रांची: झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल 2020 का मामला लगातार गरमाता जा रहा है. इस बिल में खामियों को लेकर सत्ता में शामिल कांग्रेस पार्टी ने मुख्यमंत्री के सामने गुरुवार रात अपनी बात रखी है. शुक्रवार से शुरू होने वाले मानसून सत्र में भी इस बिल को लेकर हंगामा होने के आसार हैं.
कांग्रेस कोटे के मंत्री ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की, जिसमें प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव सह वित्त मंत्री, विधायक दल के नेता आलमगीर आलम सह ग्रामीण विकास मंत्री और कृषि मंत्री बादल ने अपनी बातों को मुख्यमंत्री के सामने रखा है. हालांकि इस मुलाकात को कर्टसी मुलाकात बताते हुए कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि शुक्रवार को सदन की कार्रवाई के बाद सत्ताधारी दल के सभी विधायकों की संयुक्त रुप से बैठक की जाएगी, जिसमें झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल 2020 को लेकर झारखंड की जनता के हित में निर्णय लिए जाएंगे.
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झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल 2020 को लेकर लगातार विरोध हो रहे हैं. कैबिनेट में बिल पारित होने के बाद कांग्रेस में शामिल मांडर विधायक बंधु तिर्की ने इस बिल के खिलाफ मोर्चा खोला है और इसके विरुद्ध किसी भी हद तक जाने की बात कही है, तो वहीं विपक्ष की बीजेपी ने भी इस बिल के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है. बीजेपी के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने इस बिल को वापस लेने की मांग की है. झारखंड से राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने भी इस बिल को काला कानून बताया है. उन्होंने मांग की है कि झारखंड सरकार इस बिल को तुरंत वापस ले, यह बिल झारखंड सरकार के जनविरोधी मंशा को जाहिर कर रहा है. वहीं कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी इस बिल को लेकर विरोधाभास की स्थिति रही. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने भी कहा है कि लगातार इस बिल को लेकर लोग उनसे संपर्क कर रहे हैं और मुलाकात कर इसकी खामियों से अवगत करा रहे हैं.