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करोड़ों की ठगी करने वाली कंपनी के खाते में मात्र 138 रुपए, पीड़ित लगा रहे थाने का चक्कर

झारखंड में कई जगहों पर फर्जीवाड़ा करने वाली कंपनी अचानक डिस्ट्रीब्यूटर्स और रिटेलर्स को करोंड़ों रुपये का चूना लगाकर फरार हो गई. इस मामले की शिकायत पीड़ितों ने जब थाने में की तो पुलिस ने कंपनी के दो खातों को फ्रीज करवा दिया, लेकिन पुलिस को उस खातों में मात्र 138 रुपये ही मिले.

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Published : Oct 1, 2019, 2:16 AM IST

Updated : Oct 1, 2019, 7:12 AM IST

करोड़ों रुपये की ठगी कर कंपनी हुई फरार

रांची: राजधानी सहित राज्यभर के डिस्ट्रीब्यूटर्स-रिटेलर्स से करोड़ों रुपये की ठगी कर फरार हुई रिचार्ज करने वाली कंपनी क्रेजी ट्रांसफर प्राइवेट लिमिटेड के दो खातों को पुलिस ने फ्रीज करवा दिया है, लेकिन फ्रीज हुए दोनों बैंक खातों में महज 138 रुपये ही हैं.

कंपनी के आइसीआइसीआइ बैंक कल्याण ईस्ट महाराष्ट्र (खाता नंबर 698305600663) में मात्र 70 रुपये बैलेंस हैं, जबकि एचडीएफसी बैंक की कल्याण महाराष्ट्र (50200038790925) वाले खाते में 68 रुपये मौजूद है. दोनों ही खातों से बीते 27 सितंबर को ही खाताधारक ने लाखों रुपये ट्रांसफर कर लिया था. पुलिस ट्रांसफर हुए खाते और निकासी करने वाले का पता लगाने में जुट गई है. दोनों बैंकों की स्थानीय शाखा के माध्यम से पुलिस खातों को फ्रीज करवा दिया है.

इसे भी पढ़ें:- JPSC व्याख्याता नियुक्ति घोटाला: सीबीआई ने दायर की चार्जशीट, जांच में कॉपियों में छेड़छाड़ की हुई थी पुष्टि

कार्यालय को पुलिस ने कर दिया है सील
कंपनी ने डिस्ट्रीब्यूटरों से रिचार्ज बैलेंस के नाम पर करोड़ों रुपये लेकर फरार हो गई है. कंपनी का कार्यालय लालपुर के डंगराटोली स्थित पेंटालून शो-रूम के नजदीक जैक्सन प्लाजा में है. वहां के कर्मियों को हिरासत में लेकर भी पुलिस पूछताछ कर रही है. मामले में ठगी का शिकार हुए संजीव कुमार ने 28 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज कराई थी. पुलिस ने कार्यालय को सील कर दिया है. मामला दर्ज कराने के बाद पीडि़त हर दिन थाना पहुंच रहे हैं. आरोपितों के फरार होने के बाद उनके नहीं पकड़े जाने से सभी परेशान हैं.

आरोपी की तलाश कर रही पुलिस
कंपनी संचालक के आधार कार्ड के अनुसार आरोपी का नाम अवुला फनी कुमार है. आधार कार्ड के अनुसार वह कर्नाटक के बेंगलुरु के संत थॉमस टॉउन, करमचन ले-आउट, लिंगराजपुरम, 8वीं क्रॉस नंबर 11 का निवासी है. उसके अलावा उसके दो सहयोगी मधु और विजय भी फरार हो गए है. रांची के हरमू में कंपनी संचालक का आवास था, वहां भी ताला लटका हुआ है. इनके अलावा चौड़ा चंद्ररंजनयुलू, बाबा पठान अली, योगेंद्र, गौतम शिवाजी सहित अन्य की तलाश भी की जा रही है.

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करोड़ों जमा हुआ, तो फरार हो गई कंपनी
क्रेजी ट्रांसफर प्राइवेट लिमिटेड ने लगभग एक साल पहले झारखंड में अपने कर्मियों के माध्यम से रिचार्ज करने वाले डिस्ट्रीब्यूटर्स-रिटेलर्स से संपर्क किया था. उन्हें अपने एप्लीकेशन (एप) के बारे में बताया और कहा कि गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर इस्तेमाल कर सकते हैं, इससे दो से पांच फीसद तक कमीशन मिलेगा. अधिक कमीशन के झांसे में आकर डिस्ट्रीब्यूटर्स-रिटेलर्स फंस गए. क्रेजी ट्रांसफर प्राइवेट लिमिटेड के इस एप का नाम 'क्रेजी ट्रांसफर' है. डिस्ट्रीब्यूटर्स-रिटेलर्स के अनुसार इसमें मोबाइल रिचार्ज, डीटीएच रिचार्ज, पोस्टपेड बिलिंग, लैंड लाइन बिलिंग, इलेक्ट्रिसिटी बिलिंग और मनी ट्रांसफर के फीचर्स थे. इस तरह जब कंपनी ने बाजार से करोड़ों रुपये वसूल लिए, तब अचानक फरार हो गई.

रांची: राजधानी सहित राज्यभर के डिस्ट्रीब्यूटर्स-रिटेलर्स से करोड़ों रुपये की ठगी कर फरार हुई रिचार्ज करने वाली कंपनी क्रेजी ट्रांसफर प्राइवेट लिमिटेड के दो खातों को पुलिस ने फ्रीज करवा दिया है, लेकिन फ्रीज हुए दोनों बैंक खातों में महज 138 रुपये ही हैं.

कंपनी के आइसीआइसीआइ बैंक कल्याण ईस्ट महाराष्ट्र (खाता नंबर 698305600663) में मात्र 70 रुपये बैलेंस हैं, जबकि एचडीएफसी बैंक की कल्याण महाराष्ट्र (50200038790925) वाले खाते में 68 रुपये मौजूद है. दोनों ही खातों से बीते 27 सितंबर को ही खाताधारक ने लाखों रुपये ट्रांसफर कर लिया था. पुलिस ट्रांसफर हुए खाते और निकासी करने वाले का पता लगाने में जुट गई है. दोनों बैंकों की स्थानीय शाखा के माध्यम से पुलिस खातों को फ्रीज करवा दिया है.

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कार्यालय को पुलिस ने कर दिया है सील
कंपनी ने डिस्ट्रीब्यूटरों से रिचार्ज बैलेंस के नाम पर करोड़ों रुपये लेकर फरार हो गई है. कंपनी का कार्यालय लालपुर के डंगराटोली स्थित पेंटालून शो-रूम के नजदीक जैक्सन प्लाजा में है. वहां के कर्मियों को हिरासत में लेकर भी पुलिस पूछताछ कर रही है. मामले में ठगी का शिकार हुए संजीव कुमार ने 28 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज कराई थी. पुलिस ने कार्यालय को सील कर दिया है. मामला दर्ज कराने के बाद पीडि़त हर दिन थाना पहुंच रहे हैं. आरोपितों के फरार होने के बाद उनके नहीं पकड़े जाने से सभी परेशान हैं.

आरोपी की तलाश कर रही पुलिस
कंपनी संचालक के आधार कार्ड के अनुसार आरोपी का नाम अवुला फनी कुमार है. आधार कार्ड के अनुसार वह कर्नाटक के बेंगलुरु के संत थॉमस टॉउन, करमचन ले-आउट, लिंगराजपुरम, 8वीं क्रॉस नंबर 11 का निवासी है. उसके अलावा उसके दो सहयोगी मधु और विजय भी फरार हो गए है. रांची के हरमू में कंपनी संचालक का आवास था, वहां भी ताला लटका हुआ है. इनके अलावा चौड़ा चंद्ररंजनयुलू, बाबा पठान अली, योगेंद्र, गौतम शिवाजी सहित अन्य की तलाश भी की जा रही है.

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करोड़ों जमा हुआ, तो फरार हो गई कंपनी
क्रेजी ट्रांसफर प्राइवेट लिमिटेड ने लगभग एक साल पहले झारखंड में अपने कर्मियों के माध्यम से रिचार्ज करने वाले डिस्ट्रीब्यूटर्स-रिटेलर्स से संपर्क किया था. उन्हें अपने एप्लीकेशन (एप) के बारे में बताया और कहा कि गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर इस्तेमाल कर सकते हैं, इससे दो से पांच फीसद तक कमीशन मिलेगा. अधिक कमीशन के झांसे में आकर डिस्ट्रीब्यूटर्स-रिटेलर्स फंस गए. क्रेजी ट्रांसफर प्राइवेट लिमिटेड के इस एप का नाम 'क्रेजी ट्रांसफर' है. डिस्ट्रीब्यूटर्स-रिटेलर्स के अनुसार इसमें मोबाइल रिचार्ज, डीटीएच रिचार्ज, पोस्टपेड बिलिंग, लैंड लाइन बिलिंग, इलेक्ट्रिसिटी बिलिंग और मनी ट्रांसफर के फीचर्स थे. इस तरह जब कंपनी ने बाजार से करोड़ों रुपये वसूल लिए, तब अचानक फरार हो गई.

Intro:रांची सहित राज्यभर के डिस्ट्रीब्यूटर्स-रिटेलर्स से करोड़ों रुपये की ठगी कर फरार हुई रिचार्ज करने वाली कंपनी क्रेजी ट्रांसफर प्राइवेट लिमिटेड के दो खातों को पुलिस ने फ्रीज करवा दिया है। हालांकि दोनों बैंक खातों में महज 138 रुपये ही हैं।


कम्पनी के आइसीआइसीआइ बैंक कल्याण ईस्ट महाराष्ट्र (खाता नंबर 698305600663) में मात्र 70 रुपये बैलेंस और जबकि एचडीएफसी बैंक की कल्याण महाराष्ट्र (50200038790925) वाले खाते में 68 रुपये मौजूद है। दोनों ही खातों से बीते 27 सितंबर को ही खाताधारक ने लाखों रुपये ट्रांसफर कर लिया था। पुलिस ट्रांसफर हुए खाते और निकासी करने वाले का पता लगाने में जुट गई है। दोनों बैंकों की स्थानीय शाखा के माध्यम से पुलिस खातों को फ्रीज करवा दिया है।


कार्यालय को पुलिस ने कर दिया है सील :

कंपनी ने डिस्ट्रीब्यूटरों से रिचार्ज बैलेंस के नाम पर करोड़ों रुपये लेकर फरार हो गई है। कंपनी का कार्यालय लालपुर के डंगराटोली स्थित पेंटालून शो-रूम के समीप जैक्सन प्लाजा में है। वहां के कर्मियों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। मामले में ठगी शिकार संजीव कुमार ने बीते 28 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस ने कार्यालय को सील कर दिया है। मामला दर्ज कराने के बाद पीडि़त हर दिन थाना पहुंच रहे हैं। आरोपितों के फरार होने के बाद उनके नहीं पकड़े जाने से सभी परेशान हैं।


इनकी तलाश कर रही पुलिस :

कंपनी के संचालक के आधार कार्ड के अनुसार आरोपित का नाम अवुला फनी कुमार है। आधार कार्ड के अनुसार वह कर्नाटक के बेंगलुरु के संत थॉमस टॉउन, करमचन ले-आउट, लिंगराजपुरम, 8वीं क्रास नंबर 11 का निवासी है। उसके अलावा उसके दो सहयोगी मधु व विजय भी फरार हो गए हैं। रांची के हरमू में कंपनी संचालक का आवास था, वहां भी ताला लटका है। इनके अलावा चौड़ा चंद्ररंजनयुलू, बाबा पठान अली, योगेंद्र, गौतम शिवाजी सहित अन्य की भी तलाश की जा रही है।


करोड़ों जमा हुआ, तो फरार हो गई कंपनी :

क्रेजी ट्रांसफर प्राइवेट लिमिटेड करीब एक साल पहले झारखंड में अपने कर्मियों के माध्यम से रिचार्ज करने वाले डिस्ट्रीब्यूटर्स-रिटेलर्स से संपर्क की। उन्हें अपने एप्लीकेशन (एप) के बारे में बताया और कहा कि गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर इस्तेमाल कर सकते हैं, इससे दो से पांच फीसद तक कमीशन मिलेगा। अधिक कमीशन के झांसे में आकर डिस्ट्रीब्यूटर्स-रिटेलर्स फंस गए। क्रेजी ट्रांसफर प्राइवेट लिमिटेड के इस एप का नाम 'क्रेजी ट्रांसफर है। डिस्ट्रीब्यूटर्स-रिटेलर्स के अनुसार इसमें मोबाइल रिचार्ज, डीटीएच रिचार्ज, पोस्टपेड बिलिंग, लैंड लाइन बिलिंग, इलेक्ट्रिसिटी बिलिंग व मनी ट्रांसफर के फीचर्स थे। इस तरह कंपनी जब बाजार से करोड़ों रुपये वसूल चुकी, तब अचानक फरार हो गई।

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Last Updated : Oct 1, 2019, 7:12 AM IST
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