रांची: झारखंड के 14 लोकसभा सीटों पर सत्तारूढ़ दल बीजेपी जीत का दावा कर रही है, तो विपक्षी महागठबंधन भी जीत से इनकार नहीं कर रही है. इस चुनाव में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के लिए सबसे अहम है, क्योंकि पिछले 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अपना खाता तक नहीं खोल सकी थी. ऐसे में इस बार कांग्रेस के लिए चुनाव में जीत हासिल करना प्रतिष्ठा के लिहाज से अहम माना जा रहा है.
लोकसभा चुनाव 2019 में एनडीए और यूपीए दोनों जीत का दावा कर रहे हैं. दोनों की तरफ से प्रत्याशियों के नामों की घोषणा भी हो गई है. 2014 के लोकसभा चुनाव की तरह कांग्रेस का खाता नहीं खुल पाने के सवाल पर कांग्रेस का मानना है कि इस बार ऐसा माहौल बना है कि बीजेपी सरकार के कार्यशैली से लोग नाराज हैं और कांग्रेस के पक्ष में खड़े हैं. उन्होंने कहा कि जिसका लाभ पार्टी को मिलेगा.
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजीव रंजन ने दावा किया है कि पिछले निकाय चुनाव में जिस तरह से कांग्रेस का जनाधार बढ़ा है. उससे कांग्रेस सबसे बड़े विपक्षी दल के रूप में सामने आयी है और इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन करेगी.
वहीं, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ राजेश गुप्ता का मानना है कि पिछले 5 सालों में जिस तरह से केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार ने जनविरोधी निर्णय लिए हैं, उस लिहाज से जनता ने कांग्रेस को सत्ता में लाने का मन बना लिया है.
बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने झारखण्ड के 14 लोकसभा सीटों में से 12 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि संथाल परगना के दुमका और राजमहल सीट पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कब्जा जमाया था. पिछले लोकसभा चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाया था. जबकि कांग्रेस, जेएमएम और राजद गठबंधन के तहत चुनावी मैदान में उतरी थी.