रांचीः झारखंड सरकार (Jharkhand government) में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. वजह है कि राज्य के वित्त मंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव (State Congress President Dr. Rameshwar Oraon) के दिए बयान. डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए. उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि बिना देरी किए राज्य में पिछड़ों को आरक्षण व्यवस्था लागू की जाए. इसके साथ ही अपने विधायकों को नसीहत दिया है कि पार्टी फोरम पर आरक्षण के मुद्दे को प्रमुखता से रखें. इस सार्वजनिक बयान से साफ हो गया है कि राज्य सरकार के भीतर संवादहीनता है.
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वित्त मंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव के बयान से राजनीति सरगर्मी तेज हो गई है. डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि केंद्र सरकार ने तकनीकी संस्थानों में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दे दिया है. इस स्थिति में राज्य सरकार भी बिना देरी किए पिछड़ों का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से घोषणा पत्र में भी यह वादा किया गया है. अब सवाल उठता है कि सरकार में शामिल कांग्रेस आरक्षण के मुद्दे को कैबिनेट की बैठक में रख सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं की. इसके बदले कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. उरांव ने सार्वजनिक रूप से सराकर से आरक्षण की मांग कर दी.
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष आरक्षण को लेकर बेहद गंभीर रहे हैं. कांग्रेस के घोषणा पत्र में भी आरक्षण के मुद्दा को शामिल किया गया है. हालांकि, पार्टी फोरम पर इसको लेकर बैठक नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष ने अपनी बातों को रखा है. इसमें कोई परेशानी की बात नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार को भी इन मुद्दे को लेकर संजीदा रहने की जरूरत हैं.