगर सेना ने जमीन का भू अर्जन किया था तो इसके बदले में मुआवजा किन व्यक्तियों को दिया गया था. डीसी के लीगल सेक्शन द्वारा जारी यह पत्र भी छवि रंजन ने विष्णु अग्रवाल को भेजा था. ईडी ने लिखा है कि विष्णु अग्रवाल के पक्ष में ऑर्डर निकलवा कर उन्हें फायदा पहुंचवाया.

चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन का पूरा फर्जीवाड़ा जानते थे अग्रवाल: चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन की डील 1948 के फर्जी डीड के जरिए की गई थी. विष्णु अग्रवाल को इस जमीन के फर्जीवाड़े की पूरी सच्चाई पता थी, बावजूद इसके प्रेम प्रकाश के साथ मिलकर उन्होंने इस जमीन को हथियाने की साजिश की. ईडी ने पाया है कि प्रेम प्रकाश और विष्णु अग्रवाल में अच्छे कारोबारी रिश्ते थे. दोनों अवैध तरीके से जमीन हथियाने में लगे थे. प्रेम के करीबी पुनीत भार्गव ने दो डीड के जरिए इस जमीन की रजिस्ट्री विष्णु अग्रवाल को की थी. पैसों को बाद में प्रेम प्रकाश से जुड़ी कंपनी में ट्रांसफर किए गए थे.

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