रांची: भाकपा माओवादियों के स्पेशल एरिया कमेटी ने एक प्रेस रिलीज जारी कर 27 जनवरी को बिहार झारखंड बंद करने और प्रतिरोध दिवस मनाने का एलान किया है. प्रेस विज्ञप्ति के जरिए माओवादियों ने मांग की है कि उनके वृद्ध नेता ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो कमेटी के सचिव एक करोड़ के इनामी प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला मरांडी को जल्द बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जाय. साथ ही प्रशांत बोस और शीला मरांडी को राजनीतिक बंदी का दर्जा देकर दोनों को बिना शर्त रिहा किया जाए.
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समुचित इलाज कराए सरकार: माओवादियों ने मांग की है कि प्रशांत बोस और शीला मरांडी कई तरह की बीमारियों से जुझ रहे हैं. बीमारी के बावजूद उन्हें यातना दी जा रही है. राजनीतिक बंदियों को मिलने वाले अधिकार दोनों को देने की मांग माओवादियों ने रखी है.
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पांच दसक से था सक्रिय: भाकपा माओवादियों के पोलित ब्यूरो मेंबर प्रशांत बोस पांच दशकों तक झारखंड, बिहार में माओवादियों का सबसे बड़ा चेहरा रहा. संयुक्त बिहार में महाजनी आंदोलन के दौरान पश्चिम बंगाल से 70 के दशक में प्रशांत बोस गिरिडीह आया था. इसके बाद से एमसीसीआई के प्रमुख बनने से लेकर कई राजनीतिक हत्याओं तक में प्रशांत बोस मास्टरमाइंड की भूमिका में रहा. यही वजह थी कि झारखंड, बिहार, छतीसगढ़, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों की पुलिस को ही नहीं बल्कि केंद्रीय एजेंसी सीबीआई और एनआईए तक को प्रशांत बोस की तलाश थी.