रांची: हर साल झारखंड की राजधानी में भव्य पूजा-पंडालों का निर्माण होता है, लेकिन इस साल कोविड-19 के कारण दुर्गा पूजा भी सादे तरीके से ही मनाया जाएगा. 9 दिनों तक मां की आराधना तो की जाएगी, लेकिन आम लोगों के लिए पंडाल नहीं खुलेंगे. पूजा के दौरान मेला का आयोजन कर भीड़भाड़ जुटाने को लेकर मनाही की गई है.
कोविड-19 का कहर इस बार हर क्षेत्र में देखा जा रहा है. तमाम क्षेत्र इस महामारी के कारण बुरी तरह प्रभावित है. कई पर्व त्योहार इस महामारी की भेंट चढ़ चुके हैं और दुर्गा पूजा को लेकर भी सुरक्षात्मक कदम उठाए जाएंगे. इस साल राजधानी रांची में दुर्गा पूजा के अवसर पर किसी भी तरीके का मेला या भीड़भाड़ का आयोजन नहीं होगा. सादे तरीके से मां अंबे की 9 दिनों तक पूजा-अर्चना की जाएगी. पंडालों का निर्माण नहीं होगा. छोटे-पंडालों का निर्माण कर उसमें मां की 4 फीट की प्रतिमा स्थापित किए जाने को लेकर रांची दुर्गा पूजा समिति ने निर्देश जारी किये हैं. इसके अलावा युवा दस्ता की ओर से दुर्गा पूजा के दौरान 9 दिनों तक कोविड-19 को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
दुर्गा पूजा समिति का आरोप
दुर्गा पूजा समिति का कहना है कि तमाम तरह की तैयारियां समिति अपने स्तर से कर रही है. राज्य सरकार की ओर से अब तक किसी भी तरीके के न तो गाइडलाइन जारी किए गये हैं और न ही कोई सहयोग प्राप्त हुआ है. युवा दस्ता के संस्थापक राजीव रंजन मिश्रा की माने तो राज्य सरकार ने अब तक दुर्गा पूजा को लेकर कोई पहल नहीं की है और न ही तत्परता दिखाई जा रही है. यह विडंबना ही है. समिति के लोग भी राज्य सरकार की ओर से जारी किए जाने वाले गाइडलाइन के इंतजार में हैं, लेकिन अब तक सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं बढ़ाया है. समिति चाहती है कि राज्य सरकार के प्रतिनिधि उनके साथ बैठक कर कोविड-19 के गाइडलाइन के तहत दुर्गा पूजा का आयोजन हो, इसे लेकर अपनी राय रखें.
ये भी पढ़ें-बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने लिया वीआरएस, लड़ सकते हैं विधानसभा चुनाव
दुर्गा पूजा समितियों के सदस्यों की बैठक लगातार जारी है, ताकि कोविड-19 गाइडलाइन के तहत पूजा का आयोजन किया जा सके. इसे लेकर क्या कुछ सुरक्षात्मक कदम उठाना है. किन-किन चीजों पर ध्यान देना है. प्रशासन के साथ कैसे तालमेल बैठाना है. इन मामलों को लेकर विशेष रूप से चर्चा हो रही है.