रांची: झारखंड कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय की सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात के बाद समन्वय समिति बनाने पर सहमति बनी है. जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन की अध्यक्षता में समन्वय समिति बनी है, 9 सदस्य शामिल हैं. समन्वय समिति के अध्यक्ष शिबू सोरेन और कांग्रेस से प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, झामुमो की तरफ से सरफराज अहमद, विनोद पांडे, फागु बेसरा, योगेंद्र महतो और राजद से सत्यानंद भोक्ता समन्वय समिति के सदस्य होंगे.
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रभारी अविनाश पांडेय ने बताया कि गठबंधन सरकार में समन्वय और संवाद को और बेहतर बनाने के लिए इस समन्वय समिति का गठन हुआ है. यह समिति राज्य सरकार के द्वारा की जाने वाले राजनीतिक नियुक्तियों का निर्णय एवं राज्य सरकार के जनहितैषी योजनाओं के क्रियान्वयन एवं प्रचार-प्रसार की समीक्षा भी करेगी, साथ ही साथ कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के सन्दर्भ में निर्णय लेगी. अविनाश पांडेय ने बताया कि समन्वय समिति की बैठक जल्द ही शिबू सोरेन की अध्यक्षता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उपस्थिति में होगी, जिसमें उपरोक्त विषयों पर निर्णय लिए जाएंगे.
मुख्यमंत्री आवास के बाहर मीडिया से बात करते हुए अविनाश पांडेय ने उम्मीद जताई की गठबंधन सरकार के बेहतर प्रबंधन के लिए समन्वय समिति के गठन के बाद अब जल्द ही बोर्ड- निगमों में भी खाली पड़े पदों को भरने के काम में तेजी आएगी. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय समिति सदस्य और आज बनाए गए कोऑर्डिनेशन कमिटी में झामुमो की ओर से सदस्य के रूप में शामिल किए गए विनोद पांडे ने कहा कि महागठबंधन की सरकार में कहीं कोई दिक्कत नहीं है और कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक में 9 सदस्य समन्वय समिति के गठन का फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में समिति की पहली बैठक कब होगी इसका निर्णय समन्वय समिति के अध्यक्ष शिबू सोरेन को करेंगे.
झारखंड में गठबंधन की सरकार चल रही है. कांग्रेस की तरफ से कोऑर्डिनेशन कमिटी के गठन की मांग लंबे समय से उठाई जा रही थी. लेकिन इस को तवज्जो नहीं मिल पा रहा था. जानकारों का कहना है कि राज्यसभा चुनाव के लिए झामुमो की तरफ से प्रत्याशित घोषित होने पर कांग्रेस में खासी नाराजगी थी. प्रभारी अविनाश पांडेय के समक्ष 1-2-1 चर्चा के दौरान कई विधायकों ने सख्त कदम उठाने की सलाह दी थी. माना जा रहा है कि इसी नाराजगी को दूर करने के लिए कांग्रेस प्रभारी ने 24 घंटे के भीतर मुख्यमंत्री के साथ दूसरी मुलाकात की और उन्हें समन्वय समिति के फॉर्मूले पर राजी किया.