रांची: झारखंड में कोरोना संक्रमण के दौरान नॉवेल कोरोना वायरस का जीनोमिक सीक्वेंस जानने के लिए राज्य के अलग अलग RT PCR लैब में स्टोर किये गए 537 सैंपल को मार्च और अप्रैल महीने में इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंस भुवनेश्वर (institute of life science Bhubaneswar) भेजा गया था. जहां से अबतक आई 363 सैंपल की रिपोर्ट में 301 सैंपल में वायरस का वेरिएंट की पुष्टि हुई है.
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अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने रिम्स सहित सभी मेडिकल संस्थानों और IRL इटकी के हेड को पत्र भेजकर सेंटिनल सर्विलांस साइट (sentinel surveillance site) बनाने को कहा है ताकि होल जीनोम सीक्वेंस (Whole Genome Sequence) से वायरस के वैरियंट की मॉनिटरिंग हो सके.
भारत सरकार ने दिए थे निर्देश
ACS हेल्थ अरुण कुमार सिंह ने सभी मेडिकल संस्थान के हेड को लिखे पत्र में कहा है कि भारत सरकार ने WGS का sentinel surveillance site खोलने को कहा है. यह साइट सरकारी आरटी-पीसीआर लैब के नोडल अधिकारी या हेड इसके भी नोडल होंगे. WGS (Whole Genome Sequence) यानि वायरस का होल जीनोम सीक्वेंस का रेगुलर मोनिटरिंग सुनिश्चित की जाएगी ताकि समय रहते की भी वैरियंट (variant) का पता लग जाएं.