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Contracted Nurses Protest in Ranchi: अनुबंधित नर्स और पारा मेडिकलकर्मियों का आमरण अनशन से पड़ रहे बीमार, एक आईसीयू में भर्ती - ईटीवी भारत न्यूज

सेवा नियमितीकरण की मांग को लेकर रांची में अनुबंधित नर्स और पारा मेडिकलकर्मियों का आमरण अनशन लगातार जारी है. 20 दिन से जारी इस अनशन से आंदोनकारियों की तबीयत बिगड़ रही है. शनिवार को एक नर्स के ज्यादा बीमार होने से उसे सदर अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है.

contracted nurses and paramedical workers health deteriorated due to fast unto death In Ranchi
रांची में अनुबंधित नर्स और पारा मेडिकलकर्मियों का आमरण अनशन से बिगड़ी रही तबीयत
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Published : Feb 12, 2023, 11:28 AM IST

Updated : Feb 12, 2023, 11:44 AM IST

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रांचीः एनएचएम की अनुबंधित नर्स और पारा मेडिकलकर्मी अपनी सेवा नियमितीकरण की एक सूत्री मांग को लेकर 24 जनवरी से आमरण अनशन पर हैं. 16 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास घेराव के बाद राजभवन के समक्ष धरने पर बैठे हैं. रविवार को उनके आमरण अनशन का 20वां दिन है. इस दौरान 18 आंदोलनकारी बीमार हो चुके हैं. शनिवार को भी एक नर्स की तबीयत ज्यादा खराब होने के कारण उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

इसे भी पढ़ें- Fast Unto Death In Ranchi: आमरण अनशन पर बैठे दो पारा मेडिकल कर्मियों की बिगड़ी तबीयत, लोबिन हेंब्रम ने कहा- उचित जगह पर रखेंगे मांग

राजभवन के समक्ष आमरण अनशन कर रहीं नर्स ममता कुमारी शनिवार को अचानक बेहोश हो गयीं. उनका बीपी फॉल करने के बाद बेहोशी की हालत में उन्हें आनन-फानन में 108 एम्बुलेंस से सदर अस्पताल पहुंचाया और इमरजेंसी में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है. अनुबंधित नर्सेस एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव वीणा कुमारी ने कहा कि अनशनकारी ममता कुमारी की हालत बहुत ज्यादा खराब होने की वजह से उन्हें सदर हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है. उन्होंने बताया कि एक-एक करके अनशनकारी बीमार होने की वजह से सदर अस्पताल रेफर होते जा रहे हैं. लेकिन अब भी अनुबंधित नर्स और पारा मेडिकलकर्मियों का आमरण अनशन जारी है.

रूटीन टीकाकरण सहित 33 नेशनल हेल्थ प्रोग्राम पर बुरा असरः आंदोलित स्वास्थ्यकर्मियों ने दावा किया कि उनके हड़ताल और अनुबंधित स्वास्थ्यकर्मियों के बीच चट्टानी एकता का व्यापक असर पड़ रहा है. राज्य के सभी स्तर के स्वास्थ्य केंद्र पर इस हड़ताल का असर दिख रहा है. दिन-प्रतिदिन वैक्सीनेशन की संख्या कम होती जा रही है. प्रदर्शनकारी वीणा कुमारी ने कहा कि 10 फरवरी से शुरू हुए फाइलेरिया उन्मूलन के लिए MDA अभियान भी प्रभावित हो रहा है. लेकिन सिर्फ अपनी जिद्द की वजह से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और विभागीय मंत्री ने कोई सुध नहीं ली है. उन्होंने कहा कि सिर्फ खानापूर्ति के लिए NHM निदेशक आमरण स्थल आये थे.

इलाज के बाद दोबारा अनशन पर लौट रहे प्रदर्शनकारीः अनुबंधित नर्स और पारा मेडिकलकर्मी अपनी मांग को लेकर अडिग हैं. अनशन से बीमार होने के बावजूद भी वो टस से मस नहीं हो रहे हैं. तबीयत बिगड़ने पर इलाज के बाद दोबारा वो इस आंदोलन में शामिल होकर एकता का परिचय दे रहे हैं. अनशनकारियों में सिस्टर बबीता कुमारी अभी भी सदर अस्पताल के आईसीयू में है. अपने आंदोलन को सफल बनाने के लिए दो दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराए गए अनशनकारी नेत्र सहायक कुमार लोकेश और रितेश कुमार अस्पताल से ठीक होकर फिर धरनास्थल पर लौट आये हैं. रांची में अनुबंधित नर्सो का प्रदर्शन लगातार हो रहा है, आंदोलनकारी अनुबंधित नर्स और पारामेडिकल कर्मी नियमावली 2014 के आधार पर नियमितीकरण की मांग पर अड़े हैं.

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रांचीः एनएचएम की अनुबंधित नर्स और पारा मेडिकलकर्मी अपनी सेवा नियमितीकरण की एक सूत्री मांग को लेकर 24 जनवरी से आमरण अनशन पर हैं. 16 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास घेराव के बाद राजभवन के समक्ष धरने पर बैठे हैं. रविवार को उनके आमरण अनशन का 20वां दिन है. इस दौरान 18 आंदोलनकारी बीमार हो चुके हैं. शनिवार को भी एक नर्स की तबीयत ज्यादा खराब होने के कारण उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

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राजभवन के समक्ष आमरण अनशन कर रहीं नर्स ममता कुमारी शनिवार को अचानक बेहोश हो गयीं. उनका बीपी फॉल करने के बाद बेहोशी की हालत में उन्हें आनन-फानन में 108 एम्बुलेंस से सदर अस्पताल पहुंचाया और इमरजेंसी में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है. अनुबंधित नर्सेस एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव वीणा कुमारी ने कहा कि अनशनकारी ममता कुमारी की हालत बहुत ज्यादा खराब होने की वजह से उन्हें सदर हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है. उन्होंने बताया कि एक-एक करके अनशनकारी बीमार होने की वजह से सदर अस्पताल रेफर होते जा रहे हैं. लेकिन अब भी अनुबंधित नर्स और पारा मेडिकलकर्मियों का आमरण अनशन जारी है.

रूटीन टीकाकरण सहित 33 नेशनल हेल्थ प्रोग्राम पर बुरा असरः आंदोलित स्वास्थ्यकर्मियों ने दावा किया कि उनके हड़ताल और अनुबंधित स्वास्थ्यकर्मियों के बीच चट्टानी एकता का व्यापक असर पड़ रहा है. राज्य के सभी स्तर के स्वास्थ्य केंद्र पर इस हड़ताल का असर दिख रहा है. दिन-प्रतिदिन वैक्सीनेशन की संख्या कम होती जा रही है. प्रदर्शनकारी वीणा कुमारी ने कहा कि 10 फरवरी से शुरू हुए फाइलेरिया उन्मूलन के लिए MDA अभियान भी प्रभावित हो रहा है. लेकिन सिर्फ अपनी जिद्द की वजह से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और विभागीय मंत्री ने कोई सुध नहीं ली है. उन्होंने कहा कि सिर्फ खानापूर्ति के लिए NHM निदेशक आमरण स्थल आये थे.

इलाज के बाद दोबारा अनशन पर लौट रहे प्रदर्शनकारीः अनुबंधित नर्स और पारा मेडिकलकर्मी अपनी मांग को लेकर अडिग हैं. अनशन से बीमार होने के बावजूद भी वो टस से मस नहीं हो रहे हैं. तबीयत बिगड़ने पर इलाज के बाद दोबारा वो इस आंदोलन में शामिल होकर एकता का परिचय दे रहे हैं. अनशनकारियों में सिस्टर बबीता कुमारी अभी भी सदर अस्पताल के आईसीयू में है. अपने आंदोलन को सफल बनाने के लिए दो दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराए गए अनशनकारी नेत्र सहायक कुमार लोकेश और रितेश कुमार अस्पताल से ठीक होकर फिर धरनास्थल पर लौट आये हैं. रांची में अनुबंधित नर्सो का प्रदर्शन लगातार हो रहा है, आंदोलनकारी अनुबंधित नर्स और पारामेडिकल कर्मी नियमावली 2014 के आधार पर नियमितीकरण की मांग पर अड़े हैं.

Last Updated : Feb 12, 2023, 11:44 AM IST
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