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आरआरडीए के पूर्व चेयरमैन आरपी राजा की पहली पुण्यतिथि, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दी श्रद्धांजलि

रांची में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और आरआरडीए के पूर्व चेयरमैन आरपी राजा की पहली पुण्यतिथि के मौके पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि आरपी राजा की पहचान एक कुशल संगठनकर्ता के रूप में युवा कांग्रेस के जमाने से ही थी.

congress workers paid tribute to former chairman rp raja in ranchi
आरआरडीए के पूर्व चेयरमैन स्व आरपी राजा की पुण्यतिथि
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Published : Dec 25, 2020, 4:53 PM IST

रांचीः झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय में शुक्रवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता और आरआरडीए के पूर्व चेयरमैन आरपी राजा की पहली पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम, गरीब और जरूरतमंद लोगों के बीच उनकी याद में कंबल वितरण का कार्यक्रम आयोजित की गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता रांची महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष संजय पांडेय और कार्यक्रम का संचालन प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने किया.

बिरसा मुंडा फूटबाॅल स्टेडियम का करवाया था शिलान्यास
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष डाॅ रामेश्वर उरांव ने कहा कि आरपी राजा की पहचान एक कुशल संगठनकर्ता के रूप में युवा कांग्रेस के जमाने से ही थी. अपनी सरकार होते हुए भी मुद्दों के आधार पर ज्ञान रंजन, आरपी राजा, रोशन लाल भाटिया लगातार जनसमस्याओं को लेकर आंदोलन करते रहते थे. उन्होंने कहा कि आज भी झारखंड गठन के पूर्व उलगुलान रैली को याद किया जाता है. जिसके आयोजन में आरपी राजा ने ज्ञानरंजन के नेतृत्व में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी. एक प्रशासक के रूप में आरआरडीए के चेयरमैन के रूप में शहर के विकास को लेकर उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हुए मोरहाबादी स्थित बिरसा मुंडा फूटबाॅल स्टेडियम का शिलान्यास करवाया था. बरियातु सड़क को उन्होंने ही बनवाने का काम किया था.

इसे भी पढ़ें- हजारीबाग: क्रिसमस पर प्रार्थना सभा का आयोजन, कोरोना को दूर करने मांगी दुआ

एकीकृत बिहार में आजादी के पूर्व विधानसभा गठित
कांग्रेस विधायक दल के नेता सह मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि आरपी राजा की पारिवारिक पृष्ठभूमि भी कांग्रेस की थी. राजा छोटानागपुर कांग्रेस के प्रथम अध्यक्ष देवकी नंदन प्रसाद के सुपुत्र थे. देवकी नंदन भी 1936 में जब पहली बार एकीकृत बिहार में आजादी के पूर्व विधानसभा गठित हुई थी. तब से लेकर 1967 तक वे बिहार विधान परिषद और विधानसभा के सदस्य रहे. 1971 में युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष के रूप में आरपी राजा ने कदम रखा था. उनकी पहचान एक जुझारू और ऊर्जावान कांग्रेस नेता के रूप में थी. वर्ष 1979 से लेकर 1985 तक एकीकृत बिहार में रांची जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव के पद पर रहे और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अलावा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के भी सदस्य रहे. एकीकृत बिहार में राजा राज्यस्तरीय खाद्य आपूर्ति समिति के सदस्य भी रहे.

रांचीः झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय में शुक्रवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता और आरआरडीए के पूर्व चेयरमैन आरपी राजा की पहली पुण्यतिथि के अवसर पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम, गरीब और जरूरतमंद लोगों के बीच उनकी याद में कंबल वितरण का कार्यक्रम आयोजित की गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता रांची महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष संजय पांडेय और कार्यक्रम का संचालन प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने किया.

बिरसा मुंडा फूटबाॅल स्टेडियम का करवाया था शिलान्यास
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष डाॅ रामेश्वर उरांव ने कहा कि आरपी राजा की पहचान एक कुशल संगठनकर्ता के रूप में युवा कांग्रेस के जमाने से ही थी. अपनी सरकार होते हुए भी मुद्दों के आधार पर ज्ञान रंजन, आरपी राजा, रोशन लाल भाटिया लगातार जनसमस्याओं को लेकर आंदोलन करते रहते थे. उन्होंने कहा कि आज भी झारखंड गठन के पूर्व उलगुलान रैली को याद किया जाता है. जिसके आयोजन में आरपी राजा ने ज्ञानरंजन के नेतृत्व में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी. एक प्रशासक के रूप में आरआरडीए के चेयरमैन के रूप में शहर के विकास को लेकर उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हुए मोरहाबादी स्थित बिरसा मुंडा फूटबाॅल स्टेडियम का शिलान्यास करवाया था. बरियातु सड़क को उन्होंने ही बनवाने का काम किया था.

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एकीकृत बिहार में आजादी के पूर्व विधानसभा गठित
कांग्रेस विधायक दल के नेता सह मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि आरपी राजा की पारिवारिक पृष्ठभूमि भी कांग्रेस की थी. राजा छोटानागपुर कांग्रेस के प्रथम अध्यक्ष देवकी नंदन प्रसाद के सुपुत्र थे. देवकी नंदन भी 1936 में जब पहली बार एकीकृत बिहार में आजादी के पूर्व विधानसभा गठित हुई थी. तब से लेकर 1967 तक वे बिहार विधान परिषद और विधानसभा के सदस्य रहे. 1971 में युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष के रूप में आरपी राजा ने कदम रखा था. उनकी पहचान एक जुझारू और ऊर्जावान कांग्रेस नेता के रूप में थी. वर्ष 1979 से लेकर 1985 तक एकीकृत बिहार में रांची जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव के पद पर रहे और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अलावा अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के भी सदस्य रहे. एकीकृत बिहार में राजा राज्यस्तरीय खाद्य आपूर्ति समिति के सदस्य भी रहे.

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