रांची: कोर ग्रुप फॉर तिब्बत काउज ने रांची के प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता का आयोजन किया. जिसमें भारत तिब्बत समन्वयक जिगमाय सोल्टिन ने बताया कि तिब्बत के अंदर की स्थिति गंभीर बनी हुई है. चीन के कब्जे के तहत व्यक्तियों को शक्ल मानवाधिकारों का उल्लंघन और अभूतपूर्व दमन करना जारी है.
बीजिंग के ड्रैकोनियन और अवैध कब्जे के विरोध में 154 तिब्बती आत्मदाह कर चुके हैं. तिब्बत के अंदर तिब्बतियों द्वारा लगातार बड़े पैमाने पर मांग किया जा रहा है कि परम पावन पूजनीय दलाई लामा की वापसी किया जाए.
बताया गया कि 14वें दलाई लामा, जो हमारे द्वारा चुने गए हैं. उनमें चीन का स्वीकृति नहीं दी जा रही है. चीन सरकार के द्वारा यह कहा जा रहा है और चीन का कहना है कि हम जो दलाई लामा को चुनेंगे, तिब्बत को उन्हें स्वीकार करना पड़ेगा. लेकिन समन्वयक का कहना है कि जो हमारे 13वें दलाई लामा थे, उनकी मृत्यु के बाद हमारे धार्मिक ऑब्जरवेशन द्वारा अगले दलाई लामा चयनित किया जा चुका है और उनकी उम्र 85 वर्ष बताया जा रहा है. परम पावन में पूजनीय दलाई लामा की पूर्व जन्म बीजिंग के दिलो दिमाग में बसा हुआ है. क्योंकि इसका मतलब तिब्बती बौद्ध धर्म और अभूतपूर्व नियंत्रण चीन का होगा आरती पथ पर और अधिक नियंत्रण होगा.