रांची: मुसलमान भाइयों का दूसरा त्योहार ईद-उल-अजहा यानी बकरीद शनिवार को मनाया जाना है. यह त्योहार त्याग, समर्पण और वंचितों को मदद करने का है, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण यह त्योहार भी फीका नजर आ रहा है.
बकरीद सादगी से मनाने का त्योहार
मुस्लिम संस्थाओं ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से आग्रह किया है कि वो ईद की तरह बकरीद की नमाज भी घर में ही अदा करें, साथ ही मस्जिदों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए 5 लोग ही नमाज अदा करें. वहीं, जिला परिषद सदस्य हकीम अंसारी ने लोगों को बकरीद को लेकर शुभकामनाएं दी, साथ ही लोगों से अपील करते हुए कहा कि बकरीद सादगी से मनाने का त्योहार है. इसे सादगी से ही मनाएं.
सरकार के गाइडलाइन का पालन करने की अपील
अंसारी ने कहा कि वैश्विक महामारी के कारण पूरा देश एक आर्थिक संकट से गुजर रहा है. ऐसे में इस महामारी को देखते हुए इस त्योहार को भी सादगी के साथ मनाना चाहिए. उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों से जरूरतमंदों को मदद करने भी अपील की है, साथ ही बकरीद में बकरे की जो कुर्बानी दी जाती है, उसको सरकार के गाइडलाइन के अनुसार पालन करने की अपील की.
धार्मिक आयोजन नहीं करने का दिशा निर्देश
बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से बचाव को लेकर राज्य सरकार की ओर से किसी भी तरह के धार्मिक आयोजन नहीं करने का दिशा निर्देश दिया गया है. बकरीद के अवसर पर विभिन्न ईदगाह और मस्जिदों में नमाज अदा करने पर मना किया गया है. इस दौरान विधि व्यवस्था बनाए रखने और आपात स्थिति से निपटने के लिए हर थाने क्षेत्र में मस्जिदों के पास दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारियों को शिफ्ट के हिसाब से ड्यूटी पर लगाया गया है.