रांची: राज्य में पेसा एक्ट को उसके मूल रूप में शामिल करने की मांग को लेकर कांग्रेस ने पेसा अधिकार यात्रा निकाली. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सरकार से पेसा कानून को मूल रूप में लागू करने की मांग की. इस दौरान यात्रा रांची के मोरहाबादी मैदान से कोकर स्थित धरती आबा बिरसा मुंडा के समाधि स्थल तक निकाली गई.
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यात्रा में ये कांग्रेस नेता थे शामिल: इस अधिकार यात्रा में प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सह राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडेय, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, विधायक शिल्पी नेहा तिर्की सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस के नेता कार्यकर्ता शामिल हुए. पेसा अधिकार यात्रा कि खासियत यह रही कि इसमें पांच जिलों से कांग्रेस के जनजातीय समुदाय के लोग भी पहुंचें थे. वहीं बड़ी संख्या में बापू के अनुयायी टाना भगत भी शामिल हुए.
राष्ट्रीय महासचिव अविनाश ने क्या कहा: राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे ने कहा कि 1996 में पेसा कानून उनके नेता राहुल गांधी के प्रयास से लागू हुआ था. जिसका मुख्य उदेश्य ग्रामीण व्यवस्था में सत्ता के अधिकार वहां के स्थानीय लोगों के पास हो. अविनाश पांडे ने कहा कि इससे पहले उनके नेता राजीव गांधी ने ही देश में पंचायती राज व्यवस्था को लागू किया.
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत ने क्या कहा: पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि झारखंड राज्य का निर्माण राजीव गांधी की इच्छा से हुई है. सोनिया गांधी ने इसके लिए हर तरह का सहयोग किया. कांग्रेस शुरू से ही अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी के हक और अधिकार के लिए लड़ाई लड़ती रही है.
कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष ने क्या कहा: कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि राज्य की सरकार नियमावली बनाकर राज्य में पेसा कानून लागू करने की ओर आगे बढ़ रही है. कांग्रेस की मांग है कि पेसा कानून उसी रूप में धरातल पर उतरे जैसी कल्पना की गई थी. गाैरतलब है कि कांग्रेस के पेसा अधिकार यात्रा में गांव में पेसा कानून लागू होने के बाद की व्यवस्था को प्रदर्शित करती एक झांकी भी निकाली गई थी जो आकर्षण के केंद्र में था. महात्मा गांधी के अनुयायी टाना भगतों भी परंपरागत ड्रेस में पेसा अधिकार यात्रा में शामिल हुए.